के श्रीकांत ने अपने कॉलम में लिखा- कोहली के बारे में नया लिखना बेहद मुश्किल

मैं दुनियाभर के क्रिकेट लेखकों की दुविधा समझ सकता हूं. विराट कोहली के बारे में कुछ भी नया लिखना बेहद मुश्किल होता जा रहा है. ईमानदारी से कहूं, तो मैंने किसी भी बल्लेबाज को इस स्तर पर इतना निरंतर बेहतरीन प्रदर्शन करते नहीं देखा. मेरे हिसाब से चुनौतियों को स्वीकार करने की क्षमता और लक्ष्य […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 8, 2019 11:47 AM
मैं दुनियाभर के क्रिकेट लेखकों की दुविधा समझ सकता हूं. विराट कोहली के बारे में कुछ भी नया लिखना बेहद मुश्किल होता जा रहा है. ईमानदारी से कहूं, तो मैंने किसी भी बल्लेबाज को इस स्तर पर इतना निरंतर बेहतरीन प्रदर्शन करते नहीं देखा. मेरे हिसाब से चुनौतियों को स्वीकार करने की क्षमता और लक्ष्य पर केंद्रित दिमाग उनकी सबसे बड़ी ताकत है. जब उन्होंने 2009 में वापसी की थी, तो हम सभी जानते थे कि वो खास खिलाड़ी हैं, लेकिन वे सभी की अपेक्षाओं से आगे बढ़ गये हैं, मेरी भी. विराट कोहली को सदियों में पैदा होने वाला खिलाड़ी बताना स्वाभाविक है, लेकिन अगर मुझे किसी से उनकी तुलना करनी हो, तो मेरे जेहन में दो नाम आते हैं.
एक ब्रायन लारा और दूसरे स्टीव वॉ. लक्ष्य का पीछा करते हुए विराट कोहली का खेल अलग स्तर पर पहुंच गया. जिस समय मैंने क्रिकेट खेला, अगर वो जावेद मियांदाद और विव रिचडर्स का युग था, तो ये पीढ़ी विराट कोहली के असाधारण प्रदर्शन से जानी जायेगी. तीसरे क्रम के किसी भी बल्लेबाज के लिए बड़े लक्ष्य का पीछा करने तक नाबाद रहना आसान नहीं होता. मगर भारतीय कप्तान ने असाधारण निरंतरता के साथ ऐसा करने में कामयाबी हासिल की है.
हैदराबाद में मिली जीत ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारतीय गेंदबाजों को क्या करने की जरूरत है. पिच सपाट थी, फील्डिंग साधारण थी और भारतीय गेंदबाज आक्रामक बल्लेबाजों की फौज का सामना कर रहे थे. लेकिन भारत को डेथ ओवरों में और विकल्प आजमाने चाहिए थे. आखिरकार सभी को मौका देना इसलिए भी अहम है, क्योंकि अगर ऐसा न किया गया, तो गेंदबाज सुस्त हो सकते हैं. खासकर ये देखते हुए कि ऑस्ट्रेलिया में होनेवाले टी-20 विश्व कप से पहले भारत को करीब 10 टी-20 मैच ही और खेलने हैं.
निश्चित रूप से जब जसप्रीत बुमराह की वापसी होगी व मोहम्मद शमी और कुलदीप यादव टी-20 प्लेइंग इलेवन में लौटेंगे, तो टीम की योजना भी बदलेगी. बावजूद इसके मौजूदा संसाधनों के साथ भी गेंदबाज और बेहतर प्रदर्शन कर सकते थे. अगले दो मुकाबले सीखने के लिहाज से बेहतरीन होंगे. और जैसा कि मैं पहले भी कह चुका हूं, इस फॉर्मेट में वेस्टइंडीज की टीम एक कड़ी चुनौती है. भारत ने अगर ये टेस्ट पास करते हुए सीरीज जीत ली, तो ये विश्व कप की तैयारियों के लिहाज से उसकी बड़ी जीत होगी.

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