दो प्रखंडों के लोगों का आवागमन ठप

संकट. डोमरा सड़क पर दर्जनों पुल-पुलिये बहे, कई पुलों के एप्रोच हुए क्षतिग्रस्त बाढ़ ने डोमरा सड़क को इस प्रकार से तोड़ा कि इस सड़क के अस्तित्व पर ही सवाल खड़ा कर दिया है. यह सड़क अपने अतीत से भी बुरे हालात में पहुंच गया है. क्षेत्र के लोगों के सामने आवागमन की समस्या हो […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 22, 2017 6:24 AM

संकट. डोमरा सड़क पर दर्जनों पुल-पुलिये बहे, कई पुलों के एप्रोच हुए क्षतिग्रस्त

बाढ़ ने डोमरा सड़क को इस प्रकार से तोड़ा कि इस सड़क के अस्तित्व पर ही सवाल खड़ा कर दिया है. यह सड़क अपने अतीत से भी बुरे हालात में पहुंच गया है. क्षेत्र के लोगों के सामने आवागमन की समस्या हो गयी है. वहीं फारबिसगंज से कुर्साकांटा के बीच यह सड़क 12-15 किमी तक पूर्ण रूपेण क्षतिग्रस्त हो चुकी है.
अररिया : लोकोक्ति के अनुसार बनारस के डोम राजा ने अकाल से मुक्ति दिलाने के लिए यूपी के काशी से असम तक सड़क का निर्माण कराया. जिसे आज भी डोमरा सड़क के नाम से जाना जाता है. कलांतर में कई सरकारों ने उस सड़क का जिर्णोद्धार भी कराया. डोमरा सड़क के आसपास के दर्जनों गांवों के लाखों की आबादी की मांग पर परमान नदी के असुरी घाट पर पुल का निर्माण भी हुआ. लोगों की उम्मीदों को नये पंख लगे. लेकिन यह उम्मीद एक सावन भी नहीं देख पाया.
बाढ़ ने इस सड़क को इस प्रकार से तोड़ा कि इस सड़क के अस्तित्व पर ही सवाल खड़ा कर दिया है. यह सड़क अपने अतीत से भी बुरे हालात में पहुंच गया है. फारबिसगंज से कुर्साकांटा के बीच यह सड़क 12-15 किमी पूर्ण रूपेण क्षतिग्रस्त हो चुका है. डोमरा सड़क आगे चलकर जागीर परासी पंचायत में सीमा सड़क से मिल जाती है. सीमा सड़क भी वहां से मेंहदीपुर चौक तक कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो चुका है. कुछ स्थानों पर छोटे पुलों के एप्रोच पथ भी धंस गये हैं. मेंहदीपुर चौक के बाद कपरफोरा के पास दो स्थानों पर सड़क टूट चुका है. साथ ही कपरफोरा पुल के बाद भी सड़क टूटा हुआ है. कपरफोरा के बरजान नदी के पास केले से बने नांव के सहारे लोग आ-जा रहे हैं.

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