विश्वकप मैंचों के लिये नया चैनल नहीं चला सकते : प्रसार भारती

नयी दिल्ली : सार्वजनिक प्रसारण संस्था प्रसार भारती ने आज उच्चतम न्यायालय से कहा कि केंद्र और उसके लिये विश्व कप के कुछ मैचों के प्रसारण के लिये नया चैनल शुरु करना व्यावहारिक नहीं है. प्रसार भारती की ओर से अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने शीर्ष अदालत से कहा कि सीमित ट्रांसमीटर होने की वजह […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 19, 2015 4:29 PM

नयी दिल्ली : सार्वजनिक प्रसारण संस्था प्रसार भारती ने आज उच्चतम न्यायालय से कहा कि केंद्र और उसके लिये विश्व कप के कुछ मैचों के प्रसारण के लिये नया चैनल शुरु करना व्यावहारिक नहीं है. प्रसार भारती की ओर से अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने शीर्ष अदालत से कहा कि सीमित ट्रांसमीटर होने की वजह से वे अलग से चैनल शुरु करने की स्थिति में नहीं है.

न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति प्रफुल्ल सी पंत की खंडपीठ ने अटार्नी जनरल का पक्ष सुनने के बाद दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्णय के खिलाफ प्रसार भारती की अपील पर कहा कि इस प्रकरण में फैसला बाद में सुनाया जायेगा. उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में दूरदर्शन को विश्वकप मैचों की लाइव फीड निजी केबल ऑपरेटरों के साथ साझा करने से रोक दिया है.

अटार्नी जनरल ने कहा कि प्रसार भारती के पास देश भर में करीब 1400 ट्रांसमीटर हैं और इनमें से अधिकांश मानवरहित तथा दूरदराज के इलाकों में स्थित हैं. ऐसी स्थिति में उनके लिये अगल से चैनल शुरु करना व्यावहारिक नहीं है. रोहतगी ने विश्व कप के लिये अलग से चैनल शुरु करने का स्टार इंडिया का प्रस्ताव ठुकराते हुये कहा कि कानून जनता की भलाई के लिये है.
उन्होंने कहा कि स्टार तथा केबल ऑपरेटरों के बीच विवाद है तो फिर इसका खामियाजा जनता क्यों भुगते. सभी को मैच देखने का अवसर मिलना चाहिए. स्टार इंडिया की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पी चिदंबरम ने कहा कि 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान भी ऐसी ही स्थिति उत्पन्न हुयी थी और यदि उस समय छह दिन के भीतर अलग चैनल शुरु हो सकता था तो अब ऐसा क्यों नहीं हो सकता.
चिदंबरम ने कहा, हम अलग चैनल शुरु करने में उनकी मदद कर सकते हैं और उन्हें तकनीकी सहायता भी मुहैया करा सकते हैं. उन्होंने कहा कि नया चैनल बगैर किसी अतिरिक्त खर्च के दूरदर्शन की तरह ही उसी फ्रीक्वैन्सी पर चल सकता है.

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