Anti Doping Bill 2021: भारत ने बनाया एंटी डोपिंग कानून, जानें क्या होगा इससे खेल और खिलाड़ियों को फायदा

लोकसभा में चर्चा के बाद राष्ट्रीय डोपिंग रोधी विधेयक 2021 (National Anti Doping Bill 2021) को बुधवार को पारित कर दिया गया. इस दौरान केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, राष्ट्रीय डोपिंग रोधी विधेयक से न सिर्फ खेल और खिलाड़ियों को मदद मिलेगी, बल्कि आत्मनिर्भर भारत को भी बल मिलेगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 27, 2022 8:14 PM

भारत ने एंटी डोपिंग कानून (anti doping law) बना लिया है, जिसके बाद अब देश में ही खिलाड़ियों का डोप टेस्ट संभव हो पायेगा. इससे एक और फायदा होगा कि खिलाड़ियों के डोपिंग टेस्ट के लिए अन्य देशों पर निर्भरता खत्म हो जाएगी.

लोकसभा में राष्ट्रीय डोपिंग रोधी विधेयक, 2021 पारित

लोकसभा में चर्चा के बाद राष्ट्रीय डोपिंग रोधी विधेयक 2021 (National Anti Doping Bill 2021) को बुधवार को पारित कर दिया गया. इस दौरान केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, राष्ट्रीय डोपिंग रोधी विधेयक से न सिर्फ खेल और खिलाड़ियों को मदद मिलेगी, बल्कि आत्मनिर्भर भारत को भी बल मिलेगा.

नमूनों के साथ नहीं होगा छेड़छाड़

अपने देश में डोपिंग टेस्ट शुरू होने से कई लाभ खिलाड़ियों को होंगे. एक तो सबसे बड़ा फायदा होगा कि नमूनों के साथ छेड़छाड़ की संभावना कर हो जाएगी. इसके अलावा समय भी कम लगेगा और पैसों की भी बचत होगी.

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खेल और खिलाड़ी मोदी सरकार की प्राथमिकता : ठाकुर

ठाकुर ने लोकसभा में राष्ट्रीय डोपिंग रोधी विधेयक, 2021 को चर्चा और पारित कराने के लिए रखते हुए कहा, खेल और खिलाड़ी मोदी सरकार की प्राथमिकता रही है. पिछले कुछ वर्षों में भारतीय खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया है. टोक्यो ओलंपिक में भारत ने अब तक के सबसे ज्यादा पदक जीते. पैरालम्पिक में भी भारतीय खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि जब खेल और खिलाड़ियों की बात आती है तो हमारे पास डोपिंग रोधी तरीकों से जुड़े कानून की कमी थी. इस कानून के बन जाने से खिलाड़ियों को फायदा होगा और खिलाड़ियों के जांच नमून भेजने को लेकर दूसरे देशों पर निर्भरता कम होगी.

बढ़ जाएंगी नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (NADA) की ताकत

एंटी डोप कानून बनने के साथ ही NADA की ताकत बढ़ जाएगी. नाडा को अब मामले की जांच का अधिकार होगा और कार्रवाई करने का भी राइट होगा. खेल मंत्री ने कहा, वर्ष 2008 में राष्ट्रीय डोप टेस्ट लेबोरेटरी (एनडीटीएल) बनाई गयी थी, नियम भी बनाये गए थे, लेकिन इसे वैधानिक दर्जा नहीं मिला था. ठाकुर ने कहा कि भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन बेहतर करना है तो मानदंडों को भी बेहतर बनाना होगा. ठाकुर ने यह भी बताया कि पिछले वर्ष एनडीटीएल को विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) से फिर मान्यता मिल गई है जिसे 2019 में वैश्विक मानदंडों पर खरा नहीं उतरने की वजह से रोक दिया गया था.

अमेरिका, चीन जैसे विकसित देशों में शामिल हुआ भारत

एंटी डोपिंग कानून बनने के साथ ही भारत, अमेरिका, चीन, ऑस्ट्रेलिया और जापान जैसे देशों में शामिल हो गया है. डोप जांच की सुविधा इन देशों में पहले से ही थी. अनुराग ठाकुर ने कहा, अब भारत भी इसमें शामिल हो गया है और इससे भारत की साख भी बढ़ेगी.

भविष्य में स्थापित होंगी और भी प्रयोगशालाएं

खेल मंत्री ने कहा कि हम किसी बड़ी खेल प्रतियोगिता का आयोजन करते हैं, तब एक दिन में 10 हजार से अधिक नमूनों की जांच की जरूरत पड़ेगी, ऐसे में एक प्रयोगशाला से काम नहीं चलेगा. उन्होंने कहा कि भविष्य में जरूरत पड़ने पर और प्रयोगशालाएं स्थापित की जा सकती हैं. उन्होंने कहा कि एक प्रयोगशाला की स्थापना पर 70 से 100 करोड़ रुपये खर्च आता है लेकिन धन को आड़े नहीं आने दिया जायेगा.

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