चुनावी मौसम में भी नहीं बढ़ी होटलों में भीड़

ऋषि कुमार झा भागलपुर : विधानसभा चुनाव को लेकर स्टार प्रचारकों का आना तो हो रहा है, लेकिन किसी भी दल के बड़े नेताओं का ठहराव सामान्य तौर पर कम ही हो रहा है. ऐसे में शहर के होटलों व धर्मशालाओं में नेताओं-कार्यकर्ताओं की आमद भी न के बराबर है. यहां तक कि 12 अक्तूबर […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 4, 2015 5:48 AM
ऋषि कुमार झा
भागलपुर : विधानसभा चुनाव को लेकर स्टार प्रचारकों का आना तो हो रहा है, लेकिन किसी भी दल के बड़े नेताओं का ठहराव सामान्य तौर पर कम ही हो रहा है. ऐसे में शहर के होटलों व धर्मशालाओं में नेताओं-कार्यकर्ताओं की आमद भी न के बराबर है. यहां तक कि 12 अक्तूबर को होनेवाले मतदान के लिए भी एडवांस बुकिंग सामान्य ही है. चुनाव वाले दिन यानी 12 अक्तूबर को भी यदि कोई आता है, तो किसी भी होटल में कमरा मिलने में कोई दिक्कत नहीं होगी.
पिछले चुनावों के मुकाबले इस बार भागलपुर शहर में बाहर से बड़े नेताओं का आगमन बहुत कम होने से चुनाव प्रचार भी जोर नहीं पकड़ पाया है. बातचीत में कुछ होटल संचालकों ने बताया कि राजनीतिक दलों के स्टार प्रचारकों की भागलपुर शहर में सभा नहीं होने से उनके धंधे पर असर पड़ रहा है. जब कोई आ ही नहीं रहा है, तो होटलों में ठहरने वालों की भीड़ भी थम सी गयी है. होटलों का व्यवसाय आम दिनों की तरह ही चल रहा है, इसमें बूम आता नहीं दिख रहा है.
शहर के प्रमुख होटल ग्रैंड अशोका में इस समय कुछ ही पार्टियों के नेताओं की बुकिंग है. होटल संचालक के अनुसार कमरा बुकिंग की बात करें तो यहां पर ऐसी कोई भीड़ नहीं है. एडवांस बुकिंग को लेकर भी कोई दबाव नहीं है. होटल भावना इंटरनेशनल में भी चुनावी मौसम में औसत बुकिंग है.
नेताओं के आने-जाने का सिलिसला तो है, मगर लंबी बुकिंग अधिक नहीं है. होटल राजहंस में भी कुछ इसी तरह की स्थिति है. होटल के मैनेजर के मुताबिक चुनाव तक दो से तीन पार्टी के नेताओं की ही बुकिंग है. एडवांस को लेकर भी कोई सूचनाएं नहीं है. इसी तरह शहर की तमाम धर्मशालाएं भी खाली हैं. लॉजों में भी सूनापन है.
शहर के एक बड़े होटल व्यवसायी की मानें तो इस चुनाव में पहली बार होटलों के कमरे खाली हैं. त्योहारी मौसम होने के बावजूद चुनाव की वजह से बाहर से व्यापारी भी नहीं आ रहे. बड़े नेताओं के दौरे भी भागलपुर से सटे इलाकों में हो रहे हैं, लेकिन भागलपुर शहर में बाहर से आने वाले नेताओं की संख्या न के बराबर है. उन्होंने बताया कि चुनाव की वजह से दिक्कते ज्यादा हैं, कमाई कोई नहीं. आये दिन होटलों में सुरक्षा बल आने वालों की पड़ताल को पहुंच रहे हैं.
उधर, दो बड़े दलों कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी में चुनाव नजदीक आने के बावजूद नेताओं को लेकर कोई खास गहमागहमी नहीं है. कांग्रेस के एक बड़े स्थानीय नेता ने बताया कि उनके यहां कोई बड़ा स्टार प्रचारक नहीं आ रहा है.
हटलों के खाली रहने की वजह आचार संहिता भी है. होटल मालिकों का कहना है कि खर्च का विवरण देने से बचने के लिए भी नेता होटलों में नहीं रुक रहे हैं.

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