Vrishabha Sankranti 2025 पर पुण्य काल के साथ लग रही है भद्रा, जानिए शुभ-अशुभ समय
Vrishabha Sankranti 2025: वृषभ संक्रांति के अवसर पर सूर्य की पूजा, स्नान और दान-पुण्य करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है. इस दिन पुण्यकाल में स्नान, दान और सूर्य पूजन से विशेष लाभ प्राप्त होता है.
Vrishabha Sankranti 2025: सनातन धर्म में संक्रांति का विशेष महत्व है. यह पर्व सूर्य देव के राशि परिवर्तन की तिथि पर मनाया जाता है. इस दिन आत्मा के कारक सूर्य देव की पूजा की जाती है. इसके साथ ही जप-तप और दान का भी आयोजन किया जाता है. संक्रांति तिथि पर दान करने का विधान भी है. पंचांग के अनुसार, इस वर्ष आज गुरुवार, 15 मई को 12:20 ए एम पर सूर्य मेष राशि से वृषभ राशि में प्रवेश कर चुके हैं. उदया तिथि के अनुसार, इसी दिन वृषभ संक्रांति का आयोजन किया जाएगा. इस समय सूर्य की ऊर्जा अत्यधिक होती है, जिससे ध्यान, पूजा, स्नान और दान-पुण्य जैसे कार्यों का विशेष महत्व बताया गया है.
वृषभ संक्रान्ति पुण्य काल
सुबह 05:30 से 12:18 pm, अवधि – 06 घण्टे 47 मिनट्स
वृषभ संक्रान्ति का क्षण – 12:21 am
जानें कब से रहेगा भद्रा का साया
पंचांग के अनुसार, आज 15 मई को दोपहर 03:18 से 16 मई की सुबह 04:02 बजे तक भद्रा का समय रहेगा. राहुकाल दोपहर 1:59 से 03:41 बजे तक होगा.
वृषभ संक्रांति पर दान की वस्तुएं
वृषभ संक्रांति के अवसर पर स्नान के बाद आपको सूर्य देव से जुड़ी वस्तुओं का दान करना चाहिए. स्नान के बाद सबसे पहले सूर्य देव को अर्घ्य दें. फिर गेहूं, लाल कपड़ा, लाल फूल, लाल रंग का फल, लाल चंदन, गुड़, तांबा, घी आदि का दान करें. इससे आपकी कुंडली का सूर्य दोष भी मिटेगा.
