इंग्लैंड से मिली हार के बाद बोले कोहली विश्वकप के लिए सीख मिली

लीड्स : भारतीय कप्तान विराट कोहली ने तीन मैचों की सीरीज में इंग्लैंड के खिलाफ 1-2 की हार के बाद कहा कि भारत को एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय टीम में सही संतुलन ढूंढना होगा. तीसरे और निर्णायक मैच में भारत की आठ विकेट की हार के बाद कोहली ने कहा, ‘इस तरह के मैच हमें बताते हैं […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 18, 2018 1:36 PM


लीड्स :
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने तीन मैचों की सीरीज में इंग्लैंड के खिलाफ 1-2 की हार के बाद कहा कि भारत को एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय टीम में सही संतुलन ढूंढना होगा. तीसरे और निर्णायक मैच में भारत की आठ विकेट की हार के बाद कोहली ने कहा, ‘इस तरह के मैच हमें बताते हैं कि विश्व कप के लिए हमें सुधार करने की जरूरत है. टीम में सही संतुलन की जरूरत है और विश्व कप से पहले हमें अपनी चीजों को सही करना होगा. हम सिर्फ एक कौशल पर निर्भर नहीं रह सकते और हमें सभी विभागों में अच्छा प्रदर्शन करना होगा.’

भारतीय टीम को शीर्ष क्रम की मजबूत टीम माना जाता है लेकिन उसका मध्यक्रम कमजोर है जो रोहित शर्मा (02), शिखर धवन (44) और विराट कोहली (71) के तीसरे और निर्णायक वनडे में आउट होने के बाद अधिक कुछ नहीं कर पाया. भारत ने 31वें ओवर तक चार विकेट पर 156 रन बना लिए थे लेकिन अंतिम 20 ओवर में टीम 100 रन ही बना सकी. कोहली ने कहा, ‘जहां तक रनों का सवाल है तो हम कभी उम्मीद के मुताबिक नहीं चल पाये. हमने 25 से 30 रन कम बनाये.

इंग्लैंड ने सभी विभागों में अच्छा प्रदर्शन किया और वे जीत के हकदार थे. इंग्लैंड जैसी टीम के खिलाफ हमें अपना सर्वश्रेष्ठ करना होता है.’ उन्होंने कहा, ‘पिच पूरे दिन धीमी रही जो हैरानी भरा था, इस पर नमी नहीं थी, बस धीमी थी. तेज गेंदबाजों के साथ पिच पर दोहरी गति थी लेकिन स्पिनरों के साथ पिच धीमी थी. गेंदबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया, विशेषकर उनके स्पिनरों ने जो लालच में नहीं आये और रन गति पर अंकुश लगाया और अंतत: विकेट हासिल करने में सफल रहे.’

लोकेश राहुल, उमेश यादव और सिद्धार्थ कौल की जगह दिनेश कार्तिक, भुवनेश्वर कुमार और शारदुल ठाकुर को अंतिम एकादश में शामिल करने के फैसले का भी कोहली ने बचाव किया. उन्होंने कहा, ‘हमें लगता है कि दिनेश ने अच्छा किया लेकिन वह शुरुआत को बड़ी पारी में नहीं बदल पाया इसलिए मुझे बल्लेबाजी क्रम में बदलाव का मलाल नहीं है. शारदुल को अनुभव दिए जाने की जरूरत थी और भुवी को वापसी करानी थी. जब बदलाव सफल नहीं होते तो ये गैरजरूरी लगते हैं.’

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