Chris Cairns: मौत से जंग लड़ रहा स्टार क्रिकेटर, कभी पेट पालने के लिए धोना पड़ा बस, रिकॉर्ड देख रह जाएंगे दंग

क्रिस केर्न्स ऐसे स्टार क्रिकेट रहे हैं, जो मैदान पर अगर बल्ला लेकर आते तो गेंदबाजों के छक्के छुड़ा देते और हाथ में गेंद थाम लेते थे, तो बल्लेबाज अपनी खैर मनाते थे. उन्होंने 8273 रन और कुल 420 विकेट चटकाये.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 10, 2021 6:10 PM

न्यूजीलैंड के पूर्व ऑलराउंडर क्रिस केर्न्स (Chris Cairns) इस समय जीवन और मौत के बीच जंग लड़ रहे हैं. अचानक बेहोश होने के बाद उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है. दरअसल केर्न्स को ओरटिक डिसेक्सन का सामना करना पड़ा. ओरटिक डिसेक्सन एक गंभीर स्थिति है जिसमें शरीर की मुख्य धमनी की भीतरी परत को नुकसान पहुंचता है.

केर्न्स की अस्पताल में कई ऑपरेशन हो चुके हैं, लेकिन उनकी स्थिति में सुधार नहीं हो रहा. उसके बाद उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है.

क्रिस केर्न्स ऐसे स्टार क्रिकेट रहे हैं, जो मैदान पर अगर बल्ला लेकर आते तो गेंदबाजों के छक्के छुड़ा देते और हाथ में गेंद थाम लेते थे, तो बल्लेबाज अपनी खैर मनाते थे. केर्न्स ने न्यूजीलैंड के लिए 1989 से 2006 के बीच 62 टेस्ट, 215 एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय और दो टी20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबले खेले. जिसमें उन्होंने 8273 रन और कुल 420 विकेट चटकाये.

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इसके बावजूद इस स्टार क्रिकेटर की स्थिति क्रिकेट छोड़ने के बाद ऐसी हो गयी थी कि अपना पेट और परिवार को पालने के लिए बस धोना पड़ा और ट्रक भी चलाना पड़ा.

दरअसल केर्न्स पर 2008 में इंडियन क्रिकेट लीग में खेलने के दौरान मैच फिक्सिंग का आरोप लगा था. 51 साल के केर्न्स ने खुद को निर्दोष साबित करने के लिए कई कानूनी लड़ाइयां लड़ी. उन्होंने इस दौरान 2012 में इंडियन प्रीमियर लीग के संस्थापक ललित मोदी के खिलाफ मानहानि का मामला भी जीता.

उन्हें साथी क्रिकेटरों लू विन्सेंट और ब्रैंडन मैकुलम से दोबारा फिक्सिंग के आरोपों का सामना करना पड़ा. लेकिन 2015 में लंदन में लंबी सुनवाई के बाद उन्हें झूठी गवाही देने और न्याय प्रक्रिया में बाधा पहुंचाने के आरोपों से बरी कर दिया गया.

लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने के कारण केर्न्य आर्थिक रूप से काफी कमजोर हो गये और एक समय उनके पास केस लड़ने के लिए फीस चुकाने के लिए भी पैसे नहीं थे. मजबूरन उन्हें आकलैंड परिषद में ट्रक चलाने और बस अड्डे में सफाई करने का काम भी करना पड़ा.

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