बिहार के टॉप टेन में प्रथम,पांचवें, सातवें और 10 वें स्थान पर पश्चिम चंपारण ने किया दबदबा कायम

मैट्रिक बोर्ड की परीक्षा में बिहार के टॉप टेन में पश्चिम चंपारण ने प्रथम,पांचवें, सातवें और 10 वें स्थान पर अपना दबदबा दिखाने का ऐतिहासिक कीर्तिमान बनाया है.

By SATISH KUMAR | March 29, 2025 9:29 PM

रवि ””””रंक””””,बेतिया मैट्रिक बोर्ड की परीक्षा में बिहार के टॉप टेन में पश्चिम चंपारण ने प्रथम,पांचवें, सातवें और 10 वें स्थान पर अपना दबदबा दिखाने का ऐतिहासिक कीर्तिमान बनाया है. इनमें भी अव्वल रहकर 489 अंक के साथ बिहार बनी नौतन प्रखंड के भारतीय इंटर काॅलेज गहिरी की छात्र अंशु कुमारी के प्रवासी मजदूर पिता भूपेंद्र साह नैनीताल में पेंटिंग का कार्य कर के परिवार का पालन पोषण करते हैं. अंशु की गृहणी माता सविता देवी की चार संतानों में तीन बेटी और एक बेटे में अंशु इकलौते भाई और एक बहन के बाद तीसरी संतान है. बेटी के बिहार टॉपर बनने के बाद उसकी मां की आंखें खुशी के मारे छलक पड़ीं. महज दो साल पहले ही कैंसर से लड़कर उबरी मां सविता देवी बोलीं कि आज हमारी बेटी ने हमारे कोख को धन्य कर दिया. अंशु बड़ा भाई आलोक इंटर पास कर के दिल्ली में बेल्डर का कार्य करता है. वहीं 485 अंक के साथ बिहार में पांचवें स्थान पर पहुंचने वाला राजन कुमार रौनियार गंडक के दियारावर्ती पकड़ियाहवा – खोतहवा उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय का छात्र है. वही 483 अंक के साथ बिहार में सातवां स्थान पाने वाली लौरिया नगर पंचायत के बागड़ कुंवर कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की छात्रा है.वही बिहार की टॉप टेन में 480 अंक के साथ दसवें को पाने वाली खुशी कुमारी जिला मुख्यालय के प्रतिष्ठित संत तेरेसा बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की छात्रा है. जिला शिक्षा अधिकारी मनीष कुमार सिंह ने बिहार के टॉप टेन शामिल जिला की तीन छात्राओं और गंडक पार मधुबनी अंचल के छात्र राजन कुमार रौनियर को बधाई और उज्ज्वल भविष्य की शुभकामना दी है. डीईओ श्री सिंह ने बताया कि 17 फरवरी से 25 फरवरी चली बिहार बोर्ड के 10वीं की वार्षिक परीक्षा में जिले से कुल 51699 छात्र छात्राओं ने परीक्षा दी थी. खुशी ने बिहार टॉप 10 में जगह बना स्कूल और परिवार को दी खुशियों की सौगात आलोक अगस्टीन, बेतिया मेहनत यह नहीं देखती कि आपकी पारिवारिक पृष्ठभूमि क्या है. आपकी पिछली पीढ़ी कितनी पढ़ी लिखी है या उसके पास कितनी डिग्रियां है. बल्कि आपकी आज की मेहनत कल जरूर अपना रंग दिखाती है. ऐसी ही है खुशी की कहानी.. बेतिया के संत तेरेसा बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में कक्षा यूकेजी से पढ़ाई कर रही खुशी हर बार शत प्रतिशत अटेंडेंस को लेकर अपने स्कूल में प्राइज लेती रहती थी. अपनी मेहनत व स्कूल में शिक्षक शिक्षिकाओं तथा घर में माता-पिता और भाई बहन के सहयोग ने खुशी के अंदर टॉपर बनने की ऐसी जिद भर दी कि वह आज बिहार टॉप 10 लिस्ट में अपना नाम देखकर काफी खुश हो रही है. टॉपर बनकर खुशी ने स्कूल और परिवार को खुशियों की ऐसी सौगात दी है. जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता. डॉक्टर बनने का सपना सजा रखी खुशी 12वीं की पढ़ाई भी संत तेरेसा स्कूल से ही करना चाहती है. सेल्फ स्टडी तथा स्कूली शिक्षक शिक्षिकाओं की मदद से पढ़ाई की खुशी ने अपनी जूनियर्स को खूब मेहनत करने की सलाह दी है. शहर के कोतवाली चौक के समीप की रहने वाली खुशी के पिता विजय कुमार निजी क्षेत्र में सेल्समैन का काम करते है. जबकि मां मुन्नी देवी गृहिणी है. वही खुशी के बड़े भाई किशन कुमार केआर के भूतपूर्व छात्र रहे है. उन्होंने इस वर्ष आरएलएसवाई कॉलेज से इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण की है. जबकि छोटी बहन स्वीटी संत तेरेसा स्कूल में ही दसवीं की छात्रा है. – शत प्रतिशत रहा संत तेरेसा का परीक्षा परिणाम बेतिया. संत तेरेसा बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का परीक्षा परिणाम इस वर्ष भी शत प्रतिशत रहा है. प्रधानाध्यापिका सिस्टर रेखा टुड्डू ने बताया कि इस वर्ष मैट्रिक की परीक्षा में 197 छात्राएं शामिल हुई थी. जिसमें 185 छात्राएं प्रथम श्रेणी में तथा शेष 12 छात्राएं द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण हुई है. छात्राओं की इस बार की भी शत प्रतिशत सफलता पर विद्यालय गौरवान्वित महसूस कर रहा है. प्रिंसिपल सिस्टर रेखा ने बताया कि टॉपर्स और संत तेरेसा स्कूल का पुराना नाता है. इस वर्ष भी विद्यालय की छात्रा खुशी कुमारी ने बिहार टॉप 10 में जगह बनाई है. खुशी और अन्य छात्राओं की सफलता के पीछे शिक्षक शिक्षिकाओं के पठन-पाठन के तरीके तथा विद्यार्थियों की मेहनत ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. जहां गरजती थी बंदूकें वहां की बेटियां कर रही नाम रौशन अवध किशोर तिवारी, बेतिया इस वर्ष बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से आयोजित दसवीं एवं बारहवीं की परीक्षा के परिणाम ने जिले के नाम को रौशन करनेवाली बेटियां उस क्षेत्र से आती है जिस क्षेत्र में कभी बंदुकें गरजती थी. हैरत की बात तो यह है कि ग्रामीण परिवेश को छोड़ शहरी चकाचौंध की दुनिया में अपने बाल बच्चों को पढ़ाने के लिए गांव छोड़ शहर आनेवाले अभिभावक भी मन मसोस रहे है कि गांवों से भी अब प्रतिभा निकलने लगा है. इंटर की स्टेट टॉपर प्रिया एवं मैट्रिक की स्टेट टॉपर अंशु ने कभी सोंचा भी नही होगा कि वह पूरे राज्य में टॉप करेगी. जिलाधिकारी दिनेश कुमार राय ने भी कहा है कि आज ये लड़कियां न सिर्फ अपने परिवार और समाज का नाम रौशन कर रही है बल्कि अपने गांव को भी एक नई पहचान दी है. प्रिया और अंशु जैसी लड़कियां भी अपने सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत कर रही है. अल्प संसाधन में पढ़ाई कर राज्यभर में अव्वल आनेवाली लड़कियों ने ऊंचे रसूख रखनेवाले बच्चों घर एवं बाहर में ट्यूशन करनेवाले छात्रों को सबक देने का काम किया है. इन छात्राओं ने समाज को भी भी रुढ़ीवादी विचारधारा से अलग होने का संदेश दिया है कि लड़कियाें को काम केवल घर में रहकर खाना बनाना हीं नही बल्कि यदि वह ठान ले तो कुछ भी कर सकती हैं. इंटर में अव्वल आनेवाली प्रिया के पिता कभी नक्सलियों का गढ़ माना जानेवाले थरुहट की राजधानी हरनाटांड़ में आटा चक्की का मिल चलाकर अपने एवं अपने परिवार को भरण पोषण करते हैं. जबकि मैट्रिक की परीक्षा में अव्वल आनेवाली अंशु के पिता दूसरे प्रांत में मजदूरी करते हैं. अंशु जिस क्षेत्र से आती है वह क्षेत्र भी कभी दस्यु सरगनाओं के चंगुल में रहता था. गंडक दियारा वर्ती क्षेत्र में मौजूद गहिरी में अंशु के इंटर कालेज का संचालन किया जाता है. यह वित्तरहित शिक्षण संस्थान है. नौतन प्रखंड का गहिरी गांव यहां 90 के दशक में लोग वहा जाने से कतराते थे. जंगल पार्टी के आपसी बर्चस्व में यहां बंदुके गरजती रहती थी. धरती खुन से लाल होती थी. सुबह निकलनेवाले शाम को घर लौट पायेंगे इस पर संशय रहता था. यहीं हालत थरुहट की राजधानी कहे जानेवाले हरनाटांड़ की भी थी. जब नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बन तो बदलाव का असर यहां भी दिखने लगा. दियारा के हीं छात्र ने रचा इतिहास मैट्रिक परीक्षा 2025 के रिजल्ट में दियारा की लड़की हीं नही बल्कि दियारा क्षेत्र के छात्र ने भी इतिहास रच डाला है. जिले के मधुबनी प्रखंड के खोतहवा के छात्र राजन रौनियार ने बिहार में टॉप टेन में शामिल होकर गंडक पार क्षेत्र का नाम रौशन किया है. पेंटर की बेटी बनीं मैट्रिक परीक्षा में स्टेट टाॅपर नीट की परीक्षा निकालकर डाक्टर बनना चाहतीं अंशु राजकुमार, नौतन बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा में भारतीय इंटर महाविद्यालय गहिरी काॅलेज की छात्रा अंशु कुमारी ने बिहार में टाॅप कर परिवार समेत जिले का नाम रौशन किया. अंशु कुमारी के पिता जी नैनीताल में पेंटर का काम करते हैं. अंशु कुमारी नीट की तैयारी कर डाक्टर बनना चाहती है. गहिरी बैक टोला गांव के भूपेंद्र साह के पुत्री अंशु कुमारी का मैट्रिक परीक्षा का परिणाम आते ही सभी अचंभित हो गयें कि आखिरकार कैसे इतनी बड़ी सफलता हासिल हो गयीं. गहिरी बैंक टोला गांव के अंशु कुमारी के दरवाजे पर शनिवार को दोपहर ग्रामीणों और महाविद्यालय गहिरी के शिक्षकों की संख्या भारी संख्या में उमड़ गयीं. महाविद्यालय के भूमि दाता सह कालेज के संस्थापक विभूति नारायण राय ने सबसे पहले अंशु कुमारी माता सबिता देवी को मिठाई खिलाकर बधाई दी. इस दौरान शिक्षकों में उमाशंकर राय , मनीष कुमार गुप्ता, बिनोद गिरी, गूजन राय, नगीना सिंह, ललन चौधरी, मनोज कुमार यादव, रूपेश सिंह, आदि ने छात्रा अंशु कुमारी को बधाई दी है. बताते चले कि अंशु कुमारी तीन बहनों में तीसरे नंबर की है. बहनों में पुजा कुमारी और अनू कुमारी का नाम शामिल हैं. सबसे बड़ा एक भाई आलोक कुमार है. बताया जाता है कि अंशु कुमारी की माता सबिता देवी को दो साल पहले कैंसर की बीमारी हुई थी. इस दर्द को लेकर अंशु कुमारी डाक्टर बनकर समाज में गरीब मरीजों को सेवा करने की बात कहीं है.अंशु कुमारी कोचिंग के साथ साथ सात से आठ घंटे पढाई करतीं थीं. इस कामयाबी को लेकर इलाके के लोगों में उत्साह का माहौल कायम है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है