पुलिस पर फायरिंग के मामले में पूर्व सांसद सूरजभान समेत तीन दोषियों को सश्रम कारावास की सजा

एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश संजय कुमार ने पुलिस टीम पर फायरिंग के मामले में पूर्व सांसद सूरजभान सिंह उर्फ सूरज सिंह, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रामलखन सिंह और वीरेंद्र ईश्वर को दोषी करार देते हुए अलग-अलग सजा सुनायी है.

By MANISH KUMAR | September 23, 2025 9:53 PM

बेगूसराय. एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश संजय कुमार ने पुलिस टीम पर फायरिंग के मामले में पूर्व सांसद सूरजभान सिंह उर्फ सूरज सिंह, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रामलखन सिंह और वीरेंद्र ईश्वर को दोषी करार देते हुए अलग-अलग सजा सुनायी है. पूर्व सांसद सूरजभान भारतीय दंड विधान की धारा 353 में दोषी पाकर एक साल कारावास व एक हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी गयी है. बाद में कोर्ट ने सूरजभान को जमानत दे दी. आरोप है कि नौ अक्टूबर 1992 को शाम चार बजे एफसीआइ थाना को सूचना मिली कि बरौनी थाना के एक मामले में आरोपित रामलखन सिंह अन्य अपराधियों के साथ मोम फैक्ट्री में जमा हाेकर कोई घटना करने की योजना बना रहे हैं. एफसीआइ थाना की पुलिस जब छापेमारी करने गयी तो मोम फैक्ट्री का मुख्य दरवाजा बंद था. पुलिस ने आवाज दी, तो अंदर से उनके ऊपर अंधाधुंध फायरिंग की जाने लगी. पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद रामलखन सिंह और वीरेंद्र ईश्वर को पकड़ लिया. वहीं, उनका एक साथी भाग गया. पुलिस ने घटनास्थल से एक रेगुलर राइफल, एक देसी पिस्तौल और गोली बरामद की. रामलखन सिंह ने अपने बयान में बताया कि भागने वाला उनका साथी सूरजभान सिंह था. इस मामले में विशेष लोक अभियोजक राजकुमार महतो ने 12 लोगों की गवाही करायी. कोर्ट ने इस मामले में रामलखन सिंह और वीरेंद्र ईश्वर को आर्म्स एक्ट की धारा 25(1-बी)ए में चार साल सश्रम करावास व पांच हजार जुर्माना, धारा 26 और 27 में 3 साल सश्रम कारावास व तीन हजार जुर्माना व भादवि की धारा 307 में पांच साल सश्रम कारावास व पांच हजार जुर्माना और धारा 353 में एक साल कारावास व एक हजार जुर्माने की सजा सुनायी.

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