श्रीकांत को हराकर प्रणय बने नये राष्ट्रीय चैम्पियन

नागपुर : एच एस प्रणय ने बुधवार को यहां 82वीं सीनियर राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी और खिताब के प्रबल दावेदार किदाम्बी श्रीकांत को रोमांचक फाइनल में हराकर पुरुष एकल खिताब अपने नाम किया. दूसरे वरीय प्रणय ने पिछले हफ्ते विश्व रैंकिंग में अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ स्थान हासिल किया था. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 8, 2017 8:10 PM

नागपुर : एच एस प्रणय ने बुधवार को यहां 82वीं सीनियर राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी और खिताब के प्रबल दावेदार किदाम्बी श्रीकांत को रोमांचक फाइनल में हराकर पुरुष एकल खिताब अपने नाम किया.

दूसरे वरीय प्रणय ने पिछले हफ्ते विश्व रैंकिंग में अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ स्थान हासिल किया था. उन्होंने शीर्ष वरीय श्रीकांत को 49 मिनट तक चले मुकाबले में 21-15, 16-21, 21-7 से शिकस्त दी. वह पिछले महीने फ्रेंच ओपन सुपर सीरीज में अपने इस हमवतन खिलाड़ी से सेमीफाइनल में हार गये थे. छह महीने पहले ही जोड़ी बनाने का फैसला करने वाले सत्विक साई राज आर और अश्विनी पोनप्पा ने शीर्ष वरीय और दुनिया की 16वें नंबर के प्रणव जेरी चोपडा और एन सिक्की रेड्डी को 21-9, 20-22, 21-17 से हराकर मिश्रित युगल खिताब पर कब्जा किया. श्रीकांत और प्रणय के फाइनल्स में पहुंचने से रोमांच चरम पर पहुंच गया था और मैच सभी के लिये रोमांचक साबित हुआ क्योंकि दोनों ने खूबसूरत खेल दिखाकर मैच के दौरान तेज रैलियां पेश कीं.

श्रीकांत और प्रणय अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में चार बार एक दूसरे के खिलाफ खेल चुके हैं लेकिन पिछले तीन मौकों पर श्रीकांत जीत दर्ज करने में सफल रहे थे. प्रणय ने सिर्फ एक बार 2011 टाटा ओपन में ही श्रीकांत को हराया था.
श्रीकांत अपने करियर की शानदार फार्म में हैं, उन्होंने इस सत्र में पांच फाइनल्स में प्रवेश कर चार खिताब अपनी झोली में डाले. लेकिन परिणाम आंकड़ों के अनुरुप नहीं रहा जिससे प्रणय ने दिखा दिया कि इस सत्र में ली चोंग वेई और चेन लोंग पर मिली जीत कोई तुक्का नहीं थी.
शुरुआती गेम में श्रीकांत ने प्रणय की लगातार कई गलतियों का फायदा उठाया जो शुरू में शटल को कोर्ट के अंदर रखने में जूझते दिखे. इन गलतियों से श्रीकांत 4-1 से आगे हो गये लेकिन केरल के इस खिलाड़ी ने फार्म में लौटते हुए और कुछ तेज र्तार स्मैश से वापसी कर बराबरी हासिल की. ये दोनों 10-10 से बराबरी पर थे, लेकिन प्रणय एक रिटर्न को नेट पर गिराने से ब्रेक तक श्रीकांत को बढ़त दे बैठे. लेकिन इसके बाद प्रणय ने बेहतरीन कोर्ट कवरेज से 14-12 की बढ़त बनाकर इसे जल्द ही 20-14 कर दिया.
हालांकि उन्होंने एक गेम प्वाइंट गंवाने के बाद शानदार बैकहैंड रिटर्न से इस गेम को अपने नाम कर लिया. दूसरे गेम में प्रणय ने 2-0 से शुरुआत कर श्रीकांत की बेसलाइन पर की गयी गलती से 7-3 से आगे हो लिये. हालांकि श्रीकांत ने कोण लेते रिटर्न से वापसी कर 8-8 की बराबरी पर पहुंच गये. श्रीकांत ने क्रास कोर्ट स्मैश के बाद 11-10 से बढ़त बना ली. फिर उन्होंने संयम से खेलते हुए 17-15 की बढ़त को प्रणय की कुछ गलतियों से 19-16 कर दिया. उन्होंने शानदार स्मैश से इस गेम पर कब्जा किया. दोनों अब 1-1 से बराबर हो गये.
निर्णायक गेम में प्रणय ने तेज रैलियों से श्रीकांत को पस्त किया और उनकी रणनीति कारगर रही जिससे वह 6-1 से आगे थे. ब्रेक तक उन्होंने 11-3 की बढ़त बनायी हुई थी. ब्रेक के बाद प्रणय ने कुछ बेहतरीन कोण लेते स्ट्रोक्स से दबदबा जारी रखा और बढ़त 16-4 कर ली. जल्द ही उन्होंने प्रणय ने इसे 17-6 करते हुए खिताब अपनी झोली में डाल लिया.

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