Aurangabad News : बंधक बनाकर पुलिस कर्मियों की हुई पिटाई

Aurangabad News: चरण में पुलिस पर हमला मामले की दर्ज हुई प्राथमिकी, धंधेबाज को भीड़ ने छुड़ाया, 11 बने नामजद आरोपित

By AMIT KUMAR SINGH_PT | May 28, 2025 9:45 PM

औरंगाबाद नगर. नवीनगर प्रखंड के माली थाना क्षेत्र के चरण गांव में पुलिस पर हुए हमले से संबंधित प्राथमिकी दर्ज की गयी है. माली थाने में पदस्थापित सहायक अवर निरीक्षक सुमित चंद्र के बयान पर दर्ज प्राथमिकी में चरण गांव के शिव सेठ के पुत्र धनंजय सोनी, भगवान सोनी के पुत्र जितेंद्र सोनी, यमुना सेठ के पुत्र अमन सोनी, विनोद सेठ के पुत्र राकेश सोनी, रामप्रवेश साह के पुत्र पंकज कुमार, मनोज सेठ के पुत्र विक्की कुमार, रामजी सेठ के पुत्र गुड्डू कुमार, कुंडल सेठ के पुत्र रामाकांत कुमार, श्रीकांत उर्फ विंध्याचल, नरेश सेठ के पुत्र राजेश सेठ, शिव सेठ के पुत्र पिंटू सेठ को नामजद आरोपित बनाया गया है. इनके अलावा 50 से 60 अज्ञात व्यक्तियों भी आरोपित बने है. बड़ी बात यह है कि प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से चरण गांव में दहशत का माहौल है. खासकर आरोपितों के घर अफरा-तफरी की स्थिति है. यूं कहे कि अधिकतर लोग फरार हो गये हैं.

जमादार के साथ चौकीदार को भी बंधक बनाकर पीटा

चरण गांव में ग्रामीणों द्वारा शराब के खिलाफ छापेमारी करने पहुंचे माली थाने के जमादार के साथ-साथ चौकीदार को बंधक बनाकर पीटा. प्राथमिकी में खुद जमादार सुमित चंद्र ने इस बात का उल्लेख किया है. उन्होंने प्राथमिकी में बताया है कि 25 मई को 8:20 बजे महिला चौकीदार सोनफुल देवी के पुत्र फुलेंद्र पासवान के साथ जरूरी सामान खरीदने चरण बाजार गये थे. चरण बाजार में ही सूचना मिली कि शिव सेठ के पुत्र धनंजय सोनी घर के सामने शराब बेच रहा है. इस सूचना को वरीय पदाधिकारी को देते हुए आवश्यक कार्रवाई के लिए स्थानीय चौकीदार अवधेश यादव को सूचित किया. इसी बीच स्थानीय चौकीदार अवधेश यादव अपने पुत्र राजेंद्र कुमार उर्फ लुट्टू के साथ आ गये तथा सहयोग के लिए थाने को भी सूचित किया गया. शराब ब्रिकी कर रहे धनंजय सोनी के घर के पास में तथा साथ स्थानीय चौकीदार अवधेश यादव व उनके पुत्र राजेंद्र कुमार उर्फ लुटू व महिला चौकीदार मोनफुल देवी के पुत्र फुलेन्द्र पासवान के साथ पहुंचा, तो देखा कि एक व्यक्ति प्लास्टिक के झोला में शराब लेकर घर के सामने ब्रिकी कर रहा है. पुलिस को देखते ही वह भागने लगा, जिसे तुरंत पकड़ लिया गया. उसके पास से 300 एमएल का सात बोतल शराब जब्त किया गया. इसी क्रम में वहां पर गांव के बहुत सारे व्यक्ति इकट्टा हो गये. तब तक थाने से घटनास्थल पर पुलिस बल नहीं पहुंची थी. इस दौरान वहां पर इकट्टे लोगों ने गाली-गलौज करते हुए जान मारने की नीयत से उग्र होकर पथराव करने लगे. पकड़े गये धनंजय सोनी को पुलिस अभिरक्षा से जबरदस्ती छुड़ा लिया गया. सभी लोगों ने उनपर जानलेवा हमला किया. काफी अनुरोध करने पर वे लोग नहीं माने और उग्र होकर बंधक बनाकर जान मारने की नीयत से मारपीट करने लगे. इस घटना में वे सभी जख्मी हो गये. महिला चौकीदार सोनफुल देवी के पुत्र फुलेंद्र पासवान को जाति सूचक शब्द का प्रयोग करते हुए गाली गलौज किया. जान मारने की धमकी दी. फुलेंद्र पासवान को भी मारपीट कर जखमी कर दिया गया. इसी बीच थाने से पुलिस बल व डायल 112 की टीम पहुंची, तो उनलोगों की जान बची. इस घटना की डायल 112 द्वारा विडियोग्राफी की गयी. स्थानीय चौकीदार अवधेश यादव ने हमला कर रहे व्यक्तियों को विडियोग्राफी दिखाते हुए आरोपितों की पहचान करायी. प्राथमिकी में स्पष्ट तौर पर उल्लेख किया है कि ग्रामीणों के हमले से जख्मी होने के बाद उन सबों ने सरकारी अस्पताल नवीनगर में इलाज कराया.

पुलिस की कार्यशैली पर उठा सवाल, चौकीदार के बेटे भी थे छापेमारी में शामिल

औरंगाबाद जिले में पुलिस पर हमला एक आम बात सी बन गयी है. हर तीसरे-चौथे दिन कहीं न कहीं से पुलिस पर हमला किये जाने का मामला प्रकाश में आ रहा है. कभी थाने की पुलिस पर हमला तो कभी उत्पाद पुलिस पर हमला. हमले के पीछे भी कई राज छिपे होते है. आखिर ग्रामीण उग्र क्यो हो रहे है. पुलिस पर हमला क्यों कर रहे है. यह भी एक सवाल है. चरण गांव में पुलिस पर हुए हमले में कुछ बातें उभरकर सामने आयी है, उससे पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल खड़ा होता है. चरण गांव में पुलिस के साथ छापेमारी में चौकीदारों के बेटे भी शामिल थे. क्या अगर पिता पुलिस विभाग में है तो उसका बेटा भी पुलिस वाला रौब बना सकता है. छापेमारी में चौकीदार के बेटे क्या करने गये थे. प्राथमिकी दर्ज कराने वाले जमादार ने खुद चौकीदारों के बेटों द्वारा सहयोग करने की बात कही गयी है. वैसे भी किसी भी पंचायत के चौकीदार अपराधियों, उचक्कों व आरोपितों के रडार पर रहते हैं. दूसरी बात यह है कि बहुत से ऐसे चौकीदार हैं, जिनकी जगह पर उनके परिजन साहब की तरफदारी करते है और इलाके की सूचना पुलिस तक पहुंचाते है. यह भी आक्रोश का एक कारण बन रहा है. छापेमारी में थाने की पुलिस का सहयोग लेना आवश्यक है. जब पुलिस का एक पदाधिकारी छापेमारी करने अकेले जाये, तो उसे माहौल को पहले ही भांप लेना चाहिए. वैसे भी चरण गांव या बाजार संवेदनशील माना जाता है. बड़ी बात यह है कि चरण में छापेमारी करने के दौरान पुलिस कर्मी वर्दी में नहीं बल्कि सिविल में थे.

पुलिस कर्मियों के साथ मारपीट का वीडियो वायरल, चौकीदार के पुत्र के बंधे थे हाथ

चरण गांव में पुलिस कर्मियों के साथ मारपीट व गाली-गलौज का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. एक वीडियो में एक व्यक्ति का दोनों हाथ पीछे से बंधा हुआ और पास में ग्रामीणों का आक्रोश दिख रहा है. तमाम वीडियो में अफरा-तफरी का दृश्य स्पष्ट तौर पर नजर आ रहा है. कुछ वीडियो में ग्रामीण जमादार से उलझते व दुर्व्यवहार करते नजर आ रहे है. एसपी को बुलाने की मांग कर रहे है. जमादार दुहाई दे रहा है. हालांकि, प्रभात खबर इससे संबंधित किसी भी वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है.

पुलिस पर छेड़खानी व दुर्व्यवहार के साथ नशा करने का लगा आरोप

माली थाने में पदस्थापित जिस जमादार द्वारा हमले से संबंधित प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है उस पर छेड़खानी और नशे में होने का आरोप लगने का मामला प्रकाश में आया है. चरण गांव की ही एक युवती ने पुलिस अधीक्षक के साथ-साथ पुलिस के वरीय अधिकारियों को आवेदन के माध्यम से ध्यान आकृष्ट कराया है. युवती ने आवेदन में कहा है कि 25 मई की सुबह नौ बजे वह घर पर थी. परिवार के लोग भी थे तभी सुमित कुमार नशे की हालत में दो अन्य अज्ञात व्यक्तियों के साथ अचानक घर में घुस गये. नशे की हालत में जो महिलाएं वहां नहाकर कपड़ा बदल रही थी, उसके साथ छेड़खानी की. शोरगुल होने पर व्यवसायी वर्ग के लोग जुटे, तो पता चला कि सुमित माली थाना में पदस्थापित है और सिविल ड्रेस में चौकीदार के पुत्र लुटू यादव, पिपरा महाल के चौकीदार के पुत्र फुलेंद्र पासवान के साथ संतोष दास के मीट दुकान पर खस्सी कटवा रहे थे. वहीं से नशे की हालत में तीनों ने घटना का अंजाम दिया. व्यवसायियों ने डायल 112 को जानकारी दी. इसके बाद पुलिस पहुंची और साथ ले गयी. डायल 112 की टीम ने उससे भी बयान लिया. रात में माली थाने के पुलिस कर्मी पहुंचे और उसके साथ-साथ पांच-सात घरों के दरवाजे को पीटा. लोगों को प्रताड़ित किया.

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