मांगों को लेकर स्कीम वर्करों के संगठनों ने किया समाहरणालय पर प्रदर्शन

आशा, आंगनबाड़ी व रसोइया कर्मियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा और सम्मानजनक मानदेय देने की मांग को लेकर मंगलवार को समाहरणालय द्वार पर ऑल इंडिया स्कीम वर्कर्स फेडरेशन से संबद्ध संगठनों ने जोरदार प्रदर्शन किया.

By MANISH KUMAR | May 20, 2025 10:20 PM

बेगूसराय. आशा, आंगनबाड़ी व रसोइया कर्मियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा और सम्मानजनक मानदेय देने की मांग को लेकर मंगलवार को समाहरणालय द्वार पर ऑल इंडिया स्कीम वर्कर्स फेडरेशन से संबद्ध संगठनों ने जोरदार प्रदर्शन किया. बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ गोप गुट संबद्ध एक्टू,बिहार राज्य विद्यालय रसोइया संघ,ऐक्टू तथा बिहार राज्य आंगनबाड़ी वर्कर्स यूनियन एक्टू के संयुक्त बैनर तले सैकड़ों स्कीम कर्मी जुटे और सरकार से न्यूनतम 21 हजार रुपये मासिक मानदेय, पेंशन, बीमा, प्रोन्नति व सरकारी कर्मी का दर्जा देने की मांग की. प्रदर्शन को संबोधित करते हुए ऐक्टू के जिला प्रभारी चंद्रदेव वर्मा ने कहा कि स्कीम वर्कर्स वर्षों से 50 से 100 रुपये प्रतिदिन जैसे अपमानजनक मेहनताने पर समाज के सबसे वंचित तबके की सेवा कर रही हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि 2023 में सरकार ने आशा कर्मियों को 2500 रुपये मासिक देने का समझौता किया था, लेकिन आज तक लागू नहीं किया गया है, जो धोखाधड़ी है. आंदोलन को संबोधित करते हुए बिहार राज्य आशा कार्यकर्त्ता संघ गोपगुट संबद्ध ऐक्टू की जिलाध्यक्ष मंजू देवी, सचिव संगीता कुमारी,सुनीता कुमारी और बिहार राज्य विद्यालय रसोइया संघ, एक्टू की जिलासचिव किरण देवी, सचिव बुलबुल कुमारी, आशा देवी, संजू देवी, बिमल देवी, बैजनाथ महतो ने केंद्र सरकार से मांग की कि सभी स्कीम वर्कर्स को सम्मानजनक वेतन व सरकारीकर्मी का दर्जा देने की घोषणा की जाये. जब तक यह नहीं होता, राज्य सरकार को 2023 के समझौते के अनुसार 2500 रुपये आशा कर्मियों को देना चाहिये. साथ ही रसोइयों को 3000 रुपये मासिक और आंगनबाड़ी सेविकाओं-सहायिकाओं को क्रमश 18 हजार व 15 हजार रुपये मासिक मानदेय देने की घोषणा करे. प्रदर्शन के बाद नेताओं ने जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन.

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