बकाया राशि नहीं देने पर मरीज व परिजन को बनाया बंधक
नगर परिषद क्षेत्र के पटेल चौक से पश्चिम रविवार की देर शाम किरण फिजियोथेरेपी के नाम से संचालित क्लिनिक में बकाया राशि नहीं देने पर मरीज एवं उनके परिजन को बंधक बनाने का मामला प्रकाश में आया है.
बलिया. नगर परिषद क्षेत्र के पटेल चौक से पश्चिम रविवार की देर शाम किरण फिजियोथेरेपी के नाम से संचालित क्लिनिक में बकाया राशि नहीं देने पर मरीज एवं उनके परिजन को बंधक बनाने का मामला प्रकाश में आया है. वहीं मरीज एवं उनके परिजन को रिहा करने को लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं के द्वारा सड़क जामकर क्लिनिक के विरोध में जमकर नारेबाजी भी की गयी. जिसकी जानकारी देते हुये सामाजिक कार्यकर्ता सह स्थानीय नगर परिषद के वार्ड पार्षद अविनाश कुमार ने बताया कि शाम के समय स्थानीय बाजार में एक वृद्ध के द्वारा लोगों से सहयोग की मांग की जा रही थी. जिस वृद्ध से पूछताछ करने पर वृद्ध ने बताया कि मेरी बच्ची पटेल चौक स्थित क्लिनिक में भर्ती है. जिसे इलाज को लेकर पैसे की जरूरत है. इसके बाद अविनाश कुमार सुमित कुमार सहित दर्जनों लोग उक्त क्लिनिक पर पहुंचे. जहां फिजियोथैरेपी कराये जा रहे क्लिनिक में बच्चे को उल्टी दस्त का इलाज के नाम पर शनिवार से लेकर रविवार की शाम तक 10 हजार 500 की राशि जमा करने की बात क्लिनिक के संचालिका के द्वारा कहा गया. जिस पर मरीज के परिजन के द्वारा 8000 की भुगतान कर दी गयी थी. 2500 रुपये की मांग की जा रही थी. परिजन के द्वारा असमर्थता जाहिर करने के बाद क्लीनिक में मौजूद संचालिका के द्वारा पेशेंट को नहीं दिये जाने लगा. इसके बाद स्थानीय कार्यकर्ताओं के द्वारा राशि में कुछ कटौती कर परिजन को मुक्त करने की बात कही. जिस पर संचालिका के द्वारा कुछ नेताओं के नाम लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं को धमकी दिये जाने लगा. जिस पर सामाजिक कार्यकर्ता नाराज होकर पटेल चौक के सड़क को लगभग आधे घंटे से अधिक तक जाम किया गया. वहीं जाम की सूचना पर स्थानीय पुलिस पहुंचकर मामले को शांत कराया. मरीज एवं उनके परिजन को मुक्त कर इलाज को लेकर दूसरे क्लिनिक में भर्ती कराया गया. वार्ड पार्षद अविनाश कुमार ने बताया कि फिजियोथैरेपी क्लिनिक में अवैध रूप से उल्टी दस्त के मरीज को भर्ती करा अवैध राशि की वसूली की जाती है. जब तक क्लिनिक को बंद नहीं कराया जायेगा मेरा आंदोलन जारी रहेगा. इस संबंध में थानाध्यक्ष विकास कुमार राय ने बताया कि परिजन के द्वारा आवेदन नहीं दी गयी है. आवेदन दिये जाने पर मामले की छानबीन की जायेगी.
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