पीएम मोदी आज गंगा पर बने सिक्सलेन सड़क पुल राष्ट्र का करेंगे उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प से सिद्धि लक्ष्य के तहत न केवल देश विकास की नयी ऊंचाई पर पहुंच रहा है, बल्कि आधारभूत संरचना और अर्थव्यवस्था में मजबूती की उपाय करने के साथ-साथ सामरिक दृष्टिकोण से भी कार्य किए जा रहे हैं.
बीहट. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प से सिद्धि लक्ष्य के तहत न केवल देश विकास की नयी ऊंचाई पर पहुंच रहा है, बल्कि आधारभूत संरचना और अर्थव्यवस्था में मजबूती की उपाय करने के साथ-साथ सामरिक दृष्टिकोण से भी कार्य किए जा रहे हैं. पूरे देश के साथ बिहार का महत्वपूर्ण अंग बेगूसराय काफी तेजी से प्रगति के पथ पर अग्रसर है.आने वाले वर्षों में बेगूसराय ना केवल बिहार को एक नई पहचान और दिशा देगा,बल्कि आर्थिक और सामरिक दृष्टिकोण से भी देश में नई मिसाल कायम करेगा. बेगूसराय में गंगा नदी पर बने राजेन्द्र पुल के एक ओर सिक्स लेन सड़क पुल बनकर तैयार है, तो दूसरी ओर डबल लाइन रेल पुल भी जल्द ही बनकर विकास की पटरी पर सरपट दौड़ेगी. बिहार की कनेक्टिविटी को नई उड़ान देने वाला औंटा से सिमरिया महासेतु बनकर तैयार है. मोकामा के औंटा और बेगूसराय के सिमरिया को जोड़ने वाला सिक्स लेन का यह पुल अब विकासशील बिहार का प्रतीक होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 22 अगस्त को सिमरिया आ रहे हैं. इसी क्रम में इस आधुनिक बिहार के महासेतु को जनता को समर्पित करेंगे. नया पुल न केवल भारी वाहनों के आवागमन को आसान बनाएगा बल्कि पूर्वोत्तर राज्यों के जंक्शन के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण होने वाला है, जिसका लाभ न केवल बेगूसराय समेत आस पास के क्षेत्र को होगा बल्कि ये पूरे बिहार और देश के लिए भी अहम होने वाला है. इस पुल के शुरू होने से जहां उद्योग और व्यापार को लाभ मिलेगा वहीं, पूर्वोत्तर हिस्सा भी मजबूत होगा.
उत्तर और दक्षिण बिहार की कनेक्टिविटी में आयेगा ऐतिहासिक बदलाव
इस परियोजना की कुल लागत 1871 करोड़ रुपये है. गंगा नदी पर तैयार किए इस पुल की लंबाई 1.865 किलोमीटर है, जबकि एप्रोच रोड सहित इसकी कुल लंबाई 8.150 किलोमीटर है. इसके निर्माण से उत्तर और दक्षिण बिहार की कनेक्टिविटी में ऐतिहासिक बदलाव आएगा.विदित हो कि यह देश का सबसे चौड़ा सिक्स लेन पुल है. औंटा-सिमरिया पुल की चौड़ाई 34 मीटर है, जो सामान्य छह लेन पुल (29.5 मीटर) से 4.5 मीटर अधिक है.इसकी वजह से एक साथ ज्यादा वाहन आसानी से गुजर सकेंगे. पथ निर्माण विभाग के मुताबिक, यह देश के सबसे चौड़े सिक्स लेन पुलों में शामिल है.70 साल पुराने सेतु का बोझ होगा कम
अब तक मोकामा-सिमरिया में सिर्फ एक 2 लेन का रेल-सह-सड़क पुल राजेंद्र सेतु ही था. जिसका उद्घाटन 1959 में श्रीकृष्ण सिंह के शासन काल के दौरान किया था. समय के साथ इस पुल पर यातायात का काफी दबाव था. लिहाजा तेज कनेक्टिविटी के लिए एक बड़ी परियोजना की जरूरत लंबे समय से महसूस हो रही थी. अब 8 किलोमीटर का 6 लेन वाला नया पुल बन कर तैयार है. जिसे 22 अगस्त को जनता को सौंपा जाएगा.2017 में रखी गयी थी आधारशिला
इस पुल को बन कर तैयार होने में लगभग 10 वर्ष लग गए. बताते चलें, पीएम मोदी ने बिहार के लिए विशेष पैकेज की घोषणा 2015 में की थी. इसी पैकेज के तहत इस 6 लेन वाले महासेतु का निर्माण किया गया है. 2017 में मोकामा में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान में प्रधानमंत्री ने इसकी आधारशिला रखी थी.अब यह सपना साकार होने जा रहा है.जहाजों के लिए भी आसान रास्ता
यह एक एक्सपैंशन केबल ब्रिज है, जिसके नीचे से बड़े मालवाहक जहाज भी गुजर पाएंगे.एप्रोच रोड सहित पुल की कुल लंबाई 8.150 किमी है, जबकि गंगा पर मुख्य पुल की लंबाई 1.865 किमी है. इस प्रोजेक्ट पर 1871 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं.इसकी परिकल्पना पथ निर्माण विभाग के पूर्व प्रधान सचिव और मौजूदा मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने की थी. प्रधानमंत्री मोदी ने 2015 में बिहार पैकेज के तहत इस पुल की घोषणा की थी और 2017 में शिलान्यास किया था.उत्तर बिहार को ज्यादा फायदा
यह पुल पुराने दो लेन के राजेंद्र सेतु के समानांतर बनाया गया है.नए पुल से भारी वाहनों की आवाजाही तेज और आसान होगी, ईंधन की बचत होगी और उत्तर बिहार के कई जिलों का पटना से सीधा संपर्क हो जाएगा.इसके साथ ही बख्तियारपुर-मोकामा चार लेन सड़क का उद्घाटन भी किया जाएगा.हैम मॉडल में बनी पहली परियोजना
औंटा-सिमरिया पुल बिहार की पहली परियोजना है जो हैम (हाइब्रिड एन्यूटि मॉडल) में बनी है. इसमें निर्माण करने वाली कंपनी 60% खर्च वहन करती है और सरकार केवल 40% देती है.विकास को नई गति देते हुए गंगा नदी पर कच्ची दरगाह-बिदुपुर, जेपी सेतु समानांतर और शेरपुर-दिघवारा के बीच भी छह लेन पुल बन रहे हैं.लेकिन सबसे पहले चालू होने का रिकॉर्ड औंटा-सिमरिया पुल के नाम है.यह पुल उत्तर बिहार की अर्थव्यवस्था और कनेक्टिविटी के लिए गेमचेंजर साबित होगा.पटना जाने वाले लोग सिक्सलेन पुल, तो लखीसराय जाने वाले लोग राजेंद्र सेतु का करेंगे उपयोग
सिमरिया गोलंबर के पास से ही पटना की ओर जाने वाले लोग सिक्सलेन सड़क पुल होकर जायेंगे जबकि हाथीदह,मरांची व लखीसराय की तरफ जाने वाले लोगों के लिए राजेन्द्र सेतु का मार्ग सुगम होगा.वहीं बेगूसराय,खगड़िया व बरौनी,समस्तीपुर की तरफ जाने वाले लोग सिमरिया गोलंबर से ही बरौनी-जीरोमाईल एन एच-31 सड़क से जायेंगे.इसी तरह गंगा नदी के उस पार औंटा गोलंबर से बेगूसराय आने वाले लोग औंटा-सिमरिया सिक्सलेन सड़क पुल से आयेंगे जबकि हाथीदह-लखीसराय जाने वाले लोग औंटा गोलंबर कै पास से ही एन एच-80 सड़क की तरफ जाने के लिए बाटा मोड़ की तरफ से सड़क पकड़ेंगे.गोलंबर निर्माण के बाद बदली है सिमरियाधाम की तस्वीर
गंगा नदी पर औंटा-सिमरिया सिक्सलेन सड़क पुल का निर्माण के दौरान गंगा नदी के उस पार औंटा में तथा गंगा नदी के इस पार सिमरिया धाम में राजेंद्र पुल रेलवे स्टेशन के सामने एन एच-31 पर रोटरी(गोलंबर) का निर्माण होने से आवागमन में निश्चित रूप से लोगों को सुविधा हो रही है.100 मीटर की गोलाई में निर्मित गोलंबर बरौनी-जीरोमाइल गोलंबर की तरह ही भव्य रूप में दिख रहा है.यहां इसके सौंदर्यीकरण को लेकर ड्रेन का निर्माण,पौधारोपण,वाटर फाउंटेन,फूल और रोशनी के लिए हाइमास्ट लगे हैं जो विशेष कर रात में अलग नजारा पेश करते हैं.हालांकि इसे और सजाने-संवारने का काम चल रहा है.राजेंद्र पुल पर भी अगले माह तक दौड़ने लगेंगे वाहन
राजेन्द्र पुल के सड़क मार्ग पर मरम्मती कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है.अगले माह तक दोनों लेन से वाहनों का आवागमन शुरू होने की संभावना बतायी जा रही है.राजेन्द्र पुल के रेल मार्ग में स्पेन स्टिंजर की मरम्मति का कार्य भी लगभग पूरा कर लिया गया है. विदित हो कि राजेन्द्र पुल का मरम्मत एस पी सिंगला एजेंसी के द्वारा 60 करोड़ की लागत से जुलाई 2022 से किया जा रहा है.लेकिन पुल पर ट्रैफिक अधिक रहने की वजह से दो वर्ष में पूरा होने वाला कार्य तय समय सीमा पर पूरा नहीं किया जा सका.मरम्मत के दौरान राजेन्द्र पुल के सड़क मार्ग पर वन वे व्यवस्था रहने से वाहन चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.फिलहाल पुल के सड़क मार्ग में मरम्मत के साथ पुल के दोनों ओर रेलिंग लगाने व पेंटिंग समेत अन्य कार्य किया जा रहा है.इसके अलावा पुल पर गाड़ी के वजन समेत 16 टन वजन से अधिक क्षमता वाले वाहनों का आवागमन नहीं हो इसको लेकर पुल के दोनों ओर चलते वाहनों को तौलने वाली मशीन लगाने के लिए जगह का चयनि कर लिया गया है.सिक्स लेन सड़क पुल के नामकरण को लेकर बहस तेज
बिहार सहित बेगूसराय जिले की राजनीति इन दिनों एक महत्वपूर्ण बहस पर केंद्रित है. मामला सिमरिया में गंगा नदी पर नवनिर्मित सिक्स लेन सड़क पुल के नामकरण का है.यह पुल उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने का काम करेगा और परिवहन के लिए बड़ी राहत साबित होगा,लेकिन सवाल यह है कि इसका नाम किसके नाम पर रखा जाना चाहिए.इसी को लेकर राजनीतिक दलों,सामाजिक कार्यकर्ताओं और शिक्षाविदों के बीच चर्चा तेज हो गई है.कुछ लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख चुके हैं, तो कुछ स्थानीय स्तर पर अपनी राय व्यक्त कर रहे हैं. मोटेल व्यवसायी राजीव कुमार ने कहा इस पुल का नाम ‘अटल सेतु’ होना चाहिए.वहीं नीरज कुमार ने कहा इसका नामाकरण राष्ट्रकवि दिनकर तो कुछ लोगों की नजर में बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ.श्रीकृष्ण सिंह के नाम पर होना चाहिए तो कुछ लोगों ने कहा ‘न्यू राजेंद्र सेतु’ कहा जाना चाहिए.वहीं डा भीमराव अंबेडकर के नाम पर भी कुछ लोगों ने सहमति दी है.अब देखना दिलचस्प होगा कि जनता और नेताओं के बीच उठ रहे इन तमाम सुझावों में से किस नाम पर मुहर लगती है.अटल सेतु,दिनकर सेतु,श्रीकृष्णा सेतु या न्यू राजेंद्र सेतु.यही सवाल फिलहाल बिहार की सियासत में सबसे चर्चित मुद्दा बना हुआ है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
