Coronavirus Latest: जालिम मियां ने फेसबुक पर वीडियो पोस्ट कर दी सफाई, कहा- मेरे खिलाफ हुई साजिश, जांच कराये सरकार

दिल्ली के निजामुद्दीन तबलीगी जमात से कोरोना के मामले बढ़ने के बाद नेपाल से कोरोना संदिग्ध भारतीय मुसलमानों को भारत में घुसपैठ कराये जाने की सूचना मिलने के बाद सीमाई क्षेत्र का प्रशासनिक अमला अलर्ट हो गया है. एसएसबी से मिली सूचना के आधार पर पश्चिम चंपारण के जिलाधिकारी ने बेतिया-बगहा के एसपी को गोपनीय पत्र लिख कर चौकसी बरतने का निर्देश दिया है. भारत में कोरोना संदिग्धों को घुसपैठ कराने के मामले में नेपाल के जालिम मियां का नाम सामने आया है.

By Kaushal Kishor | April 10, 2020 9:09 PM

पटना / बेतिया : दिल्ली के निजामुद्दीन तबलीगी जमात से कोरोना के मामले बढ़ने के बाद नेपाल से कोरोना संदिग्ध भारतीय मुसलमानों को भारत में घुसपैठ कराये जाने की सूचना मिलने के बाद सीमाई क्षेत्र का प्रशासनिक अमला अलर्ट हो गया है. एसएसबी से मिली सूचना के आधार पर पश्चिम चंपारण के जिलाधिकारी ने बेतिया-बगहा के एसपी को गोपनीय पत्र लिख कर चौकसी बरतने का निर्देश दिया है. भारत में कोरोना संदिग्धों को घुसपैठ कराने के मामले में नेपाल के जालिम मियां का नाम सामने आया है.

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भारत में कोरोना संदिग्धों को घुसपैठ कराने का आरोप लगने पर जालिम मियां ने फेसबुक पर वीडियो साझा करते हुए सफाई दी है. जालिम मियां ने अपने ऊपर लगे आरोपों के संबंध में फेसबुक लाइव के जरिये कहा है कि उसके खिलाफ साजिश रची गयी है. वह हर तरफ से जांच के लिए तैयार है. इसके लिए उसने गृह मंत्रालय, सरकार तथा स्थानीय प्रशासन को भी सूचना दी है. जालिम मियां का कहना है कि वह राजनीतिक व्यक्ति है. इसलिए फंसाया जा रहा है. पूरी दुनिया में कोरोना का प्रकोप है. ऐसे में क्या मैंने ही हर जगह कोरोना वायरस फैलाया है. उसने मामले में जांच कर साजिश रचनेवाले के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत के सीमावर्ती जिले पश्चिम चंपारण के रक्सौल शहर से सटे नेपाल के शहर में जालिम मियां का आतंक है. लकड़ी की तस्करी से शुरुआत करनेवाला जालिम मियां पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर भारतीय जाली नोट का कारोबार करने का भी आरोप है. यही नहीं, जालिम मियां पर हिंदूवादी नेता की हत्या का भी आरोप है. अब जालिम मियां पर नेपाल में हुए इज्तिमा के बहाने पाकिस्तान के लोगों को नेपाल बुलाने और नेपाली परिचय पत्र पर भारत के दिल्ली स्थित निजामुद्दीन मरकज के तबलीगी जमात में भेजने का आरोप लगा है. बताया जाता है कि जालिम मियां को नेपाल के सत्तारूढ़ दल के अध्यक्ष और माओवादी नेता प्रचंड का वरदहस्त प्राप्त है. प्रतिबंधित लकड़ी की तस्करी के आरोप में जालिम मियां जेल भी जा चुका है.

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जालिम मियां भारतीय खुफिया एजेंसियों के रडार पर उससमय पहली बार आया था, जब नेपाल में आईएसआई के संचालक यूनुस‌ अंसारी के कहने पर पाकिस्तान से आनेवाले जाली भारतीय नोटों को भारत में पहुंचाने लगा था. उसके करीबी लोगों की गिरफ्तारी के बार वह गायब हो गया था. नेपाल पुलिस ने जब यूनुस अंसारी को गिरफ्तार किया और भारतीय खुफिया एजेंसियों ने भारत विरोधी काम करनेवालों का एनकाउंटर शुरू किया, तो जालिम माओवादी पार्टी में शामिल हो गया. जालिम मियां पर हिंदू युवा संघ के अध्यक्ष काशी तिवारी की हत्या में शामिल होने का भी आरोप है. हत्याकांड में वह कई महीनों तक हिरासत में भी रह चुका है. बाद में जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद नेपाल के स्थानीय निकाय चुनाव में वह माओवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और भारतीय सीमा से सटे नेपाल के जगन्नाथपुर गांव पालिका का प्रधान बन गया. जगन्नाथपुर ग्राम विकास समिति का प्रधान बनने के बाद जालिम मुखिया की गतिविधि पश्चिम चंपारण जिले के सीमावर्ती क्षेत्र सिकटा एवं कंगली थाना क्षेत्र में बढ़ने लगी.

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