Birthdayspecial : जब धौनी के साथ विवाद के बारे में वीरेंद्र सहवाग ने कहा…

आज भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार क्रिकेटर रहे नजफगढ़ के नवाब वीरेंद्र सहवाग का जन्मदिन है. वे आज चालीस साल पूरे करके 41वें में प्रवेश कर रहे हैं. वीरेंद्र सहवाग अपनी आक्रामक बल्लेबाजी के कारण याद किये जाते हैं. इन्होंने लगभग 13-14 साल भारतीय क्रिकेट टीम को दिये. वीरेंद्र सहवाग ने अपने एकदिवसीय कैरियर में […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 20, 2018 11:41 AM

आज भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार क्रिकेटर रहे नजफगढ़ के नवाब वीरेंद्र सहवाग का जन्मदिन है. वे आज चालीस साल पूरे करके 41वें में प्रवेश कर रहे हैं. वीरेंद्र सहवाग अपनी आक्रामक बल्लेबाजी के कारण याद किये जाते हैं. इन्होंने लगभग 13-14 साल भारतीय क्रिकेट टीम को दिये. वीरेंद्र सहवाग ने अपने एकदिवसीय कैरियर में दो बार दोहरा शतक जड़ा और एक बार टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक बनाया. सहवाग एकमात्र ऐसे ओपनर बैट्‌समैन हैं जिन्होंने टेस्ट और ओडीआई में 7,500 से ज्यादा रन बनाये हैं. उन्होंने सबसे तेज तिहरा शतक जड़ने का रिकॉर्ड भी बनाया है और मात्र 278 बॉल में तिहरा शतक जड़ा है.

शुरुआत में हुई थी सचिन से तुलना

जब वीरेंद्र सहवाग ने 1999 में डेब्यू किया था तो उनकी तुलना खासकर बैटिंग स्टाइल को लेकर सचिन तेंदुलकर से की गयी. खुद वीरेंद्र सहवाग कहते हैं कि वे शुरुआत से ही सचिन की कॉपी करते थे, लेकिन बाद में उन्होंने यह समझा कि सचिन की अपनी शैली है और मैं वह नहीं बन सकता. बाद में मैंने अपनी शैली बदली. हालांकि शॉट खेलने की उनकी तकनीक को गैरपरंपरागत माना गया और उनकी बैटिंग तकनीक पर टिप्पणी की गयी. लेकिन उन्होंने अपनी बैटिंग से सबका मुंह बंद किया. वे अपनी आक्रामक बैटिंग स्टाइल के लिए जाने जाते रहे और जिस तरह से उन्होंने स्पिनर्स को खेला आलोचकों के मुंह पर ताले लग गये.

धौनी के साथ हुआ विवाद

हालांकि महेंद्र सिंह धौनी और वीरेंद्र सहवाग के रिश्ते बहुत मधुर नहीं रहे और 2012 में सहवाग ने यह कहा भी था कि विश्वकप जीतने का पूरा श्रेय धौनी को देना सही नहीं होगा. साथ ही धौनी पर यह आरोप भी लगता रहा कि उन्होंने ही वीरेंद्र सहवाग को टीम से बाहर का रास्ता दिखवाया था, जिसके कारण इनके संबंध बहुत अच्छे नहीं रहे. लेकिन दोनों ही इस बात से इनकार करते रहे. धौनी ने कप्तान के रूप में तीन सीनियर खिलाड़ियों की फील्डिंग पर सवाल उठाया था जिसमें से एक सहवाग भी थे, इस बात को दोनों ही खिलाड़ी मानते हैं.

फेयरवेल मैच नहीं मिलने कारहामलाल

सहवाग ने कई बार यह कहा कि उन्हें फेयरवेल मैच नहीं मिलने का मलाल रहा. वे कई बार यह कह चुके थे कि उन्होंने इतने साल अपने देश के लिए खेला और उन्हें एक फेयरवेल मैच नहीं मिला, इसका मुझे दुख है. गौरतलब है कि दो साल तक टीम में जगह नहीं मिलने के बाद उन्होंने संन्यास की घोषणा की.

आरती और सहवाग की शादी के लिए राजी नहीं था परिवार

वीरेंद्र सहवाग और आरती बचपन के दोस्त थे और वे 17 साल से एक दूसरे को जानते थे, लेकिन इनकी दोस्ती को प्यार में बदलने में काफी वक्त लगा. आरती दिल्ली के फेमस एडवोकेट सूरज सिंह अहलावत की बेटी हैं. वर्षों की दोस्ती के बाद मई, 2002 में सहवाग ने आरती को मजाकिया लहजे में प्रपोज किया था और आरती ने तुरंत हां कर दिया. साल 2004 में दोनों की शादी हुई और इनके दो बेटे आर्यवीर और वेदांत हैं.

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