चार लाख से अधिक जमाबंदी में पेच

भागलपुर : प्रदेश सरकार ने जमीन की बिक्री में जमाबंदी को अनिवार्य करने का नियम तो लागू कर दिया, मगर इससे पहले अंचल स्तर पर तैयारी पूरी नहीं की गयी. राजस्व विभाग ने नये नियम को लेकर अप्रैल से ही सभी अंचलों को छूटे हुए या फिर गलत जमाबंदी में सुधार करने का टास्क दिया […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 13, 2019 8:50 AM
भागलपुर : प्रदेश सरकार ने जमीन की बिक्री में जमाबंदी को अनिवार्य करने का नियम तो लागू कर दिया, मगर इससे पहले अंचल स्तर पर तैयारी पूरी नहीं की गयी. राजस्व विभाग ने नये नियम को लेकर अप्रैल से ही सभी अंचलों को छूटे हुए या फिर गलत जमाबंदी में सुधार करने का टास्क दिया था. इस टास्क को पहले अगस्त के अंत तक सुधार करने का लक्ष्य दिया गया, फिर इसे बढ़ाते हुए सितंबर तक किया.
लेकिन अंचलों में अभी तक जमाबंदी को सुधारने का काम चल रहा है. किसी ने भी काम पूरा होने का सर्टिफिकेट नहीं दिया है. इस कारण जमीनों की जमाबंदी सही से ऑनलाइन नहीं हो पायी है. अगर जमाबंदी सही से अपडेट नहीं हुआ, तो फिर संबंधित जमीन को बेचने में रैयत को परेशानी आयेगी.
सबसे अधिक गड़बड़ी कहलगांव अनुमंडल में
ऑपरेटरों की कमी से काम हो रहा है प्रभावित
अगस्त के अंत तक जमाबंदी सुधारने का तय था लक्ष्य
पिछले साल भी लिया सर्टिफिकेट, फिर भी निकली गलती : राजस्व विभाग ने सभी जमाबंदी को ऑनलाइन करने का काम पिछले साल ही शुरू किया था. तभी तत्कालीन अंचलाधिकारी से जमाबंदी को सही से ऑनलाइन करने का सर्टिफिकेट लिया गया, लेकिन दोबारा से हजारों जमाबंदी या तो छोड़ दिये गये और गलत चढ़ा दिये गये.
एक ही ऑपरेटर पर सामान्य कामकाज के अलावा जमाबंदी सुधार का भार
राजस्व विभाग की ओर से जमाबंदी को जल्दी से अपडेट करने में अलग से ऑपरेटर नहीं दिया. इस कारण अंचल में तैनात एक ही ऑपरेटर से सामान्य कामकाज के अतिरिक्त जमाबंदी अपडेट का भी काम लिया जा रहा है.
बीच में पंचायतीराज विभाग के निर्देश पर कार्यपालक सहायक को उक्त काम में लगाया गया, लेकिन बाद में विभाग ने निर्देश को वापस कर लिया. अब जमाबंदी सुधार की प्रक्रिया बहुत धीमी है. जानकारों के अनुसार, पूरे दिन सही से ऑपरेटर जमाबंदी सुधार का काम करे, तो वह अधिकतम 50 जमाबंदी में सुधार कर सकेगा.
जमीन के असली मालिक की पहचान है जमाबंदी : राजस्व विभाग में जमाबंदी ही असली जमीन के मालिक की पहचान को बताता है. जमीन की रजिस्ट्री के बाद दाखिल-खारिज की प्रक्रिया में नये मालिक के नाम से जमाबंदी बनती है. इस जमाबंदी की प्रविष्टि अंचल के सबसे अहम दस्तावेज पंजी-2 में अंकित होता है. जमाबंदी में सुधार भी पंजी-2 से ही देखकर किया जाता है.
छूटी या त्रुटिपूर्ण जमाबंदी
अंचल संख्या
सुलतानगंज 40,705
शाहकुंड 43,425
सबौर 18,509
गोराडीह 18,253
नाथनगर 20,841
जगदीशपुर 25,837
बिहपुर 22,491
नारायणपुर 7752
खरीक 39,307
नवगछिया 24,663
गोपालपुर 16,183
इस्माइलपुर 5502
रंगरा चौक 15,448
कहलगांव 77,858
सन्हौला 23,154
पीरपैंती 67,546

Next Article

Exit mobile version