शंकरपुर गांव पक्की सड़क से वंचित, ग्रामीण वर्षों से झेल रहे परेशानी
मानसून में सड़क कीचड़ से पट, आवागमन हुआ मुश्किल
मानसून में सड़क कीचड़ से पट, आवागमन हुआ मुश्किल
प्रतिनिधि, कुटुंबा.प्रखंड क्षेत्र के सूही पंचायत अंतर्गत शंकरपुर गांव के लोग वर्षों से पक्की सड़क बनने का इंतजार कर रहे हैं. एक किलोमीटर पक्की सड़क के लिए कई बार प्रयास किये, आवेदन दिये, जनप्रतिनिधियों से गुहार भी लगायी, लेकिन कोई ठोस परिणाम नहीं निकला. थक-हार कर अब ग्रामीण निराश बैठ गये हैं. एक ओर सरकार और ग्रामीण कार्य विभाग की योजना है कि सभी गांवों और बसावटों को पक्की सड़कों से जोड़ा जाये, दूसरी ओर जगदीशपुर पंचायत के सड़ीहा, सूही पंचायत के महादलित टोला पोखरापर और शंकरपुर जैसे गांव आज भी विकास की मुख्यधारा से कटे हैं. करीब 600 की आबादी वाला शंकरपुर गांव मूलभूत सुविधा से वंचित है. गांव से बरिआंवा नहर के फॉल तक जाने वाली सड़क पूरी तरह कच्ची है. पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा न तो इस पथ पर मोरम डाला गया है और न ही पक्कीकरण की कोई प्रक्रिया शुरू हुई है. गर्मी के दिनों में ग्रामीण जैसे-तैसे आवागमन कर लेते हैं, लेकिन बारिश में स्थिति विकराल हो जाती है. हल्की बूंदाबांदी से भी सड़क कीचड़ में बदल जाती है. इन दिनों सड़क पर गंदा पानी जमा है. स्थिति यह है कि पहली नजर में यह समझना मुश्किल है कि यह सड़क है या कोई तालाब. ग्रामीण रामकुमार सिंह, बलिराम मिश्र, शंभू शरण सिंह, वार्ड सदस्य धनंजय कुमार, रामराज्य राम और रविंद्र कुमार बताते हैं कि अगर महज एक किलोमीटर सड़क का पक्कीकरण हो जाये, तो सूही व जगदीशपुर पंचायत के दर्जनों गांवों को नवीनगर बाजार और रेलवे स्टेशन जाने में बड़ी राहत मिलेगी. वर्तमान में चनकप, सिमरी, बड़हर, चकुआ, चितांवन बिगहा, दसवत खाप, कठरी आदि गांवों के लोग कुटुंबा के बीचला मोड़ होते हुए नवीनगर बाजार और रेलवे स्टेशन पहुंचते हैं, जिससे यात्रियों को काफी लंबा रास्ता तय करना पड़ता है.
विभागीय अनदेखी से ग्रामीणों में नाराजगी
ग्रामीण कार्य विभाग की लापरवाही से ग्रामीणों में आक्रोश है. स्थानीय निवासी उमेश सिंह, संजय सिंह, अनुज सिंह, आत्मा कुमार सिंह व लवकुमार सिंह बताते हैं कि शंकरपुर को पक्की सड़क से जोड़ने के लिए विभाग को आवेदन दिया गया था. लेकिन विभाग की ओर से बिना निरीक्षण किये शंकरपुर को बेचारगी गांव घोषित कर दिया गया और कार्य से पल्ला झाड़ लिया गया. ग्रामीणों का कहना है कि यदि गांव के पश्चिमी छोर से नहर के फॉल तक पक्की सड़क बना दिया जाये, तो न केवल नवीनगर और सलैया स्टेशन की दूरी घटेगी, बल्कि पुलिस थाना माली पहुंचना भी आसान हो जायेगा. यह सड़क शंकरपुर से होते हुए बतसपुर-साया पथ और दक्षिण दिशा में अंबा-नवीनगर पथ के तुरता मोड़ से जुड़ती है. दूसरी ओर यह पांडेयपुर होकर बरिआंवा-माली तक जाती है. सड़क की जर्जरता से स्कूली बच्चों, महिलाओं और किसानों को सबसे अधिक परेशानी हो रही है. बरसात में बच्चों का स्कूल जाना मुश्किल हो जाता है, वहीं किसान अपने खेतों तक नहीं पहुंच पाते.
क्या कहते हैं विधायक
विधायक राजेश कुमार ने कहा कि आम जनहित और विकास के मद्देनज़र शंकरपुर गांव को पक्की सड़क से जोड़ने का प्रयास जारी है. इस संदर्भ में ग्रामीण कार्य विभाग को पत्र भेजा जायेगा. उन्होंने कहा कि सुदूर ग्रामीण इलाकों के विकास में सड़क की भूमिका सबसे अहम होती है.
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