बेगूसराय. पूर्वी बिहार के चिकित्सा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज हुई है जहां बाघी चौक स्थित जीवंतिका सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में पहली बार आइवीयूएस एवं रोटा तकनीक से हाइ रिस्क कोरोनरी एंजियोप्लास्टिक ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया है. इस जटिल ऑपरेशन का नेतृत्व प्रख्यात हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ सुमित वर्मा ने अपनी कार्डियक टीम के साथ किया. तेघड़ा के बजलपुरा गांव निवासी 55 वर्षीय सुबोध सहाय को गंभीर स्थिति में अस्पताल लाया गया था. उन्हें सीने में तीव्र दर्द, अत्यधिक पसीना, चलने पर सांस फूलना और बेचैनी की शिकायत थी. जांच में पता चला कि उनके हृदय की धमनियों में अत्यधिक कैल्शियम जमा हो चुका था, जिसे सामान्य एंजियोप्लास्टिक से नहीं हटाया जा सकता था. इस चुनौतीपूर्ण स्थिति में डॉक्टरों ने आइवीयूएस एवं रोटा तकनीक से ऑपरेशन करने का निर्णय लिया. रोटा मशीन को हैदराबाद और आइवीयूएस मिशन को पटना से मंगवाया गया. अंतरराष्ट्रीय उपकरण निर्माता बोस्टन साइंटिफिक के सहयोग से यह तकनीक त्वरित रूप से बेगूसराय लायी गयी. डॉ वर्मा ने बताया कि इस तकनीक के जरिये अब बेगूसराय भी मेट्रो शहरों के समकक्ष खड़ा हो गया है. हृदय रोग अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी तेजी से फैल रहा है. उन्होंने कहा कि यदि किसी को सीने में दर्द, पसीना, सांस फूलना या बेचैनी हो, तो वह तुरंत चिकित्सकीय जांच कराए. इस सफलता से बेगूसराय चिकित्सा सेवा में एक नया कीर्तिमान स्थापित करने में सफल रहा है.
संबंधित खबर
और खबरें