भागलपुर बटेश्वर गंगा पंप नहर परियोजना : 38 साल, 80 बैठकें, 828.80 करोड़ खर्च, पर सब बेकार
कार्यशैली पर उठ रहे सवाल भागलपुर : बटेश्वर गंगा पंप नहर परियोजना, कहलगांव लगभग 38 साल बाद पूरी होकर भी फंस गयी है. परियोजना को पूरी करने के लिए 80 बैठकें और 828.80 करोड़ खर्च हुए हैं. उद्घाटन से पूर्व बांध का ध्वस्त हो जाना, इनके शिथिल मॉनीटरिंग के अभाव में निर्माण सामग्री की गुणवत्ता […]
कार्यशैली पर उठ रहे सवाल
भागलपुर : बटेश्वर गंगा पंप नहर परियोजना, कहलगांव लगभग 38 साल बाद पूरी होकर भी फंस गयी है. परियोजना को पूरी करने के लिए 80 बैठकें और 828.80 करोड़ खर्च हुए हैं. उद्घाटन से पूर्व बांध का ध्वस्त हो जाना, इनके शिथिल मॉनीटरिंग के अभाव में निर्माण सामग्री की गुणवत्ता एवं पूर्व से लेकर वर्तमान तक इंजीनियरों की कार्यशैली पर प्रश्नचिह्न लगा रहा है.
जिस तरह से उद्घाटन से पूर्व नहर की पक्की दीवार ट्रायल के दौरान ही ध्वस्त हो गयी, यह अपने आप में हैरान करनेवाली घटना है. इसकी सत्ययता की जांच नहीं की गयी, तो सरकारी राशि का दुरुपयोग करने वाले बच निकलेंगे. ऐसे भी इस परियोजना से घपला-घोटाले के संकेत मिल रहे हैं. इससे पूर्व जून में परियोजना की आधी अधूरी तैयारी के बीच ही विभाग द्वारा उद्घाटन की योजना बनी थी.
धरी की धरी रह गयी सारी तैयारी
सीएम नीतीश कुमार के कहलगांव आगमन को लेकर सारी तैयारी पूरी कर ली गयी थी. आमसभा के लिए शारदा पाठशाला के मैदान में 2500 लोगों के बैठने के लिए 80 फीट चौड़ा तथा 240 फीट लंबा हैंगर पंडाल एवं 25 लोगों की क्षमता वाले 40फीट लंबा व 40 फीट चौड़ा मंच तैयार किया गया था. डीएम के आदेशानुसार परियोजना के बारे में मुख्यमंत्री को विस्तृत जानकारी देने के लिए सिविल एवं मैकेनिकल अलग–अलग अभियंता को तैयार किया गया था.
क्या है परियोजना
बटेश्वरस्थान गंगा पंप नहर परियोजना लिफ्ट इरिगेशन योजना है. इसके तहत बिहार के भागलपुर जिले में 18620 हेक्टेयर और झारखंड के गोड्डा जिले में 4038 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने की योजना है. भागलपुर के कहलगांव प्रखंड में शेखपुरा गांव के पास गंगा नदी के दायें तट पर कोआ और गंगा नदी के संगम के पास एक पंप हाउस बनाया गया है.
इससे 17 मीटर पानी लिफ्ट कर उच्चस्तरीय मुख्य नहर और इससे जुड़ी वितरणियों में सिंचाई सुविधा के लिए पानी उपलब्ध करवाया जायेगा. साथ ही इससे करीब डेढ़ किमी की दूरी पर शिवकुमारी पहाड़ी के पास दूसरा पंप हाउस बनाया गया है. इससे 27 मीटर पानी लिफ्ट कर उच्चस्तरीय मुख्य नहर और इससे जुड़ी वितरणियों में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध करवाया जायेगा.
