बेगूसराय गोलीबारी को लेकर अभी भी दहशत में हैं घायल और उनके परिजन, पीड़ितों ने प्रभात खबर को बतायी आपबीती

बेगूसराय में गोलीबारी को लेकर अभी भी दहशत में हैं घायल और उनके परिजन. प्रभात खबर ने सनकी अपराधियों का निशाना बनने वाले निर्दोष लोगों से बातचीत की तो उन्होंने अपनी आपबीती बतायी. जानें क्या कहा पीड़ितों ने

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 15, 2022 6:24 AM

विपिन कुमार मिश्र, बेगूसराय : रोज की तरह मंगलवार की शाम को भी जिला बिल्कुल शांत था. चकिया से लेकर बछवाड़ा तक सब कुछ सामान्य था. बाजार में चहल पहल थी. कई लोग खरीदारी में जुटे थे, तो कई दुकानदारों का ग्राहकों का इंतजार था. कोई अपना काम खत्म कर घर जाने की तैयारी में था, कई लोग घर के लिए निकल चुके थे. कहीं किसी अनहोनी की आशंका किसी को दूर दूर तक नहीं थी. शाम चार बजे अचानक गोलियां चलने की आवाज आयी. लोगों को कुछ समझ में नहीं आया. उसी वक्त बाइक सवार दो युवक फायरिंग करते हुए तेजी से आगे निकल गये. चकिया से बछवाड़ा तक उनके सामने जो आया, उसे गोली मार दी. बुधवार को ऐसे ही निर्दोष लोगों ने प्रभात खबर को आपबीती बतायी, जो गोलियों से घालय हुए हैं.

बूढीवन निवासी गौतम कुमार भी पिढौली डाकबंगला के पास गोली कांड का शिकार हो गये. इस बाबत उन्होंने बताया कि गैस वाली गाड़ी एनएच पर खड़ी करके चाय लाने जा रहे थे. इसी क्रम में जीरोमाइल की तेघड़ा की तरफ से मोटरसाइकिल से अपराधी आया और गोली मारते हुए फरार हो गया. यह सब इतनी जल्दी में हुआ कि हम अपराधी को देख भी नहीं सके.

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आइसक्रीम बेच रहा था, तभी जोरदार आवाज हुई

मल्हीपुर निवासी जीतो पासवान बताते हैं कि मैं मल्हीपुर चौक पर आइसक्रीम बेच रहा था. इसी बीच जोरदार आवाज हुई, मुझे लगा कि किसी गाड़ी का टायर फटा है. जब मेरे पैर से खून निकलने लगा तो पता चला कि पैर में गोली लग गयी है. मुझे कुछ पता ही नहीं चला कि क्या, कैसे और कब हो गया. मैनें तो गोली मारने वालों का चेहरा भी नहीं देखा. फिलहाल सदर अस्पताल में इलाज चल रहा है. खतरे से बाहर हूं.

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मुझे देखते ही चला दी गोली…

बरौनी फ्लैग निवासी अमरजीत दास टाइल्स मिस्त्री है. दलसिंहसराय से टाइल्स का काम कर घर लौट रहे थे. वे कहते हैं कि अचानक उनकी नजर बाइक सवार युवकों पर पड़ी. उनके हाथ में पिस्तौल थी. जैसे ही उन्होंने मुझे देखा मुझपर गोली चली दी. गोली लगते ही मैं बेहोश होकर गिर गया. बाद में लोगों में मुझे ऐलेक्सिया अस्पताल पहुंचाया.

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