गुमटी संख्या 47-ए पर लाइट ओवरब्रिज के टेंडर के 25 माह बाद भी नहीं शुरू हुआ काम

सस्ती व सुलभ यात्रा के लिए लोगों की पहली पसंद हमेशा से रेल सेवा ही होती है. बेगूसराय रेलवे स्टेशन का विकास हो, यह सपना हर यात्री देखते हैं, लेकिन विकास के नाम पर महज ही एक खानापूर्ति बेगूसराय के यात्रियों का साथ किया जा रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | February 17, 2025 10:25 PM

बेगूसराय.

सस्ती व सुलभ यात्रा के लिए लोगों की पहली पसंद हमेशा से रेल सेवा ही होती है. बेगूसराय रेलवे स्टेशन का विकास हो, यह सपना हर यात्री देखते हैं, लेकिन विकास के नाम पर महज ही एक खानापूर्ति बेगूसराय के यात्रियों का साथ किया जा रहा है. वर्ष 2024-2025 के बजट में भी बेगूसराय के हिस्से में कुछ नहीं आयी. जबकि इससे इतर पहले से तय योजना भी अधर में लटकी हुई है. वर्ष 2022 के दिसंबर माह में रेलवे ने लोहियानगर गुमटी पर लाइट ओवरब्रिज बनाने की घोषणा की थी. लोहियानगर गुमटी संख्या 47- ए पर प्रस्तावित लाइट ओवरब्रिज (हल्का पूल) का टेंडर हुये 25 महीने से अधिक का समय हो चुका है, लेकिन वर्तमान समय तक लाइट ओवरब्रिज के लिए निर्माण कार्य नहीं शुरू हो सका है.

लाइट ओवरब्रिज के लिए पांच करोड़ 85 लाख रुपये में हुआ था टेंडर :

लोहियानगर गुमटी संख्या 47-ए पर प्रस्तावित लाइट ओवरब्रिज के लिये जनवरी 2023 में टेंडर के लिये विभिन्न अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित किया गया था. टेंडर के लिए अंतिम तिथि 16 जनवरी 2023 निर्धारित भी थी. लाइट ओवरब्रिज के लिए 05 करोड़ 85 लाख 59 हजार 581 रुपया 17 पैसा की राशि तय की गयी. जिसके लिए अग्रधन के रूप में 04 लाख 42 हजार 800 रुपये का भुगतान भी किया जा चुका है. ये सभी प्रक्रियाएं जनवरी 2023 में ही पूरी कर ली गयी थी. अब फरवरी 2025, यानी 25 माह बीत जाने के बाद भी लोहियानगर गुमटी पर लाइट ओवरब्रिज का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है.

अप्रैल 2023 में ही किया जा चुका है मिट्टी जांच (सॉयल टेस्टिंग) :

लोहियानगर गुमटी संख्या 47-ए पर लाइट ओवरब्रिज के लिए 24 अप्रैल 2023 से मिट्टी जांच शुरू की गयी थी. करीब 08 से 12 दिनों तक दर्जनों मजदूर एवं कर्मियों के द्वारा खुदाई कर मिट्टी निकाली गयी. इंडियन रेलवे की यूनिट गतिशक्ति ने मिट्टी जांच का कार्य शुरू किया था. वहीं अप्रैल 2023 को ही सोनपुर रेल मंडल के मुख्य परियोजना निर्देशक (सीपीएम) एवं मंडल इंजीनियर की टीम ने लोहियानगर गुमटी संख्या 47-एपर बनने वाले लाइट ओवरब्रिज स्थल का निरीक्षण किया था. समस्तीपुर जंक्शन में बने लाइट ओवरब्रिज के तर्ज पर होगा बेगूसराय में भी पुल : समस्तीपुर जंक्शन के समीप बने लाइट ओवरब्रिज के तर्ज पर ही बेगूसराय लोहियानगर गुमटी संख्या- 47-ए पर इसका निर्माण कराये जाने का फैसला लिया गया था. लाइट ओवरब्रिज बनने के बाद लोहियानगर गुमटी को बंद कर दिया जायेगा. लाइट ओवरब्रिज पर हल्के वाहन ठेला, रिक्शा, छोटे वाहन, मोटरसाइकिल सहित पैदल चलने वालों को सहूलियत होगी.

घंटों बंद रहने की स्थिति में खड़े रहते हैं लाचार लोग :

वर्तमान स्थिति के अनुसार भारी गाड़ियों के लिए लोहियानगर गुमटी पर ओवरब्रिज तो बना हुआ है ही, लेकिन घुमावदार व लंबी दूरी के कारण बीमार, वृद्ध, महिला व बच्चे 47-ए गुमटी होकर ही लोहियानगर, बाघा, बाघी, आनंदपुर, सुहिर्दनगर मोहल्ले तक जाते हैं. रेलवे के अनुसार यहाँ लाइट ओवरब्रिज( हल्का पूल) बन जाने से ऐसे लोगों को ज्यादा घुमावदार दूरी तय करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. क्या कहते हैं रेलवे के महासचिव

लोहिया नगर गुमटी के पास ओवरब्रिज बनने के बाद रेल प्रशासन गुमटी को बंद करने हेतु वर्षों से प्रयासरत है. इसे बंद होने पर पैदल-सायकिल, ठेला-रिक्सा वालों को भारी कष्ट व खतरा उठाना तय है. इस हेतू पूमरे दैनिक रेल यात्री संघ सहित अन्य संघ, संगठनों तथा आमलोगों के आग्रह/दबाव के बाद लगभग दो वर्ष पूर्व रेलवे ने यहां लाइट ओवरब्रिज बनाने की घोषणा की और तदनुसार इस हेतु टेंडर जारी किया. पर दो वर्ष से ज्यादा बीत जाने के बाद भी धरातल पर कुछ भी दिखाई नहीं दिया है. हालात यह है कि रेल प्रशासन भी बाघा गुमटी, क्षतिग्रस्त बाघा बायपास, वर्ल्ड क्लास- अमृत भारत स्टेशन प्रोजेक्ट जैसे कई पूर्व घोषित योजनाओं पर कुंडली मारकर बैठ गया है. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण, आश्चर्यजनक, निंदनीय व चिंताजनक है. रेल प्रशासन, मंत्रालय और रेल मंत्री को इस संदेहास्पद और हास्यास्पद चुप्पी पर अविलंब संज्ञान लेना चाहिए.

राजीव कुमार, महासचिव, पूर्व मध्य रेलक्या कहते हैं स्थानीय लोग

लाइट ओवरब्रिज 50 से 60 हजार लोगों के लिए वरदान साबित होगा. साइकिल, रिक्शा जैसे छोटे वाहन, बीमार यात्री, वृद्ध, महिला व बच्चे लाइट ओवरब्रिज का भरपूर उपयोग कर सकेंगे.

नीतीश कुमार, व्यवसायी

ट्रेनों के आने के दौरान लोहियानगर गुमटी के फाटक को लगा दिया जाता है. जिस वजह से लोहियानगर से एनएच-31 आने में सेकेंड का समय मिनटों में लगता है. खासकर कर इन क्षेत्रों में पढ़ने वाले छात्र लोहियानगर गुमटी से होकर आना-जाना करते हैं.

रौशन कुमार, स्टूडेंट

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