संतों का हृदय माखन की तरह कोमल होता है : डॉ मनोहर मिश्र

श्रीमद्भागवत कथा में उमड़ रही श्रोताओं की भीड़

By SUJIT KUMAR | May 30, 2025 6:46 PM

श्रीमद्भागवत कथा में उमड़ रही श्रोताओं की भीड़ औरंगाबाद नगर. शहर के सत्येंद्र नगर दुर्गा मंदिर के प्रांगण में चल रहे श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान महायज्ञ में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. हर दिन हजारों लोग भागवत कथा का रसपान कर रहे है. सुप्रसिद्ध कथा वाचक डॉ मनोहर मिश्र जी महाराज ने बहुत ही सरस एवं रोचक अंदाज में भगवान श्री कृष्ण की बाल लीला को रखा. माखन चोरी की लीला का तात्विक अर्थ बताते हुए कहा कि संतों का हृदय हीं माखन के समान है क्यों कि माखन को जब आग की गर्मी लगती है यानी खुद को कष्ट होता है तब माखन पिघलता है परन्तु संत का हृदय तो माखन से भी कोमल होता है . संत का हृदय तो दुसरे का कष्ट देखकर ही पिघल जाता है और जीस जीवात्मा का हृदय माखन जैसा कोमल, करुणा एवं दया से भरा हुआ होता है उस मनुष्य का मन रुपी माखन का भगवान श्रीकृष्ण चोरी कर लेते हैं . मनुष्य का शरीर तो संसार के व्यवहार में होता है पर उसका मन भगवान के चरणारविंद का चिंतन करता रहता है. जिसका मन भगवान में लग जाता है उसके पीछे-पीछे भगवान खुद अपने भक्त का मन रूपी माखन का भोग लगाने के लिए ललाईत रहते है. डॉ मिश्र ने माखन चोरी लीला का मर्म बताते हुए कहा कि जो मनुष्य अपने हृदय को भगवान की भक्ति से भर लेता है उस मनुष्य का मन माखन की तरह कोमल एवं दया तथा करुणा से भरा हुआ बन जाता है. फिर उस मनुष्य को भगवान को कहीं ढूंढ़ने नहीं जाना पड़ता है बल्कि भगवान स्वयं उस भक्त के पीछे-पीछे चलने को तैयार हो जाते है. जैसे गोपियों के पीछे-पीछे भगवान श्रीकृष्ण माखन के लिए चलते हैं. डॉ मिश्र ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण के बाल लीलाओं में गोचारण लीला, माखन चोरी लीला, उखल बंधन लीला, कालिया नाग नाथने की लीला एवं महारास की लीला प्रमुख लीला है. मौके पर मुखिया सुजीत सिंह स्वयं सेवक भानु सिंह, बौद्धिक शिक्षण प्रमुख अरुण कुमार, बजरंगी प्रसाद, अरविंद कुमार, अनिल कुमार, विनोद सिंह आदि मौजूद थे.

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