Begusarai News : बिना किसानों की बात किये ग्रामीण क्षेत्रों का विकास नहीं हो सकता : सर्वेश

गंगा ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड स्टडीज, रमजानपुर में सोमवार को “ग्रामीण विकास में स्वामी सहजानंद सरस्वती का योगदान” विषय पर दो दिवसीय सेमिनार का उद्घाटन हुआ.

By SHAH ABID HUSSAIN | August 25, 2025 10:46 PM

बेगूसराय. गंगा ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड स्टडीज, रमजानपुर में सोमवार को “ग्रामीण विकास में स्वामी सहजानंद सरस्वती का योगदान” विषय पर दो दिवसीय सेमिनार का उद्घाटन हुआ. इस अवसर पर विधान पार्षद सर्वेश कुमार, आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के पूर्व डीन प्रो. विजय बहादुर, श्रीकृष्ण महिला कॉलेज की पूर्व प्रिंसिपल स्वप्ना चौधरी, टाटा मोर्ट्स जमशेदपुर से सेवानिवृत्त सीनियर असिस्टेंट जेनरल मैनेजर प्रो. चंद्रेश्वर खां, एवं जीजीआइएमएस की प्राचार्य डॉ सुधा झा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की. कार्यक्रम की शुरुआत बीसीए की छात्रा सपना एवं अन्य छात्राओं द्वारा “श्री राम चंद्र कृपालु भजमन” भजन के साथ की गयी. अतिथियों का स्वागत विधान पार्षद सर्वेश कुमार और अन्य प्रोफेसरों ने चादर, पाग और किताब देकर किया. मंच संचालन प्रो. परवेज युसूफ ने किया, जबकि कार्यक्रम संयोजन प्रो. सबाहत अंजुम एवं प्रो. विवेक कुमार ने संभाला. धन्यवाद ज्ञापन डॉ अभिजित कुमार ने प्रस्तुत किया. विधान पार्षद सर्वेश कुमार ने विषय प्रवेश करते हुए कहा कि स्वामी सहजानंद सरस्वती पहले किसान नेता थे जिन्होंने किसानों के सुदृढ़ीकरण पर ध्यान केंद्रित किया. उन्होंने कहा कि बिना किसानों के विकास के ग्रामीण क्षेत्र का विकास संभव नहीं है. साथ ही उन्होंने रासायनिक उर्वरकों की बजाय लिक्विड उर्वरक के उपयोग को बढ़ावा देने पर जोर दिया ताकि कृषि उत्पादकता में सुधार हो सके. पूर्व डीन प्रो. विजय बहादुर ने बताया कि देश की आत्मा गांवों में बसी है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती ही देश की प्रगति का आधार है. स्वामी सहजानंद का जीवन पूरी तरह से किसानों को समर्पित रहा है. पूर्व प्रिंसिपल स्वप्ना चौधरी ने कहा कि किसान जागेगा तभी भारत जागेगा, यह विचार स्वामी सहजानंद की विरासत है. उन्होंने ग्रामीण युवाओं को मत्स्य पालन को बढ़ावा देने की अपील भी की. सेवानिवृत्त प्रो. चंद्रेश्वर खां ने कहा कि परिवर्तन की शक्ति गांवों में ही है, यदि गांव कमजोर होंगे तो समूची अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी. इंटरप्रेन्योर आयुष कुमार ने कहा कि देश की 63 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है और अर्थव्यवस्था का 50 प्रतिशत हिस्सा ग्रामीण क्षेत्र से आता है. स्वामी सहजानंद के ग्रामीण विकास के सपने को पूर्ण रूप से साकार करना आवश्यक है, जो अभी तक पूरी तरह सफल नहीं हो पाया है. इस सेमिनार के माध्यम से ग्रामीण विकास के महत्वपूर्ण पहलुओं पर गहन चर्चा की जायेगी और नए सुझाव भी प्रस्तावित होंगे.

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