…जब पापा के लिए सायना ने कॉमनवेल्थ के गोल्ड को दांव पर लगा दिया

गोल्ड कोस्ट: सायना नेहवाल ने कहा है कि उन्हें राष्ट्रमंडल खेलों से पहले खेलगांव में ठहरने को लेकर अपने पिता के लिए आवाज उठाने का कोई खेद नहीं है. तब उन्होंने एकल और टीम स्पर्धा से हटने की धमकी तक दे डाली थी. सायना ने हमवतन और शीर्ष वरीयता प्राप्त पीवी सिंधू को हराने के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 15, 2018 11:50 AM

गोल्ड कोस्ट: सायना नेहवाल ने कहा है कि उन्हें राष्ट्रमंडल खेलों से पहले खेलगांव में ठहरने को लेकर अपने पिता के लिए आवाज उठाने का कोई खेद नहीं है. तब उन्होंने एकल और टीम स्पर्धा से हटने की धमकी तक दे डाली थी. सायना ने हमवतन और शीर्ष वरीयता प्राप्त पीवी सिंधू को हराने के बाद रविवार को कहा, ‘मुझे अपने पिताजी के लिए कहीं भी, किसी से भी भिड़ने में परहेज नहीं है. लोगों का कहना है कि मैंने अपने पिता को पहले रखा, लेकिन ऐसा नहीं है. अगर ऐसा होता, तो मैं अपने देश के लिए पदक नहीं जीतती.’

सायना ने अपने पिता को खेल गांव में प्रवेश नहीं मिलने के संदर्भ में कहा, ‘मुझसे क्यों कहा गया कि सारी व्यवस्था कर दी गयी है, जबकि ऐसा नहीं किया गया था. अगर मुझे पता होता, तो मैं उनके लिए होटल में कमरा बुक करवा देती. उन्हें निजी कोच का मान्यता पत्र मिला था और लंबी यात्रा के बाद मुझे इस तरह की स्थिति से जूझना पड़ा.’ उन्होंने कहा कि इससे उनका ध्यान भंग हुआ और इससे वह काफी तनाव मेंथीं.

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गोल्डेनशटलर ने कहा, ‘दो दिन तक मैं सो तक नहीं पायी. मैं वहां तीन-चार घंटे बैठे नहीं रह सकती थी. मैं सरकारी अधिकारी नहीं हूं. मैं एक खिलाड़ी हूं. मैंने मैच खेलने होते हैं. सिंधू टीम स्पर्धा में नहीं खेल रही थी और मुझे वहां अच्छा प्रदर्शन करना था. कई बार चीजों को सामान्य होने में समय लगता है, लेकिन मुझे लगता है कि अगर मैंने तब वैसा रवैया नहीं अपनाया होता, तो ऐसा नहीं होता.’

सायना ने कहा, ‘वह दो दिन तक खेलगांव के बाहर बैठे रहे. वह यहां तक कि डाइनिंग हॉल तक नहीं आ पाये. उनके यहां आने का क्या मतलब था. यह तनावपूर्ण स्थिति थी, लेकिन आपको इससे लड़ना होता है. मुझे विश्राम की जरूरत थी. रोजर फेडरर कहता है कि वह 10-12 घंटे सोता है और मैं आधे घंटे भी नहीं सो पायी, क्योंकि मेरे पिता बाहर बैठे हुए थे. मैं कैसे सो पाती.’

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