बिजली का करेंट लगने से युवक की मौत
शौच जाने के दौरान बधार में टूट कर गिरे तार की चपेट में आया, एक दिन पहले ही कोल्हापुर से घर लौटा था युवक
शौच जाने के दौरान बधार में टूट कर गिरे तार की चपेट में आया, एक दिन पहले ही कोल्हापुर से घर लौटा था युवक
औरंगाबाद/कुटुंबा. औरंगाबाद में बिजली करेंट का चपेट में आकर एक युवक की मौत हो गयी. घटना कुटुंबा थाना क्षेत्र के सरईबार बिगहा गांव की है. मृतक 34 वर्षीय मुन्ना राम उक्त गांव निवासी गणेश राम का पुत्र था. जानकारी के अनुसार, मृतक शौच के लिए बधार में जा रहा था. इस दौरान पहले से बधार में टूट कर गिरे करेंट वाला तार दिखाई नहीं दिया और वह उसकी चपेट में आ गया. जब काफी देर तक लौट कर घर नहीं आया, तो पहले परिजनों को लगा कि वह गांव में किसी के घर चला गया होगा. जब काफी देर हो गयी तब परिजनों ने उसकी खोजबीन शुरू की. परिजन उसे ढूंढ़ते हुए बधार की ओर पहुंचे, जहां उसे बिजली तार से लिपटे हुए पाया. परिजनों ने शोर मचाकर इसकी जानकारी अन्य लोगों को दी तथा आनन-फानन में उसे जिंदा समझ कर इलाज के लिए कुटुंबा रेफरल अस्पताल पहुंचाया. हालांकि, डॉक्टरों ने नब्ज टटोलते ही उसे मृत घोषित कर दिया. घटना के बाद परिजन शव को अंतिम संस्कार के लिए अस्पताल से घर ले गये. इधर, घटना की सूचना पर मृतक के घर पहुंचे समाजसेवियों ने शव का पोस्टमार्टम कराये जाने का सुझाव दिया. जिसके बाद घटना की जानकारी कुटुंबा पुलिस को दी गयी. थानाध्यक्ष अक्षयवर सिंह ने बताया कि सूचना मिलने के बाद पुलिस को उक्त गांव भेजा गया है. शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम की कार्रवाई की जा रही है. पोस्टमार्टम के बाद शव अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को सौंपा जायेगा. घटना के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने मृतक के आश्रितों को सरकारी प्रावधान के अनुरूप मिलने वाली मुआवजा राशि दिलाये जाने की मांग की है. लोगों का कहना है कि बिजली विभाग के लापरवाही के कारण लोगों की जान जा रही है. कुटुंबा प्रखंड में कई जगहों पर जर्जर तार पोल के सहारे बिजली की सप्लाई की जा रही है, जिसके कारण आये दिन घटनाएं होती है और लोगों को जान माल का नुकसान होता है.कोल्हापुर में प्राइवेट जॉब करता था मृतक
जानकारी के अनुसार मृतक मुन्ना राम अपने तीन भाइयों में सबसे छोटा था. सभी भाइयों की शादी हो चुकी है. सभी अपने परिवार के साथ अलग-अलग रहते है. मृतक मुन्ना की तीन बेटी और एक बेटा है. वह कोल्हापुर में प्राइवेट जॉब कर अपने परिवार का पोषण करता था. एक दिन पहले ही घर लौटा था. उसके निधन के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. उसके तीनों बच्चे अनाथ हो चुके हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
