Aurangabad News : गांव में किसानों को अब नहीं मिल रहे बटाईदार, बढ़ी परेशानी

Aurangabad News: किसान औने-पौने दाम पर पट्टा देने को विवश

By AMIT KUMAR SINGH_PT | July 15, 2025 10:32 PM

देव. सावन मास के साथ-साथ खेती का दौर चल रहा है. किसान धान उपजाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे है. धान रोपाई का काम तेजी से चल रहा है, लेकिन किसानों के समक्ष बटाईदार व मजदूर की समस्या मुंह बाएं खड़ी है. बहुत से किसानों का खेत परती रह जा रहा है. किसान बड़े ही इत्मीनान से अपनी खेती बटाईदार को दे देते थे, लेकिन गांव में इन दिनों खेत लेने के लिए किसानों को बटाईदार भी नहीं मिल पा रहा है. पहले खेती करने के लिए किसानों के पास बटाईदार घूमते रहते थे और मांगते थे लेकिन अब गांवों में स्थिति विकराल हो गयी है. अब किसान ही बटाईदार के पास जाते हैं और खेती करने का निवेदन करते हैं, फिर भी बटाईदार गांव में खेत लेने को तैयार नहीं है. कारण है कि खेती करने में अब पहले जैसा बटाईदार को भी फायदा नहीं हो रहा है. परिणामस्वरूप अब किसानों से बटाई के रूप में खेत लेने के लिए बटाईदार तैयार नहीं हो रहे हैं.

पट्टा पर खेत लेने का प्रचलन बढ़ा

गांव में अब पट्टा पर खेत लेने का प्रचलन बढ़ गया है. बटाईदार अब बटाई पर खेत लेने को तैयार नहीं हैं. किसानों से बट्टा या फिर मनी पर खेती लेने को मना रहे हैं जिसकी वजह से किसान औने-पौने दाम पर अपनी खेत दे रहे हैं. कहीं पर किसान नकदी खेती दे दे रहे हैं तो कहीं पर अनाज पर खेती दे रहे हैं. उसके लिए कीमत भी नकदी या अनाज पर लेने वाला व्यक्ति ही तय करता है. बेहतर खेत होने पर सात हजार रुपये से लेकर 10 हजार रुपये बीघा मिल जाता है और अगर खराब खेत है तो 5000 से लेकर 7000 रुपये बीघा ही मिलता है. वहीं कई किसान अनाज पर खेती लगा रहे हैं. फसल होने के बाद खेती लेने वाला किसानों को अनाज के रूप में चावल व गेहूं मिलता है. किसान सुरेंद्र चौबे ने कहा कि अब खेती करना बहुत मुश्किल काम हो गया है. खेती करने के लिए बिजली वगैरह की सुविधा तो मिल गयी है, सिंचाई के साधन भी है लेकिन मजदूर की समस्या है. इसकी वजह से खेत को अब नकद लगा रहे है. किसान राजदेव सिंह ने कहा किपहले हमलोगों का खेत लेने के लिए बटाईदार आगे-पीछे करते रहता था. हमलोग खेत को बटाई देने के लिए अच्छी तरह से चयन करते थे लेकिन अब स्थिति बदल गई है. कोई भी बटाईदार अब बटाई खेती लेने को तैयार नहीं है.

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