बीसीसीआई अध्यक्ष पद से बर्खास्तगी के बाद बोले ठाकुर, ”ऑल दी बेस्ट”
नयी दिल्ली : लोढ़ा समिति के सुधारवादी कदम रोकने के लिए आज बीसीसीआई अध्यक्ष के रुप में बर्खास्त किए गए अनुराग ठाकुर ने उच्चतम न्यायालय के आदेश पर कहा कि अगर शीर्ष अदालत को लगता है कि क्रिकेट बोर्ड सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के मार्गदर्शन में अच्छा करेगा तो वे उन्हें शुभकामनाएं देती हैं.... उच्चतम न्यायालय ने […]
नयी दिल्ली : लोढ़ा समिति के सुधारवादी कदम रोकने के लिए आज बीसीसीआई अध्यक्ष के रुप में बर्खास्त किए गए अनुराग ठाकुर ने उच्चतम न्यायालय के आदेश पर कहा कि अगर शीर्ष अदालत को लगता है कि क्रिकेट बोर्ड सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के मार्गदर्शन में अच्छा करेगा तो वे उन्हें शुभकामनाएं देती हैं.
उच्चतम न्यायालय ने 18 जुलाई 2015 को लोढ़ा समिति की सिफारिशों को अनिवार्य बनाने का आदेश दिया था जिसे बोर्ड लागू करने में विफल रहा जिसके बाद शीर्ष अदालत ने ठाकुर और बीसीसीआई सचिव अजय शिर्के को बाहर का रास्ता दिखा दिया. ठाकुर ने हालांकि जोर देकर कहा कि बीसीसीआई देश में सर्वश्रेष्ठ रुप से संचालित खेल संस्था है.
ठाकुर ने कहा, ‘‘मेरे लिए यह निजी जंग नहीं थी, यह खेल संस्था की स्वायत्ता की लड़ाई थी. मैं उच्चतम न्यायालय का उतना की सम्मान करता हूं जितना किसी नागरिक को करना चाहिए. अगर उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों को लगता है कि बीसीसीआई सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के नेतृत्व में बेहतर कर सकता है तो मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं. मुझे यकीन है कि भारतीय क्रिकेट उनके मार्गदर्शन में अच्छा करेगा.’ उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो क्लिप जारी करके उच्चतम न्यायालय के आदेश पर प्रतिक्रिया दी.
ठाकुर ने कहा, ‘‘भारतीय क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ हित और खेलों की स्वायत्ता के लिए मेरी प्रतिबद्धता हमेशा बरकरार रहेगी.’ मई 2016 में बीसीसीआई अध्यक्ष बनने से पहले ठाकुर बोर्ड के संयुक्त सचिव और सचिव थे. भारतीय जनता पार्टी का यह सांसद एक दशक से अधिक समय तक हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ का अध्यक्ष भी रहा.
ठाकुर ने कहा, ‘‘मुझे भारतीय क्रिकेट की सेवा करने का मौका मिला. प्रशासन और खेल के विकास के मामले में पिछले कुछ वर्ष सर्वश्रेष्ठ रहे. बीसीसीआई देश में सबसे बेहतर संचालित खेल संगठन है. भारत के पास सर्वश्रेष्ठ बुनियादी ढांचा है जिससे बीसीसीआई की मदद से राज्य संघों ने तैयार किया है और इसकी देखरेख करते हैं. भारत में पास दुनिया में किसी भी देश से अधिक स्तरीय खिलाड़ी हैं.’
ठाकुर और शिर्के को उनके पदों से हटाने के अलावा उच्चतम न्यायालय ने बीसीसीआई के बर्खास्त प्रमुख के खिलाफ अवमानना की प्रक्र्रिया शुरू करते हुए उनसे जवाब मांगा कि लोढ़ा सिफारिशों को लागू करने से रोकने के लिए उन्हें जिम्मेदार क्यों नहीं ठहराया जाए.
