ICC Womens T20 World Cup INDvENG : मिताली को बाहर करना पड़ा महंगा, इंग्लैंड ने फिर तोड़ा भारत का सपना

नार्थ साउंड (एंटीगा): अनुभवी मिताली राज को अहम मुकाबले में बाहर रखना और बाकी बल्लेबाजों की बुरी तरह नाकामी भारत पर भारी पड़ी और उसका पहली बार आईसीसी महिला विश्व टी20 चैंपियन बनने का सपना सेमीफाइनल में यहां इंग्लैंड के हाथों आठ विकेट की करारी हार के साथ ही टूट गया. इंग्लैंड फाइनल में ऑस्ट्रेलिया […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 23, 2018 9:54 AM

नार्थ साउंड (एंटीगा): अनुभवी मिताली राज को अहम मुकाबले में बाहर रखना और बाकी बल्लेबाजों की बुरी तरह नाकामी भारत पर भारी पड़ी और उसका पहली बार आईसीसी महिला विश्व टी20 चैंपियन बनने का सपना सेमीफाइनल में यहां इंग्लैंड के हाथों आठ विकेट की करारी हार के साथ ही टूट गया.

इंग्लैंड फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से भिड़ेगा, जिसने एक अन्य सेमीफाइनल में मेजबान और पिछली बार के विजेता वेस्टइंडीज को 71 रन से हराया.

भारत ने अपनी सबसे अधिक अनुभवी बल्लेबाज मिताली राज को बाहर रखने का फैसला किया, जिस पर निश्चित तौर पर सवाल उठेंगे, क्योंकि भारत ने अपने आखिरी आठ विकेट केवल 24 रन के अंदर गंवाये अैर उसकी पूरी टीम 19.3 ओवर में 112 रन पर ढेर हो गयी.

इंग्लैंड के सामने आसान लक्ष्य था तथा एमी जोन्स (45 गेंदों पर नाबाद 53 रन) और नताली साइवर (40 गेंदों पर नाबाद 52 रन) ने तीसरे विकेट के लिए 92 रन की अटूट साझेदारी करके मैच को एकतरफा बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी.

इंग्लैंड ने 17.1 ओवर में दो विकेट पर 116 रन बनाये. एक बार फिर से भारतीय महिलाएं बड़े मैच के दौरान अपना जुनून और जज्बा दिखाने में नाकाम रहीं.

पिछले साल भारतीय टीम को 50 ओवर के विश्व कप के फाइनल में इंग्लैंड से और इस साल एशिया कप टी20 फाइनल में बांग्लादेश से भी हार का सामना करना पड़ा था.

भारत ने गयाना के प्रोविडेंस में लीग चरण के अपने सभी मैच जीते थे, लेकिन उसकी बल्लेबाज सर विवियन रिचर्ड्स स्टेडियम की अलग तरह की पिच से सामंजस्य नहीं बिठा पायी.

भारत की सात बल्लेबाज दोहरे अंक में भी नहीं पहुंची. ऐसे में टी20 अंतरराष्ट्रीय में सर्वाधिक रन बनाने वाली मिताली को बाहर करने का फैसला साहसिक नहीं, आत्मघाती साबित हुआ. यह फैसला उसे अगले कई दिनों तक सालता रहेगा तथा कोच रमेश पोवार और कप्तान हरमनप्रीत कौर को इससे जुड़े सवालों से जूझना पड़ेगा.

विकेट धीमी गति के गेंदबाजों के अनुकूल था. गेंद अच्छी तरह से बल्ले पर नहीं आ रही थी और ऐसे में इंग्लैंड की गेंदबाजों ने कहर बरपाया.

क्रिस्टी गार्डन (20 रन देकर दो विकेट), कप्तान हीथर नाइट (नौ रन देकर तीन विकेट) और सोफी एक्लेस्टोन (22 रन देकर दो विकेट) ने भारत को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया. जब भारतीयों की बारी आयी, तो उसकी गेंदबाज पूरी तरह नाकाम रही.सलामी बल्लेबाज स्मृति मंदाना (24 गेंदों पर 33 रन), जेमिमा रोड्रिग्स (26 गेंदों पर 26 रन) और कप्तान हरमनप्रीत कौर (20 गेंदों पर 16 रन) के आउट होने के बाद भारत के पास कोई रणनीति नहीं थी.

वेदा कृष्णमूर्ति नहीं चल पायीं और दीप्ति शर्मा (दस गेंदों पर सात रन) भी बड़े शॉट लगाने में असफल रहीं. सलामी बल्लेबाज के रूप में उतरी तानिया भाटिया (19 गेंदों पर 11 रन) शुरू से जूझती नजर आयीं.

भारतीय बल्लेबाज विकेट के मिजाज को ही नहीं समझ पाये. उन्होंने स्ट्राइक रोटेट करने की बजाय लंबे शॉट खेलने पर ध्यान दिया. जब जोन्स और साइवर खेल रही थीं, तो यही रणनीति अपनायी तथा आसानी से अपनी टीम को लक्ष्य तक पहुंचाया.

जोन्स ने 47 गेंदों की अपनी पारी में तीन चौके और एक छक्का लगाया, जबकि साइवर ने 38 गेंदें खेलीं तथा पांच चौके लगाये. इन दोनों ने टैमी ब्यूमोंट (एक) और डेनिली वैट (आठ) के जल्दी आउट होने के बाद परिस्थितियों के अनुसार बल्लेबाजी की. भारत की तरफ से दीप्ति शर्मा और राधा यादव ने एक एक विकेट लिया.

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