हॉकी के लिए साल 2021 रहा शानदार, टोक्यो में पुरुषों ने कांस्य और महिलाओं ने चौथा स्थान पाकर लहराया परचम

पुरुष टीम ने ऐतिहासिक कांस्य पदक जीतकर पदक के चार दशकों के सूखे को खत्म किया तो वही महिला टीम ने चौथा स्थान हासिल कर इस खेल में नयी जान फूंक दी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 26, 2021 7:35 PM

भारतीय हॉकी (Indian hockey) के लिये वर्ष 2021 यादगार रहा. टोक्यो ओलंपिक खेलों में पुरुष और महिला हॉकी टीमों ने इतिहास रचा जिसे युगों तक याद रखा जाएगा.

पुरुष टीम ने ऐतिहासिक कांस्य पदक जीतकर पदक के चार दशकों के सूखे को खत्म किया तो वही महिला टीम ने चौथा स्थान हासिल कर इस खेल में नयी जान फूंक दी. कोरोना वायरस महामारी से उपजे हालात की बाधाओं और चुनौतियों को धता बताते हुए, भारतीय पुरुष हॉकी टीम खेल में पदक के 41 साल के लंबे इंतजार को समाप्त करके अपने गौरवशाली अतीत को फिर से याद किया और एक नयी सुबह की शुरुआत की.

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महिला टीम मामूली अंतर से ऐतिहासिक कांस्य पदक से चूक गई, लेकिन इन वैश्विक खेलों में उसने अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर प्रशंसकों को भावनात्मक रूप से टीम के साथ जोड़ा. खिलाड़ियों को 2020 में बेंगलुरु के साइ (भारतीय खेल प्राधिकरण) केंद्र में एक बायो-बबल में सीमित रहना पड़ा लेकिन वर्ष 2021 की शुरुआत उनके लिये अच्छी रही.

भारतीय पुरुष टीम ने जर्मनी और ब्रिटेन के खिलाफ चार मैचों के यूरोपीय दौरे पर कड़ा संघर्ष किया, लेकिन यहां उसने दो जीत के और इतने ही ड्रॉ मैच खेले. भारत ने अर्जेंटीना दौरे पर अपना अजेय क्रम जारी रखते हुए 2016 के ओलंपिक चैंपियन को दो बार हराया और चार अभ्यास मैचों में से दो मुकाबले ड्रॉ रहे.

आठ बार की ओलंपिक चैम्पियन टीम इसके बाद खिताब के दावेदार के तौर पर तोक्यो पहुंची जहां उसने पूल चरण के पांच में से चार मैच जीते. मनप्रीत सिंह की अगुवाई में टीम ने क्वार्टर फाइनल में ब्रिटेन को 3-1 से हराया लेकिन सेमीफाइनल में उसे बेल्जियम के खिलाफ 2-5 की शिकस्त झेलनी पड़ी.

कांस्य पदक के मैच में भारतीय टीम ने पिछड़ने के बाद शानदार वापसी करते हुए जर्मनी को 5-4 से शिकस्त दी. इस शानदार प्रदर्शन के बाद भारतीयों ने एफआईएच (अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ) हॉकी स्टार पुरस्कार 2021 में सभी श्रेणियों में जीत हासिल की.

इन पुरस्कारों में भारतीय टीम के दबदबे पर ओलंपिक चैंपियन बेल्जियम ने निराशा जतायी जिससे थोड़ा विवाद भी पैदा हो गया. हरमनप्रीत सिंह को एफआईएच साल का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का ताज पहनाया गया.

पीआर श्रीजेश साल के सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर चुने गये तो वही विवेक सागर प्रसाद ने लगातार दूसरी बार एफआईएच उदयीमान खिलाड़ी का पुरस्कार जीता. भारत के मुख्य कोच ग्राहम रीड को एफआईएच साल के सर्वश्रेष्ठ कोच पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

ओलंपिक गौरव ने हॉकी टीम के सभी सदस्यों के लिए राष्ट्रीय पहचान भी दिलायी. पीआर श्रीजेश और कप्तान मनप्रीत को देश के सर्वोच्च खेल सम्मान मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से नवाजा गया.

कई अन्य खिलाड़ियों को अर्जुन पुरस्कार के साथ सम्मानित किया गया. भारत के लिए हालांकि साल का अंत थोड़ा दुखद रहा क्योंकि टीम एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी खिताब की रक्षा करने में विफल रही. टीम ने हालांकि कांस्य पदक मैच में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को 4-3 से हराकर तीसरा स्थान हासिल किया.

महिला टीम ने भी तोक्यो ओलंपिक में चौथे स्थान पर रहने के बाद एफआईएच विश्व रैंकिंग में अपना सर्वश्रेष्ठ स्थान हासिल किया. महिला वर्ग के भी एफआईएच हॉकी स्टार पुरस्कार 2021 में पूरी तरह से भारतीय खिलाड़ियों का दबदबा रहा. रानी रामपाल की अगुवाई वाली टीम ने ओलंपिक के अपने अभियान को तीन हार के साथ शुरू किया था लेकिन फिर वापसी करते हुए क्वार्टर फाइनल में जगह बनायी.

टीम ने अंतिम आठ में बड़ा उलटफेर करते हुए खिताब की दावेदार ऑस्ट्रेलिया को हराया. इस टीम को हालांकि इसके बाद किस्मत का साथ नहीं मिला. सेमीफाइनल में अर्जेंटीना के खिलाफ उसे 1-2 और कांस्य पदक के मैच में ब्रिटेन से 3-4 से करीबी शिकस्त झेलनी पड़ी.

इस प्रदर्शन से टीम ने अपनी सर्वश्रेष्ठ आठवीं रैंकिंग हासिल की. भारतीय जूनियर पुरुष हॉकी टीम ने हालांकि साल के अंत में निराश किया. टीम इस महीने की शुरुआत में भुवनेश्वर में अपने विश्व कप खिताब की रक्षा करने में विफल रही. कांस्य पदक के प्ले-ऑफ में फ्रांस से 1-3 से हराकर भारत चौथे स्थान पर रहा. ओलंपिक में दमदार प्रदर्शन से अगले साल एशियाई खेल और बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेल में टीम का मनोबल ऊंचा रहेगा.

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