Vrikshik Sankranti 2025: आज वृश्चिक संक्रांति, सूर्य के राशि परिवर्तन से खुलेंगे शुभ अवसर
Vrikshik Sankranti 2025: आज का दिन ज्योतिष और धर्म दोनों के नजरिए से बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि आज वृश्चिक संक्रांति है. इस विशेष संक्रांति पर सूर्य देव तुला से निकलकर वृश्चिक राशि में प्रवेश करते हैं. आइए जानते हैं इस दिन किए गए कर्मों से क्या लाभ मिलता है.
Vrikshik Sankranti 2025: धार्मिक मान्यता है कि संक्रांति के दिन सूर्य देव की उपासना से पितृदोष और ग्रह बाधाएं कम होती हैं. इस दिन सूर्य को अर्घ्य देना, दान-पुण्य करना और मंत्रजाप करना अत्यंत शुभ माना गया है. ऐसा माना जाता है कि सूर्य के वृश्चिक राशि में आने से जीवन में मेहनत, आत्मबल, साहस और निर्णय क्षमता बढ़ती है.
क्या है वृश्चिक संक्रांति?
वृश्चिक संक्रांति वह खगोलीय पल है जब सूर्य अपनी गति से आगे बढ़ते हुए वृश्चिक राशि में प्रवेश करते हैं. इस परिवर्तन को सूर्य के दक्षिणायण काल का एक महत्वपूर्ण पड़ाव माना जाता है. हिंदू पंचांग में हर संक्रांति का अपना महत्व है, लेकिन वृश्चिक संक्रांति को विशेष रूप से शुभ माना गया है, क्योंकि यह सर्दियों के मध्यकाल की शुरुआत का संकेत भी देती है.
इस दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व
संक्रांति के दिन दान करना सौ गुना फल देता है. लोग आज के दिन निम्न वस्तुओं का विशेष दान करते हैं.
तिल, गुड़ और कंबल
ऊनी कपड़े
अन्न, फल और भोजन
धूप, दीप, और अग्नि से जुड़े पदार्थ
मान्यता है कि ठंड के समय जरूरतमंदों की सहायता करने से सूर्य देव अत्यंत प्रसन्न होते हैं और घर में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं.
आज के दिन क्या करें
ब्रह्ममुहूर्त में उठकर शुद्ध जल से स्नान करें.
सूर्य देव को जल चढ़ाकर ‘ॐ सूर्याय नमः’ मंत्र का जप करें.
जरूरतमंदों को कंबल या भोजन अवश्य दें.
क्या न करें
तामसिक भोजन, मांस-मदिरा का सेवन न करें.
अपवित्र वस्तुओं को हाथ न लगाएं.
राशि परिवर्तन से खुलेंगे शुभ अवसर
ज्योतिष के अनुसार सूर्य जब वृश्चिक राशि में आता है, तब लोगों के जीवन में साहस, गहराई और आत्मचिंतन बढ़ता है. यह समय मेहनत और धैर्य का फल देने वाला माना जाता है. कई राशियों पर इसका अत्यंत शुभ प्रभाव भी देखने को मिलता है, खासकर सिंह, मेष, कर्क और धनु राशि के लिए यह समय लाभकारी होता है.
