नये सत्र में नये भवन में पढ़ेंगे कोईलवर हाइ स्कूल के छात्र-छात्राएं
भवन बनकर तैयार, अधिकारियों ने लिया जायजा
कोईलवर.
बहुप्रतीक्षित कोईलवर उच्च विद्यालय तारामणि भगवान साह उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के नवनिर्माण का सपना अब साकार होता दिख रहा है. दो साल पहले शुरू हुआ भवन निर्माण अब पूरा हो गया है. सबकुछ सही रहा तो दिसंबर के शुरुआती हफ्ते तक इसे विभाग को हैंडओवर कर दिया जायेगा. जिसके बाद से छात्र-छात्राओं को नये भवन का सौगात मिल जायेगा और बच्चे फिर से पढ़ सकेंगे. इसे लेकर बुधवार को उप विकास आयुक्त भोजपुर, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी समेत अन्य विभागीय पदाधिकारी कोईलवर में निर्माणाधीन उच्च विद्यालय परिसर पहुंचे और वस्तुस्थिति का जायजा लिया. अधिकारियों के दल ने बन कर लगभग पूर्ण हो चुके विद्यालय भवन के एक एक कमरे, परिसर, शौचालय,सीढ़ी, खेल परिसर समेत तमाम चीजों को बारीकी से देखा. इस दौरान त्रुटिपूर्ण और अधूरे कार्यों को जल्द से जल्द पूरा करने का आदेश भी संवेदक को दिया.नये भवन में पुराने जितनी सुविधा नहींतारामणि भगवान साव उच्च विद्यालय के नवनिर्मित दोमंजिले भवन में कुल 13 कमरे हैं. इसके अलावे तीन बड़े बहुउद्देश्यीय हॉल बनाये गये हैं. इसके अलावे दोनों मंजिल पर दो-दो अलग-अलग शौचालय बनाये गये हैं. हालांकि नवनिर्मित भवन में पुराने स्कूल की अपेक्षा कम जगह और कमरे हैं, लेकिन राहत की बात है कि नये भवन के मिल जाने से छात्रों को दूसरे स्कूल में एडजस्ट होकर पढ़ने से मुक्ति मिल जायेगी.65 वर्ष पुराने स्कूल में थे 31 क्लासरूम और ऑडिटोरियम
कोईलवर में आरा-पटना मुख्य मार्ग पर अवस्थित तारामणि भगवान साह उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की स्थापना स्थानीय समाजसेवी भगवान साह द्वारा 1955 में की गयी थी. पांच एकड़ 39 डिसमिल के विशाल भूभाग में फैले इस विद्यालय परिसर में एक तरफ 31 क्लासरूम और एक विशालकाय ऑडिटोरियम था, जहां विद्यालय समेत अन्य सरकारी इनडोर कार्य्रकम आयोजित किये जाते थे. विद्यालय में फिलहाल कोईलवर समेत आसपास के इलाके के तकरीबन डेढ़ हजार से अधिक बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे थे. वहीं, परिसर के दूसरी ओर बड़ा सा खेल मैदान अब भी क्षतिग्रस्त स्थिति में है, जहां विद्यालय की स्पोर्ट्स एक्टिविटीज होते थे. साथ ही सरकारी मेले, सेमिनार, कार्यक्रम या रैलियां भी आयोजित की जाती रही हैं. जबकि स्थानीय युवक इसी मैदान में नौकरियों के लिए दौड़ लगाते हैं व बुजुर्ग और महिलाएं स्वास्थ्य लाभ के लिए सुबह शाम टहलने आते हैं. इधर हाल फिलहाल कुछ वर्ष पूर्व ही इसे उच्चतर माध्यमिक के लिए मान्यता मिली थी.गजट प्रकाशन के नौ साल बाद तक संवेदनहीन रहा शिक्षा विभागआरा-पटना सिक्स लेन रोड के प्रस्तावित निर्माण के लिए 20 अप्रैल 2010 को 1126 डिसमिल भूमि अधिग्रहण के लिए गजट प्रकाशित कर भूधारियों को इत्तिला किया गया था. स्कूल के इस जद में आने के बाद इस संबंध में पूर्व प्रधानाध्यापक ने शिक्षा विभाग से दिशा-निर्देश भी मांगा था, लेकिन विभाग कान में तेल डाल कर सोया रहा और कोई जवाब देना मुनासिब नहीं समझा. जब सड़क निर्माण की प्रक्रिया पूरी गति से चलने लगी और स्कूल को भवन खाली करने का नोटिस थमा दिया गया तो स्कूल प्रबंधन के हाथ पांव फूलने लगे. आनन-फानन में जमीन की तलाश शुरू की गयी. हालांकि स्थानीय लोगों व कुछ जनप्रतिनिधियों ने स्कूल के नजदीक ही कोईलवर थाना से सटे बाढ़ नियंत्रण विभाग की खाली पड़ी जमीन पर विद्यालय भवन निर्माण कराये जाने की मांग उठी,जिसके लिए स्कूल जिला प्रशासन के साथ पत्राचार कर विद्यालय के लिए उक्त जमीन उपलब्ध कराने की मांग की. उसी के फलस्वरूप यह जमीन प्राप्त हुआ जिसपर निर्माण शुरू हुआ था. स्कूल के निर्माण के लिए विद्यालय की ओर से थाना के बगल में स्थित जल संसाधन विभाग की खाली पड़ी जमीन प्रस्तावित की गई थी .जिस पर 12 फरवरी 2022 को ही विभाग के तत्कालीन एसडीओ तारकेश्वरधर द्विवेदी की उपस्थिति में नापी कराई गई थी. जिसके बाद 2023 के अक्टूबर माह में स्कूल के निर्माण के लिए निविदा प्रकाशित की गई थी. बता दें कि 4 करोड़ 65 लाख की लागत से जी प्लस वन केटेगरी का भवन निर्माण कराया गया है जिसके निर्माण पूरा होने की समयावधि 15 महीने रखी गयी थी. हालांकि तय समय सीमा से लगभग नौ महीने की देरी से स्कूल भवन बनकर तैयार हुआ है.नवनिर्मित स्कूल थाने से सटे बाढ़ नियंत्रण विभाग की है. यह जमीन 4 एकड़ की थी जो खाली पड़ी थी.इसी जमीन पर विद्यालय के निर्माण का प्रस्ताव शिक्षा विभाग द्वारा बाढ़ नियंत्रण विभाग को भेजा गया था.कई दौर की वार्ता और पत्राचार के बाद 4 एकड़ जमीन में से 1.20 एकड़ जमीन विद्यालय के लिए हस्तांतरित करने पर सहमति बनी थी.
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