हॉकी विश्वकप : क्वार्टर फाइनल में कल भारत का मुकाबला नीदरलैंड से

भुवनेश्वर : हॉकी विश्वकप में कल गुरुवार को भारत का मुकाबला क्वार्टर फाइनल में नीदरलैंड से होगा. यह मुकाबला भारत के लिए चुनौती के समान है. भारत एक ओर जहां 43 साल बाद यह खिताब जीतना चाहता है, वहीं उसके सामने नीदरलैंड जैसी कड़ी चुनौती है पिछले दो मैचों में दस गोल करके अपने आक्रामक […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 12, 2018 12:33 PM


भुवनेश्वर :
हॉकी विश्वकप में कल गुरुवार को भारत का मुकाबला क्वार्टर फाइनल में नीदरलैंड से होगा. यह मुकाबला भारत के लिए चुनौती के समान है. भारत एक ओर जहां 43 साल बाद यह खिताब जीतना चाहता है, वहीं उसके सामने नीदरलैंड जैसी कड़ी चुनौती है पिछले दो मैचों में दस गोल करके अपने आक्रामक तेवर जाहिर कर चुका है. विश्व रैंकिंग में नीदरलैंड से एक पायदान नीचे पांचवें स्थान पर काबिज भारत ने पूल सी में तीन मैचों में दो जीत और एक ड्रा के बाद शीर्ष पर रहकर अंतिम आठ में जगह बनायी है. वहीं नीदरलैंड पूल डी में दूसरे स्थान पर रहकर क्रासओवर खेला और कनाडा को पांच गोल से रौंदकर क्वार्टर फाइनल में पहुंचा.

खचाखच भरे रहने वाले कलिंगा स्टेडियम में दर्शकों को इंतजार भारत की एक और शानदार जीत के साथ पदक के करीब पहुंचने का है. आखिरी लीग मैच आठ दिसंबर को खेलने वाली भारतीय टीम चार दिन के ब्रेक के बाद उतरेगी. कोच हरेंद्र सिंह के मुताबिक असली टूर्नामेंट की शुरूआत नाकआउट से होगी और उनकी टीम डच चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा था ,‘ हम आक्रामक हाकी खेल रहे हैं और इसमें कोई बदलाव नहीं होगा. हमें बड़ी टीमों के खिलाफ अच्छा खेलने का अनुभव है और नीदरलैंड को भी हम हरा सकते हैं. यह टीम बड़ी टीमों के रसूख से खौफ खाने वालों में से नहीं है और मुझे यकीन है कि हम इस बार विश्व कप से खाली हाथ नहीं लौटेंगे .’ कोच के आत्मविश्वास की वजह भारतीय टीम का पूल चरण में प्रदर्शन है जिसमें दुनिया की तीसरे नंबर की टीम बेल्जियम के रहते भारत ने पहले स्थान पर रहकर नाकआउट के लिए सीधे क्वालीफाई किया. दक्षिण अफ्रीका को पांच गोल से हराया जबकि कनाडा को 5 – 1 से शिकस्त दी . बेल्जियम को आखिरी चार मिनट में गोल गंवाने के बाद 2 – 2 से ड्रा खेलना पड़ा. सिमरनजीत सिंह, ललित उपाध्याय, मनदीप सिंह और ओडिशा के ड्रैग फ्लिकर अमित रोहिदास समेत भारतीय खिलाड़ियों ने अभी तक अच्छा प्रदर्शन किया. डिफेंस में कुछ मौकों को छोड़कर भारतीयों ने निराश नहीं किया लेकिन डच खिलाड़ियों को मौके देने से बचना होगा .

खासकर डिफेंस को आखिरी मिनटों में दबाव के आगे ढीले पड़ने की कमजोरी से पार पाना होगा. दूसरी ओर नीदरलैंड ने अभी तक टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा 18 गोल किये हैं . उसने पूल चरण में मलेशिया को 7 – 0 से और पाकिस्तान को 5 – 1 से हराया हालांकि जर्मनी से 1 – 4 से पराजय झेलनी पड़ी . डच कोच मैक्स केलडास ने स्वीकार किया कि कलिंगा स्टेडियम पर बड़े मैच में भारत को हराना चुनौतीपूर्ण होगा लेकिन कहा कि उन्हें इसका अनुभव है और खिलाड़ी इसके लिये तैयार हैं . लंदन ओलंपिक 2012 और विश्व कप 2014 में नीदरलैंड की महिला हाकी टीम को स्वर्ण पदक दिला चुके कोच ने कहा ,‘ हमें भरे हुए मैदानों में खेलने की आदत है और हम भारत को पहले भी हरा चुके हैं लिहाजा दर्शकों का मेजबान टीम को समर्थन हमारे लिये कोई मसला नहीं है .

हम अपने खेल पर फोकस करेंगे और जीतेंगे .’ भारतीय टीम ने पिछले कुछ अर्से में नीदरलैंड के खिलाफ अपना रिकार्ड सुधारा है और पिछले नौ मैचों में दोनों ने चार चार जीते और एक ड्रा रहा . वैसे विश्व कप में दोनों टीमों का सामना छह बार हुआ और सभी छह मैच नीदरलैंड ने जीते. टूर्नामेंट में 1971 से अब तक भारत सिर्फ एक बार 1975 में खिताब जीत सका है और उसके बाद से उसका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1994 में रहा जब टीम पांचवें स्थान पर रही थी. वहीं टूर्नामेंट की सबसे सफल टीमों में से एक पिछली उपविजेता नीदरलैंड ने तीन बार (1973, 1990 , 1998) में खिताब जीता है. गुरुवार को ही एक अन्य क्वार्टर फाइनल में जर्मनी का सामना बेल्जियम से होगा .

Next Article

Exit mobile version