हॉकी विश्‍वकप : हार के बावजूद दिग्गजों ने भारतीय हॉकी टीम के प्रदर्शन को सराहा

भुवनेश्वर : भारतीय हॉकी टीम का 43 साल बाद विश्व कप में पदक जीतने का सपना भले ही नीदरलैंड ने तोड़ दिया हो लेकिन पूर्व खिलाड़ियों ने टीम के प्रदर्शन की सराहना करते हुए कहा है कि तोक्यो ओलंपिक में टीम पदक के दावेदारों में होगी. पूल चरण में शीर्ष पर रहने के बाद सीधे […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 14, 2018 6:50 PM

भुवनेश्वर : भारतीय हॉकी टीम का 43 साल बाद विश्व कप में पदक जीतने का सपना भले ही नीदरलैंड ने तोड़ दिया हो लेकिन पूर्व खिलाड़ियों ने टीम के प्रदर्शन की सराहना करते हुए कहा है कि तोक्यो ओलंपिक में टीम पदक के दावेदारों में होगी. पूल चरण में शीर्ष पर रहने के बाद सीधे क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने वाली भारतीय टीम को नीदरलैंड ने 2-1 से हराया. भारत टूर्नामेंट में छठे स्थान पर रहा जो 1994 के बाद उसका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है.

1975 में विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम पिछली बार नौवें और 2010 में दिल्ली में हुए विश्व कप में आठवें स्थान पर रही थी. वह आखिरी बार 1994 में पांचवें स्थान पर रही जबकि उसके बाद तीन विश्व कप में क्रमश: नौवें, 10वें और 11वें स्थान पर रही. दो ओलंपिक और 1990 विश्व कप खेल चुके पूर्व सेंटर फारवर्ड जगबीर सिंह ने भाषा से कहा, ‘पूरे टूर्नामेंट में टीम का प्रदर्शन संतोषजनक था और यह टीम सेमीफाइनल में पहुंचने की दावेदार थी. भारत ने दिखा दिया कि वह दुनिया की पांचवें नंबर की टीम यूं ही नहीं है.’

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उन्होंने कहा, ‘ये काफी प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं और इस प्रक्रिया को बरकरार रखने पर टीम तोक्यो ओलंपिक 2020 में पदक जीत सकती है.’ वहीं चार ओलंपिक, चार विश्व कप और चार चैम्पियंस ट्रॉफी खेल चुके महान फारवर्ड धनराज पिल्लै ने क्वार्टर फाइनल में खराब प्रदर्शन के लिए फारवर्ड पंक्ति को दोषी ठहराया.

उन्होंने कहा, ‘पूल मैचों में हमने अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन उस लय को नीदरलैंड जैसी बड़ी टीम के सामने बरकरार नहीं रख सके. हम क्वार्टर फाइनल आराम से जीत सकते थे लेकिन बढ़त बनाने के बाद हम भावनाओं में बह गये और हड़बड़ी में गोल नहीं कर सके. फारवर्ड पंक्ति बिल्कुल फार्म में नहीं दिखी.’

उन्होंने डच टीम को बांधकर रखने वाले डिफेंडरों की तारीफ करते हुए कहा, ‘डिफेंस ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया. गोलकीपर के बिना भी पेनल्टी कॉर्नर बचाये जो आसान नहीं है. हरमनप्रीत सिंह, बीरेंद्र लकड़ा के अलावा वरूण, सुरेंद्र और सुमित जैसे युवा खिलाड़ियों ने उम्दा प्रदर्शन किया.’ उन्होंने कहा कि भारत को पदक जीतने के लिए शीर्ष टीमों के खिलाफ लगातार अच्छा प्रदर्शन करना होगा.

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पिल्लै ने कहा, ‘इसमें कोई शक नहीं कि भारतीय टीम के प्रदर्शन में काफी सुधार आया है लेकिन अभी भी बड़ी टीमों के सामने हम लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं. यह रातोंरात नहीं होगा और लंबी प्रक्रिया है लेकिन इस प्रक्रिया को जारी रखना होगा.’ भारतीय कोच हरेंद्र सिंह ने अंपायरिंग के स्तर पर भी ऊंगली उठायी और जगबीर ने उनकी बात का समर्थन किया. जगबीर ने कहा, ‘इसमें कोई शक नहीं कि अंपायरों के कुछ फैसले विवादास्पद थे और इसका नतीजे पर असर पड़ा.’

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