”भाजपा की साइना” क्‍या बैडमिंटन को कहेंगी अलविदा…?

नयी दिल्ली : पिछले कुछ अर्से से सोशल मीडिया पर केंद्र सरकार की नीतियों की खुलकर सराहना करने वाली साइना नेहवाल ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़कर चोटों से प्रभावित रहे अपने सुनहरे करियर को जल्द ही अलविदा कहने के संकेत दे दिए हैं. भाजपा से जुड़ने के दौरान साइना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 29, 2020 5:09 PM

नयी दिल्ली : पिछले कुछ अर्से से सोशल मीडिया पर केंद्र सरकार की नीतियों की खुलकर सराहना करने वाली साइना नेहवाल ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़कर चोटों से प्रभावित रहे अपने सुनहरे करियर को जल्द ही अलविदा कहने के संकेत दे दिए हैं.

भाजपा से जुड़ने के दौरान साइना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी जमकर सराहना की. पार्टी आगामी दिल्ली चुनाव में युवा मतदाताओं में पैठ बनाने के लिये उन्हें यूथ आइकन के रूप में पेश कर सकती है.

दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी रही साइना का करियर पिछले कुछ समय से चोटों से प्रभावित रहा है जिसका असर उनके खेल पर भी पड़ा है. रियो ओलंपिक 2016 में जल्दी बाहर होने के बाद इस स्टार खिलाड़ी को घुटने का ऑपरेशन कराना पड़ा था और इसके बाद से इस चोट ने उन्हें लगातार परेशान किया है.

पूर्व ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साइना ने 2018 से 30 से अधिक टूर्नामेंटों में हिस्सा लिया और इस दौरान सिर्फ दो खिताब जीत पायीं. साथ ही इस दौरान लगभग आधे टूर्नामेंटों में वह क्वार्टर फाइनल में भी जगह नहीं बना पायी. साइना के लिए इस साल होने वाले तोक्यो ओलंपिक में क्वालीफाई करने की राह भी आसान नहीं होगी.

साइना की विश्व रैंकिंग अभी 18 है और अगर वह 30 अप्रैल को जारी होने वाली रैंकिंग में शीर्ष 16 में जगह नहीं बना पाती हैं तो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाएंगी.

तोक्यो ओलंपिक में महिला एकल में कोई देश अधिकतम दो खिलाड़ियों को कोर्ट पर उतार सकता है, लेकिन इसके लिए ये दोनों खिलाड़ी विश्व रैंकिंग में शीर्ष 16 में होनी चाहिए. पीवी सिंधू की विश्व रैंकिंग अभी छह है और अगर साइना शीर्ष 16 में जगह बनाने में नाकाम रहती हैं तो उनका चौथी बार ओलंपिक में हिस्सा लेने का सपना टूट जाएगा.

माना जा रहा है कि अगर साइना ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने में नाकाम रहती हैं तो वह राजनीति में सक्रिेय भूमिका निभा सकती हैं. हिसार में जन्मीं साइना साथ ही इस साल 17 मार्च को 30 बरस की हो जाएंगी और ऐसे में लोगों का मानना है कि पिछले कुछ समय से चोटों से परेशान रहने के कारण वैसे भी उनका अंतरराष्ट्रीय करियर अधिक नहीं बचा है.

खेल जगत में साइना जाना माना चेहरा हैं और भारत में बैडमिंटन को लोकप्रिय बनाने में उनकी अहम भूमिका रही है. साइना विश्व रैंकिंग में नंबर एक स्थान हासिल करने वाली भारत की पहली महिला बैडमिंटन खिलाड़ी हैं. तीन बार की ओलंपियन साइना ने 2015 में शीर्ष रैंकिंग हासिल की थी.

साथ ही वह बैडमिंटन में ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय भी हैं. साइना विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के फाइनल में खेलने वाली भी पहली भारतीय खिलाड़ी हैं. खेल में उत्कृष्ट योगदान के लिए साइना को 2009 में अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया जबकि 2009-10 के लिए उन्हें देश का शीर्ष खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न मिला. साइना को इसके अलावा 2010 में पद्मश्री जबकि 2016 में देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से नवाजा गया.

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