Surya Namaskar: सुबह का सूर्य नमस्कार बदल सकता है जीवन, जानिए इसके धार्मिक लाभ
Surya Namaskar: हिंदू धर्म में सूर्य देव को जीवन, ऊर्जा और स्वास्थ्य का देवता माना जाता है. सूर्य नमस्कार उसी ऊर्जा को प्रणाम करने की हजारों साल पुरानी विधि है. इसमें 12 सरल आसन शामिल हैं, जिन्हें रोज़ करने से शरीर ही नहीं, मन और आत्मा भी संतुलित होते हैं. आइए जानते हैं इसके धार्मिक लाभ.
Surya Namaskar: धार्मिक ग्रंथों में कहा गया है कि सुबह की पहली किरण में दिव्य ऊर्जा होती है, जिसे “प्राण शक्ति” कहते हैं. ऐसा माना जाता है कि सूर्योदय के समय सूर्य नमस्कार करने से सूर्य देव की कृपा मिलती है, घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और जीवन में रुकावटें कम होती हैं. योग गुरुओं के अनुसार भी इसी समय शरीर ऑक्सीजन को सबसे अच्छी तरह ग्रहण करता है, जिससे मानसिक शांति और ताकत बढ़ती है.
सूर्य देव की कृपा पाने का सबसे आसान मार्ग
धार्मिक मान्यता है कि सूर्य नमस्कार करने से
पितृदोष में कमी,मनोकामना पूरी, आत्मविश्वास बढ़ता है, नकारात्मकता दूर होती है, स्वास्थ्य और आध्यात्म दोनों पर असर होता है.
योग विशेषज्ञ बताते हैं कि सूर्य नमस्कार एक पूरे शरीर का योग है. इसमें हर आसन शरीर के अलग हिस्सों को सक्रिय करता है. इसीलिए धर्म और स्वास्थ्य दोनों मानते हैं कि यह रोज करने योग्य साधना है.
वजन घटाने के साथ मन को भी शांत करता है
12 आसनों का यह क्रम कैलोरी तेज़ी से कम करता है, मेटाबॉलिज़्म तेज करता है, पेट की चर्बी घटाता है, दिमाग को शांत करता है, धार्मिक दृष्टि से यह शरीर की शुद्धि का तरीका माना गया है.
शरीर को शुद्ध और लचीला बनाता है
नियमित अभ्यास से रीढ़ मज़बूत शरीर लचीला जकड़न कम ऊर्जा बढ़ती है, ऊर्जा (प्राण) को बढ़ाता है
सूर्य को प्राण शक्ति का केंद्र माना गया है. सूर्य नमस्कार से शरीर में प्राण वायु का संचार बढ़ता है
मन हल्का होता है. ऊर्जा पूरे दिन बनी रहती है, योगियों का मानना है कि “सूर्य नमस्कार साधक के भीतर अग्नि तत्त्व को मजबूत करता है.”
पाचन शक्ति को मजबूत करता है
इस योग के आगे–पीछे झुकने वाले आसन, कब्ज, गैस, एसिडिटी को कम करते हैं.
धार्मिक ग्रंथों में पाचन अग्नि को “जीवन अग्नि” कहा गया है और सूर्य नमस्कार इसे तेज करता है.
मन, विचार और भावनाएं शांत करता है
गहरी सांसों के कारण. तनाव कम, ओवरथिंकिंग घटती, नींद बेहतर, मन शांत
ध्यान और सूर्य नमस्कार साथ करने पर मानसिक शुद्धि और भी तेज होती है.
रोग से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है
धार्मिक मान्यता है कि सूर्य की रोशनी रोगों को दूर करती है.
वैज्ञानिक रूप से सूर्य नमस्कार
इम्यूनिटी बढ़ाता है, खून साफ करता है, शरीर को हेल्थी रखता है, त्वचा को चमकदार बनाता है, सूर्य नमस्कार + सुबह की धूप, चेहरे में ग्लो, खून का संचार तेज, झुर्रियां कम, स्किन नैचुरली साफ करता है.
धार्मिक रूप से सुबह सूर्य की रोशनी को तेज (प्रकाश) का आशीर्वाद माना जाता है.
सूर्य नमस्कार के 12 आसन
प्रणामासन: प्रार्थना की मुद्रा में खड़े हों.
हस्त उत्तानासन: सांस लेते हुए हाथों को ऊपर उठाएं और थोड़ा पीछे झुकें.
हस्त पादासन: सांस छोड़ते हुए कमर से आगे झुकें और हाथों से पैरों को छूने की कोशिश करें.
अश्व संचालनासन: सांस लेते हुए दाहिने पैर को पीछे ले जाएं, घुटने को मोड़ें और बाकी पैर को नीचे रखें.
पर्वतासन: दोनों पैरों को पीछे ले जाकर शरीर को पर्वत की तरह उठाएं.
अष्टांग नमस्कार: शरीर को नीचे लाएं, लेकिन केवल घुटने, छाती और माथा जमीन से छूने दें.
भुजंगासन: सांस लेते हुए शरीर के निचले हिस्से को जमीन पर रखते हुए, छाती और कंधे को ऊपर उठाएं.
पर्वतासन: शरीर को फिर से पर्वत की मुद्रा में ले आएं.
अश्व संचालनासन: दाहिने पैर को आगे लाएं और बाएं पैर को पीछे लेकर जाएं.
हस्त पादासन: सांस छोड़ते हुए, कमर से आगे झुकें.
हस्त उत्तानासन: सांस लेते हुए, हाथों को ऊपर उठाएं.
प्रणामासन: सांस छोड़ते हुए, हाथ नीचे लाएं और सीधे खड़े हो जाएं.
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