वर्ल्डकप 2019: पाकिस्तान से क्रिकेट नहीं खेलने पर थरूर ने कहा- नहीं खेलना सरेंडर करने से भी बुरा होगा
नयी दिल्ली : पुलवामा हमले के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) ने एक ड्राफ्ट लेटर (मसौदा पत्र) तैयार किया है. इसमें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) से पाकिस्तान के वनडे वर्ल्ड कप में हिस्सा लेने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गयी है. इस प्रस्ताव को आइसीसी को भेजना पर बीसीसीआइ शुक्रवार को फैसला करेगा. […]
नयी दिल्ली : पुलवामा हमले के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) ने एक ड्राफ्ट लेटर (मसौदा पत्र) तैयार किया है. इसमें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) से पाकिस्तान के वनडे वर्ल्ड कप में हिस्सा लेने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गयी है. इस प्रस्ताव को आइसीसी को भेजना पर बीसीसीआइ शुक्रवार को फैसला करेगा. इस खबर के इतर कांग्रेस नेता और सांसद शशि थरूर वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के साथ खेलने के पक्ष में हैं. थरूर ने एक ट्वीट कर कहा कि करगिल युद्ध जब अपने चरम पर था, तब भी भारत ने वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ मैच खेलकर उन्हें हराया था.
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#WATCH Shashi Tharoor says, "In '1999 Kargil War, India played Pakistan in the cricket World Cup, & won. To forfeit the match this year would not just cost two points: it would be worse than a surrender, since it would be defeat without a fight." pic.twitter.com/yRIExUVJ4c
— ANI (@ANI) February 22, 2019
पुलवामा आतंकी हमले की वजह से वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ मैच नहीं खेलने से जुड़ी मांग की पृष्ठभूमि में कांग्रेस नेता शशि थरूर ने शुक्रवार को कहा कि मैच नहीं खेलना आत्मसमर्पण करने से भी बुरा होगा. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सरकार पुलवामा हमले से जुड़ी अपनी कोताही से ध्यान भटकाना चाहती है. थरूर ने ट्वीट कर कहा, ”जिस वक्त करगिल युद्ध अपने चरम पर था, उस समय भारत ने विश्वकप में पकिस्तान के खिलाफ मैच खेला और जीता. इस बार मैच छोड़ना न सिर्फ दो अंक गंवाना होगा, बल्कि यह समर्पण करने से भी ज्यादा बुरा होगा क्योंकि यह हार बिना संषर्घ किए होगी.”
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार ने पुलवामा हमले के बाद राष्ट्रीय शोक भी घोषित नहीं किया, अब वे उस मैच को रद्द करना चाहते हैं जो तीन महीने बाद है. क्या 40 जिंदगियां जाने का यही गंभीर उत्तर है?” थरूर ने आरोप लगाया, "भाजपा संकट से निपटने में हुई अपनी कोताही से ध्यान भटकाना चाहती है. हमें दिखावे की राजनीति नहीं, बल्कि प्रभावी कार्रवाई की जरूरत है."
यहां चर्चा कर दें कि कुछ महीने बाद ही इंग्लैंड में एकदिवसीय क्रिकेट विश्वकप होने वाला है.
बुधवार को पत्र लिखा
वेबसाइट इएसपीएनक्रिकइंफो के मुताबिक, बीसीसीआइ ने बुधवार को यह पत्र लिखा. वेबसाइट ने अपने पास पत्र की कॉपी होने का भी दावा किया है. ड्राफ्ट में दलील दी है कि पाकिस्तान को वर्ल्ड कप से हिस्सा लेने से प्रतिबंधित कर देना चाहिए, क्योंकि वह भारत में आतंकवाद फैलाने में मदद करता है. 14 फरवरी को कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आंतकी हमले में 40 जवान शहीद हो गये थे.
भारत पहला देश नहीं होगा, इसके पहले तीन टीमें विश्व कप में कर चुकी हैं मैच का बहिष्कार
ऑस्ट्रेलिया, 1996 वर्ल्ड कप
साल 1996 वर्ल्ड कप भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका ने मिलकर आयोजित किया था. इस दौरान श्रीलंका में लिट्टे और सरकार के बीच गृहयुद्ध चल रहा था. ऐसे में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने सुसाइड हमले के डर से श्रीलंका का दौरा करने से इनकार कर दिया. हालांकि, ऑस्ट्रेलिया का डर गलत नहीं था क्योंकि ऑस्ट्रेलिया टीम के होटल के बाहर बम ब्लास्ट हुआ था. बहरहाल, जब ऑस्ट्रेलिया नहीं खेला, तो आयोजकों ने श्रीलंका को विजेता घोषित कर दिया.
इंग्लैंड, 2003 वर्ल्ड कप
इस साल विश्व कप तब विवादों में आया, जब इंग्लैंड ने कार्क्रम के अनुसार जिंब्बावे का दौरा करने से मना कर दिया. इंग्लैंड ने यह फैसला तत्कालीन राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे की श्वेत मूल के खिलाफ नीतियों के विरोध के कारण लिया. जिंबाब्वे के खिलाड़ियों ने भी अपने राष्ट्रपति की नीतियों का विरोध किया और दोनों खिलाड़ी काली पट्टी बांधकर मैदान पर उतरे, लेकिन आइसीसी ने इंग्लैंड के खिलाड़ियों की अपील को स्वीकार नहीं किया और जिंबाब्वे को विजेता घोषित कर दिया गया.
न्यूजीलैंड, 2003 वर्ल्ड कप
साल 2003 संस्करण में ही इंग्लैंड की तरह ही न्यूजीलैंड ने भी सुरक्षा कारणों से केन्या जाने से मना कर दिया. केन्या संयुक्त रूप से इस वर्ल्ड कप का मेजबान था. आयोजकों को आतंकी संगठन बोको हरम की तरफ से धमकियां मिली थीं. आइसीसी ने कीवी खिलाड़ियों को सुरक्षा देने की पूरी गारंटी दी, लेकिन जब न्यूजीलैंड नहीं माना, तो केन्या को विजेता घोषित कर दिया गया.