World Cup : फाइनल टाई हुआ तो सुपर ओवर से होगा फैसला, जानें सुपर ओवर के बारे में

दुबई : विश्व कप 2011 की तरह ही इस बार भी विश्व कप फाइनल टाई रहने पर ‘सुपर ओवर’ के जरिये फैसला होगा. आईसीसी मुख्यालय पर कल एन श्रीनिवासन की अध्यक्षता में हुई बैठक में आईसीसी बोर्ड ने यह फैसला लिया. इसमें आईसीसी टूर्नामेंटों में धीमी ओवर गति के अपराधों की स्थिति में आईसीसी आचार […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 29, 2015 8:43 PM

दुबई : विश्व कप 2011 की तरह ही इस बार भी विश्व कप फाइनल टाई रहने पर ‘सुपर ओवर’ के जरिये फैसला होगा. आईसीसी मुख्यालय पर कल एन श्रीनिवासन की अध्यक्षता में हुई बैठक में आईसीसी बोर्ड ने यह फैसला लिया. इसमें आईसीसी टूर्नामेंटों में धीमी ओवर गति के अपराधों की स्थिति में आईसीसी आचार संहिता के उपयोग में बदलाव को भी मंजूरी दी गई.

अब आईसीसी टूर्नामेंट में किसी दूसरी श्रृंखला में धीमी ओवर गति के कारण निलंबन या पिछले इस तरह के अपराध का असर कप्तान पर नहीं पडेगा. इसके मायने हैं कि सिर्फ विश्व कप मैचों में ही धीमी ओवर गति का कसूरवार पाये जाने पर कप्तानों पर निलंबन का खतरा होगा.

विश्व कप से पहले धीमी ओवरगति के कसूरवार रहने पर टूर्नामेंट के बाद होने वाली पहली द्विपक्षीय श्रृंखला में सजा दी जायेगी. बोर्ड ने आस्ट्रेलिया के फिलीप ह्यूज की मौत के मद्देनजर खिलाडियों की सुरक्षा के मसले पर भी बात की. इसमें क्रिकेट हेलमेटों से बेहतर सुरक्षा के लिये आईसीसी की मदद से हो रही रिसर्च के बारे में भी जानकारी दी गई.

क्‍या है सुपर ओवर?

क्रिकेट के किसी भी मैच में जब निर्धारित ओवरों में हार-जीत का फैसला नहीं हो पाता है तो सुपर ओवर का सहारा लिया जाता है. इसके तहत दोनों टीमों की ओर से चयनित तीन बल्‍लेबाजों और तीन गंदबातों को फिर से खेलने का मौका दिया जाता है. इस ओवर में जिस भी टीम के खिलाड़ी ने सबसे ज्‍यादा रन बना लिया हो उसे विजेता घोषित किया जाता है.

सुपर ओवर में चयनित गेंदबाज बल्‍लेबाजों को आउट करने का प्रयास कते हैं. कजस भी टीम के दो खिलाड़ी आउट हो जाते हैं, उसका सुपर ओवर समाप्‍त हो जाता है. सुपर ओवर के दौरान ज्‍यादा रन बनाने वाली टीम को विजेता घोषित कर दिया जाता है.

अगर सुपर ओवर भी टाई हो जाता है तब उस टीम को विजेता करार दिया जाता है जिसने अपनी पारी में सबसे ज्‍यादा बाउंड्री लगाये हों. सुपर ओवर में उस टीम को पहले बल्‍लेबाजी का मौका दिया जाता है, जो लक्ष्‍य का पीछा कर रही होती है. सुपर ओवर के दौरान मैदान की सजावट मेन मैच के आखरी ओवर की तरह ही रखी जाती है.

सुपर ओवर का इस्‍तेमाल पहली बार 2008 में टी-20 क्रिकेट मैच में किया गया था. विश्‍वकप क्रिकेट में 2011 में सुपर ओवर को शामिल किया गया था. इसमें नॉकआउअ राउंड में जीत के फैसले के लिए सुपर ओवर को रखा गया था.

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