”भारत-पाक श्रृंखला पर फैसला जल्द”
मुंबई : भारत और पाकिस्तान के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय श्रृंखला होगी या नहीं, यह जानने के लिये क्रिकेट प्रशंसकों को अभी कुछ दिन और इंतजार करना होगा. दोनों देशों के क्रिकेट बोर्डों के प्रमुखों के बीच इस मसले को लेकर बातचीत भी हुई. जब बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर से श्रृंखला को लेकर सवाल किया गया, […]
मुंबई : भारत और पाकिस्तान के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय श्रृंखला होगी या नहीं, यह जानने के लिये क्रिकेट प्रशंसकों को अभी कुछ दिन और इंतजार करना होगा. दोनों देशों के क्रिकेट बोर्डों के प्रमुखों के बीच इस मसले को लेकर बातचीत भी हुई. जब बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर से श्रृंखला को लेकर सवाल किया गया, उन्होंने सपाट जवाब दिया, ‘‘अभी दो दिन और इंतजार करो.’
बीसीसीआई ने पाकिस्तान को भारत में श्रृंखला खेलने के लिये आमंत्रित किया था लेकिन पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने यह प्रस्ताव नामंजूर कर दिया और कहा कि श्रृंखला यूएई में होनी चाहिए जहां वह पिछले कुछ वर्षों से अपने सभी घरेलू मैच खेल रहा है.
ठाकुर से पूछा गया कि बीसीसीआई यूएई में खेलने में क्यों दिलचस्पी नहीं ले रहा है जबकि उसने 2014 के इंडियन प्रीमियर लीग के शुरुआती चरण के मैच वहां खेले थे, ठाकुर कुछ देर तक चुप रहे और फिर उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय श्रृंखला में भाग लेने वाले क्रिकेट बोर्डों को स्थल को लेकर सहज अहसास होना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘आईसीसी या एशियाई क्रिकेट परिषद की किसी भी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में यह फैसला उन्हें करना होता है कि यह कौन से स्थल पर खेली जाएगी. द्विपक्षीय श्रृंखला में यह दोनों देशों को फैसला करना होता है कि वे कहां सहज महसूस कर रहे हैं. ‘
इस बीच ‘जासूसी कांड’ की जांच के लिये बीसीसीआई द्वारा गठित दो सदस्यीय समिति ने पूर्व सचिव संजय पटेल तथा पूर्व व वर्तमान कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी से मुलाकात की. ठाकुर ने कहा, ‘‘वे (अजये शिर्के और जी गंगराजू) आज (संजय पटेल और अनिरुद्ध चौधरी से) मिले और उन्होंने कुछ जानकारी मांगी. उन्होंने (पटेल और चौधरी) ने जवाब देने के लिये कुछ समय मांगा है. इस जांच को पूरी होने में कुछ समय लगेगा. ‘
यह मसला बीसीसीआई के पिछले प्रशासन द्वारा अपने कुछ सदस्यों की जासूसी करने के लिये ब्रिटिश फर्म की मदद लेने से जुडा है जिसके लिये रिपोर्टों के अनुसार 900,000 डालर खर्च किये गये. यह मामला नौ नवंबर को बोर्ड की वार्षिक आम बैठक के दौरान उठा था जिसके बाद शिर्के और गंगराजू की दो सदस्यीय समिति गठित की गयी थी.
