रांची तुम्हें बहुत मिस करेगा महेंद्र सिंह धौनी!

विजय बहादुरआज 8 मार्च, 2019 को रांची में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक दिवसीय मैच होगा और संभवतः महेंद्र सिंह धौनी के लिए रांची में अपने होम ग्राउंड में अंतिम अंतराष्ट्रीय मैच हो. महेंद्र सिंह धौनी और रांची दोनों के लिए बहुत ही भावुक समय होगा. किसी भी रांचीवासी के लिए ये सोचना की […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 8, 2019 11:58 AM

विजय बहादुर
आज 8 मार्च, 2019 को रांची में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक दिवसीय मैच होगा और संभवतः महेंद्र सिंह धौनी के लिए रांची में अपने होम ग्राउंड में अंतिम अंतराष्ट्रीय मैच हो. महेंद्र सिंह धौनी और रांची दोनों के लिए बहुत ही भावुक समय होगा. किसी भी रांचीवासी के लिए ये सोचना की उसके अपने महेंद्र सिंह धौनी उनके बीच अंतिम बार खेल रहा है हृदय में बहुत ज्यादा टीस पैदा करता है. जो लोग रांची के हैं या रांची में पले बढ़े हैं वो जानते हैं की महेंद्र सिंह धौनी का रांची का होना रांची के लिए कितना मायने रखता है.

रांची के लिए महेंद्र सिंह धौनी , धौनी/ धौनी भाई /धौनी भैया /माही/धौनीया है.

1993 का समय होगा मैं पटना में कोचिंग में पढ़ाई करता था. उसी दौरान सिनेमा हॉल में टिकट काउंटर पर खड़ा था. सामने टिकट लेने वाले एक सज्जन का टिकट काटने वाले से किसी बात को लेकर बहस हो गयी. टिकट काटने वाले ने बिहारी लहजे में अपने सहकर्मी से पूछा ,जरा पता करो रांची की ट्रेन आ गयी क्या ? पहले तो मैं समझ नहीं पाया, फिर दिमाग पर जोर लगाया तो समझ में आया की टिकट काटने वाला व्यंग कर रहा है और उस व्यक्ति को रांची से सटे कांके में स्थित मानसिक आरोग्यशाला से जोड़ कर बता रहा है.

दूसरी घटना 2006 की है. मै अपने मित्रों के साथ सिक्किम में योगथांग जा रहा था. पूरे रास्ते आबादी बहुत ही विरल थी. रास्ते में हमलोग चाय के एक छोटे दुकान पर रुके. चाय वाले से बात होने लगी और उसने हमलोगों से पूछा की आपलोग कहां से हैं. मैंने बताया की हमलोग रांची से हैं. आप रांची के बारे में जानते हैं ? मेरी बात पूरी होने से पहले ही पहाड़ी चाय वाले ने कहा की अरे रांची को कौन नहीं जानता हैं ,वहीं जहां धौनी रहता है.

उसके बाद से मुझे याद है की जब भी अपने देश में किसी भी जगह गया, सुदूर हो या महानगर, किसी को भी कहा की मैं रांची से हूं… हर किसी ने एक ही शब्द कहा धौनी के शहर से.. या फिर कोई भी सेलिब्रिटी रांची आया. गुलाम अली हो ,आशा भोसले हो ,सोनू निगम हो ,सुखविंदर हो या फिर कोई और रांची…आते ही हर आम और खास पहला सवाल यही पूछता है धौनी को जानते हैं या धौनी कहां रहता है या फिर आप धौनी से मुलाकात करा सकते हैं. अपने माही ने रांची की पहचान बदल कर रख दिया.

धौनी की पहचान अपने शहर में कैसे बदली ये भी समझिये. अपने को भी क्रिकेट खेलने का खूब जूनून था. उसी समय सुना करता था की एक लड़का डीएवी श्यामली स्कूल (अब जेवीएम श्यामली) का है ,बहुत डेंजर (जबर्दस्त )खेलता है ,लंबा -लंबा छक्का मारता है. धौनी ने स्कूली क्रिकेट में धूम मचा रखा था. उसके बाद ऑफिस लीग में सीसीएल की तरफ से खेलते हुए कभी उरीमारी ,सयाल ,मुरी जैसी छोटी छोटी जगहों में जाकर धौनी ने खूब छक्के लगाए. अख़बारों में खूब उसके चर्चे होने लगें. लेकिन धौनी भारतीय टीम में जाएगा इसकी उम्मीद बहुत कम लोगों को थी. लोगों का मानना था.

पूर्वी भारत से वो भी झारखंड से किसी को नेशनल टीम में मौका मिलेगा ,असंभव है. कुछ साथी क्रिकेटर रश्क में कहते थे कि इसका बैटिंग तकनीक बहुत ही बेकार है. अंदाज पर बल्ला चलाता है ,बढ़िया बॉलिंग अटैक होगा तो नहीं खेल पाएगा. लेकिन धौनी ने रेलवे से रणजी ,सीके नायडू में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए इंडिया ए और अंत में इंडिया टीम में अपनी जगह में अपनी जगह बना ली. मुझे याद है धौनी जब इंडिया टीम में आए तो उस समय दिनेश कार्तिक से उनकी तुलना की जाती थी और टीवी में बड़े एक्सपर्ट्स साबित करने में लगे रहते थे कि दिनेश कार्तिक की कीपिंग और बैटिंग तकनीक धौनी से बेहतर है. लेकिन 2005 में अपने पांचवें एकदिवसीय मैच में जिस तरीके का धुआंधार शतक धौनी ने पाकिस्तान के खिलाफ बनाया वो एक इतिहास बन गया. उसके बाद धौनी ने दूसरे खिलाडियों से इतना अंतर बना दिया की उनकी तुलना सिर्फ गिलक्रिस्ट से की जाती है या उससे भी बेहतर माना जाता है.

कैप्टन कूल के रूप में उनके नेतृत्व में भारत 2007 में 20 -20 वर्ल्ड कप और 2011 में एक दिवसीय वर्ल्ड कप में चैंपियन बना. टेस्ट क्रिकेट में आइआइसीसी वर्ल्ड रैंकिंग में नंबर-1 टीम बना. बार-बार धौनी ने देश का नाम रोशन किया और रांची को नयी पहचान दी. कप्तानी से संन्यास लेने के बाद आज भी जिस समय धौनी मैच में रहते हैं निवर्तमान कप्तान विराट कोहली मैदान में कठिन क्षणों में उनकी सलाह को बहुत ज्यादा तबज्जो देते हैं. ऐसा लगता है धौनी ही टीम के कप्तान हैं. उनकी क्रिकेटिंग सेंस का लोहा सारी दुनिया मानती है.

हाल में संजय मांजरेकर ने एक इंटरव्यू में कहा कि आने वाले वर्ल्ड कप के लिए टीम की कमान धौनी को सौप देना चाहिए. कुछ दिनों पहले ऑस्ट्रेलिया के कोच जस्टिन लेंगर ने कहा कि महेंद्र सिंह धौनी एक जीनियस है. भारतीय टीम के कोच रवि शास्त्री ने कहा की भारतीय क्रिकेट इतिहास में धौनी का नाम सुनील गावस्कर ,कपिलदेव और सचिन तेंदुलकर के साथ लिया जाएगा. लीजेंडरी प्लेयर्स के इस तरह के बयानों से धौनी के इंटरनेशनल क्रिकेट में बनाये गये उनके इम्पैक्ट को दर्शाता है. टेस्ट टीम से धौनी रिटायर हो चुकें हैं और आने वाले समय में जब भी (संभवतः आने वाले वर्ल्ड कप के बाद) लिमिटेड ओवर फॉर्मेट से रिटायर करेंगें बहुत मुश्किल होगा दुनिया के बेस्ट फिनिशर और सबसे कूल टेम्परामेंट के खेलाड़ी और कप्तान का रिप्लेसमेंट ढूंढना।मैदान में धौनी इतने कूल लगते हैं जैसा लगता है कि कोई संत योग में लीन हो.

क्रिकेट में लीजेंडरी बनने के बाद भी महेंद्र सिंह धौनी ने अपना नाता रांची से बनाए रखा. जब भी मैच नहीं होता है वो रांची के सड़कों पर गाड़ी चलाते, फॉल्स में नहाते,देवड़ी मंदिर के दर्शन करते नजर आते हैं. अपनी बेटी जीवा की परवरिश और पढ़ाई लिखाई धौनी राँची में ही कर रहे हैं. ये धौनी का रांची के प्रति प्रेम दिखाता है.

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