हॉकी विश्व लीग फाइनल : सडन डैथ में बेल्जियम को हराकर भारत सेमीफाइनल में

भुवनेश्वर : रोमांच की पराकाष्ठा तक पहुंचे मुकाबले में भारत ने सडन डैथ में हरमनप्रीत सिंह के गोल के दम पर आज यहां खिताब के प्रबल दावेदार बेल्जियम को हराकर हॉकी विश्व लीग फाइनल के अंतिम चार में प्रवेश किया. बेहतरीन हॉकी का मुजाहिरा पेश करने वाले मैच में पासा पल पल पलटता रहा और […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 6, 2017 10:06 PM

भुवनेश्वर : रोमांच की पराकाष्ठा तक पहुंचे मुकाबले में भारत ने सडन डैथ में हरमनप्रीत सिंह के गोल के दम पर आज यहां खिताब के प्रबल दावेदार बेल्जियम को हराकर हॉकी विश्व लीग फाइनल के अंतिम चार में प्रवेश किया. बेहतरीन हॉकी का मुजाहिरा पेश करने वाले मैच में पासा पल पल पलटता रहा और दर्शकों का मूड भी. निर्धारित समय तक स्कोर 3 3 से बराबर रहने के बाद शूटआउट मेंभी स्कोर 2 2 था. इसके बाद सडन डैथ में हरमनप्रीत ने भारत के लिये गोल दागा जबकि आर्थर वान डोरेन बेल्जियम के लिये गोल नहीं कर सके.

शूटआउट में भारत के लिये ललित उपाध्याय और रुपिंदर पाल सिंह ने गोल दागे जबकि हरमनप्रीत, सुमीत और आकाशदीप के निशाने चूके. वहीं बेल्जियम के लिये आर्थर और जान डोमैन ने गोल किये. इंडिया जीतेगा, चक दे इंडिया, इंडिया इंडिया के नारे लगाते कलिंगा स्टेडियम पर जमा हजारों दर्शकों के सामने इस मैच में रोमांच और जुझारुपन की जबर्दस्त बानगी मिली.

बेल्जियम जहां लीग चरण में अपराजेय थी, वहीं भारत ने एक भी मैच नहीं जीता था. हाफटाइम तक स्कोर गोलरहित बराबरी पर रहने के बाद भारत ने ब्रेक के बाद पहले ही मिनट में खाता खोला जब एस वी सुनील ने सर्कल के भीतर आकाशदीप सिंह को पास दिया और उनसे गेंद लेकर गुरजंत सिंह ने बेहतरीन गोल को अंजाम तक पहुंचाया. इसके चार मिनट बाद ही हरमनप्रीत ने पेनल्टी कार्नर पर गोल करके भारत की बढ़त दुगुनी कर दी. दो गोल से पिछड़ने के बाद सकते में आई बेल्जियम टीम ने 39वें मिनट में जवाबी हमलों पर पेनल्टी कार्नर बनाया.
इसे लोइक लुपार्ट ने गोल में बदलकर टीम को मैच में लौटाया. उन्होंने 46वें मिनट में एक और पेनल्टी कार्नर को गोल में तब्दील करके बेल्जियम को बराबरी पर ला दिया. इसके साथ ही मैदान में जमा हजारों दर्शकों को मानो सांप सूंघ गया. भारतीयों ने हालांकि हार नहीं मानते हुए हमले जारी रखे और अगले ही मिनट इसका परिणाम पेनल्टी कार्नर के रुप में मिला. रुपिंदर ने इसे गोल में बदलकर माहौल फिर जीवंत कर दिया.
बेल्जियम ने हालांकि 57वें मिनट में सेड्रिक चार्लियेर के गोल के दम पर फिर वापसी करके मैच को शूटआउट की ओर धकेला. इससे पहले लीग चरण से सबक लेते हुए भारत ने इस मैच में काफी आक्रामक आगाज किया. गेंद पर नियंत्रण और विरोधी गोल पर हमलों के मामले में भारतीय टीम बेल्जियम पर हावी रही. दूसरे ही मिनट में अनुभवी स्ट्राइकर एस वी सुनील भारत को बढ़त दिला देते लेकिन चूक गए. भारत को तीन मिनट बाद मैच का पहला पेनल्टी कार्नर मिला लेकिन इस पर हरमनप्रीत गोल नहीं कर सके.
इस बीच भारत के तेवरों से सन्न बेल्जियम ने जवाबी हमले बोलने शुरू किये. अब तक अडिग दिख रहे भारतीय डिफेंस को भेदते हुए उसने दसवें मिनट में गेंद गोल के भीतर डाल दी लेकिन भारत के वीडियो रेफरल लेने के बाद इस गोल को अमान्य करार दिया गया. दूसरे क्वार्टर के तीसरे ही मिनट में गुरजंत सिंह ने डी के भीतर सुनील को बेहतरीन पास दिया. गेंद से दूर खड़े सुनील ने उसे लपका भी लेकिन गोल के दाहिने ओर से उनका शाट बाहर निकल गया.
पिछले मैचों में आखिरी मिनटों में गोल गंवाने के कारण आलोचना झेल रहा भारतीय डिफेंस पहले हाफ में काफी चुस्त दिखाई दिया. इस टूर्नामेंट के जरिये आठ महीने बाद भारतीय टीम में लौटे रुपिंदर पाल सिंह और वरुण कुमार ने बेल्जियम के कई मूव नाकाम किये. गोलकीपर आकाश चिकते ने 28वें मिनट में बेल्जियम का शर्तिया गोल बचाया. भारत को हाफटाइम से ठीक पहले पेनल्टी कार्नर मिला लेकिन इस बार रुपिंदर चूके. हाफटाइम तक दोनों टीमें गोलरहित बराबरी पर थी.

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