Aurangabad News : आंधी-पानी : 45 मिनट की बारिश, शहर से लेकर अस्पताल तक पानी-पानी
शहरी इलाके के ड्रेनेज सिस्टम की खुली पोल, समाहरणालय भी जलमग्न
औरंगाबाद कार्यालय. मॉनसून के पूर्व ही रविवार को लगभग 45 मिनट तक हुई भारी बारिश ने शहर की ड्रेनेज सिस्टम की पोल खोलकर रख दी है. करोड़ों रुपये खर्च कर बेहतर व्यवस्था का दावा करने वालों की भी पोल खुल गयी. तस्वीरों से स्पष्ट होता है कि अगर बारिश का मौसम हो और मॉनसून चरम पर हो तो स्थिति कितनी भयावह होगी. सदर अस्पताल से लेकर समाहरणालय और मुख्य बाजार पानी-पानी हो गया. सदर अस्पताल की स्थिति बद से बदतर नजर आयी. जिस अस्पताल का मॉडल अस्पताल का दर्जा प्राप्त है़ उस अस्पताल के वार्डों में बारिश का पानी घुस गया. यक्ष्मा वार्ड के लगभग कमरे में पानी घुस गये. कुछ कर्मचारी जुट के बोरे से पानी रोकते हुए नजर आये. काफी मशक्कतों का सामना करना पड़ा. अस्पताल के मुख्य गैलरी में भी पानी का बहाव हो रहा था. मरीज उसी पानी में कुर्सी पर बैठे हुए थे. इस स्थिति को देख स्पष्ट होता है कि अगर लगातार बारिश हुई तो नजारा क्या होगा. वैसे भी हाल ही में नौमंजिला भवन सहित कई बड़े भवनों का यहां शुभारंभ हुआ है. 70 करोड़ से अधिक रुपये खर्च किये गये है. सिर्फ भवन पर पैसे खर्च करने से नहीं होगा, बल्कि ड्रेनेज सिस्टम पर भी ध्यान देना होगा. वैसे सदर अस्पताल में पानी भरने की यह कोई नयी समस्या नहीं है. हर साल बारिश के दिनों में नजारा आम होता है. हर बार व्यवस्था सुदृढ़ करने के दावे किये जाते हैं, लेकिन होता कुछ नहीं. नगर पर्षद पर भी उठ रहा सवाल: रविवार की बारिश ने नगर पर्षद के ड्रेनेज सिस्टम और नाले-नलियों की सफाई की भी पोल खोल दी है. विभिन्न योजनाओं से करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी सवालिया निशान लगा ही रहता है. समाहरणालय भी बारिश के दौरान जलमग्न रहा. मुख्य बाजार पथ पर पानी का तेज बहाव हो रहा था. ऐसा प्रतीत हो रहा था कि नाले व नदी के बीच बाजार सजी है. ब्लॉक मोड़ के समीप सड़क के दोनों लेन में लगभग दो फीट पानी का बहाव हो रहा था. पास के तमाम सरकारी कार्यालय जलमग्न नजर आये. बारिश के पूर्व नालों की सफाई के दावे किये जाते रहे हैं, लेकिन सब दावे खोखला साबित होते है. बारिश के बाद सड़क पर कूड़े-कचरे का फैलाव हो गया.
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