Sharad Purnima 2025: शरद पूर्णिमा पर पढ़ें महालक्ष्मी स्तुति, जानें क्या मिलेगा लाभ

Sharad Purnima 2025: शरद पूर्णिमा, साल की वो रात होती हैं जब चांद अपनी पूरी चमक के साथ आसमान में खिल उठता है. इस रात मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है, क्या अपने सोचा है कि इस रात मां लक्ष्मी की स्तुति पढ़ने से आपके जीवन में क्या बदलाव आ सकते हैं, और इससे क्या लाभ मिलते हैं? आइए जानते है.

By JayshreeAnand | October 5, 2025 3:28 PM

Sharad Purnima 2025: वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल शरद पूर्णिमा 6 अक्टूबर को है. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा करने से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है. लक्ष्मी स्तुति पढ़ने से धन-समृद्धि में वृद्धि होती है और नकारात्मकता दूर होती है. इस रात चंद्रमा की पूर्ण रोशनी को विशेष आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक माना जाता है, जो साधक के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाती है.

पढ़ें महालक्ष्मी स्तुति

आदि लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु परब्रह्म स्वरूपिणि।

यशो देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।1।।

सन्तान लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु पुत्र-पौत्र प्रदायिनि।

पुत्रां देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।2।।

विद्या लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु ब्रह्म विद्या स्वरूपिणि।

विद्यां देहि कलां देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।3।।

धन लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व दारिद्र्य नाशिनि।

धनं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।4।।

धान्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्वाभरण भूषिते।

धान्यं देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।5।।

मेधा लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु कलि कल्मष नाशिनि।

प्रज्ञां देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।6।।

गज लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्वदेव स्वरूपिणि।

अश्वांश गोकुलं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।7।।

धीर लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु पराशक्ति स्वरूपिणि।

वीर्यं देहि बलं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।8।।

जय लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व कार्य जयप्रदे।

जयं देहि शुभं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।9।।

भाग्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सौमाङ्गल्य विवर्धिनि।

भाग्यं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।10।।

कीर्ति लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु विष्णुवक्ष स्थल स्थिते।

कीर्तिं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।11।।

आरोग्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व रोग निवारणि।

आयुर्देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।12।।

सिद्ध लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व सिद्धि प्रदायिनि।

सिद्धिं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।13।।

सौन्दर्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्वालङ्कार शोभिते।

रूपं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।14।।

साम्राज्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु भुक्ति मुक्ति प्रदायिनि।

मोक्षं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।15।।

मङ्गले मङ्गलाधारे माङ्गल्ये मङ्गल प्रदे।

मङ्गलार्थं मङ्गलेशि माङ्गल्यं देहि मे सदा।।16।।

सर्व मङ्गल माङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।

शरण्ये त्रयम्बके देवि नारायणि नमोऽस्तुते।।17।।

शुभं भवतु कल्याणी आयुरारोग्य सम्पदाम्।

लक्ष्मी स्तुति पढ़ने से क्या लाभ होता है?

मान्यता है कि सरद पूर्णिमा की रात लक्ष्मी स्तुति पढ़ने से जीवन में धन, समृद्धि और सुख-शांति बढ़ती है. साथ ही नकारात्मकता और परेशानियाँ दूर होती हैं.

क्या है शरद पूर्णिमा का महत्व

शरद पूर्णिमा को चंद्रमा की पूर्ण रोशनी वाली रात माना जाता है. यह रात सुख, शांति और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक मानी जाती है.

इस दिन किसकी पूजा करनी चाहिए?

इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है.

क्या लक्ष्मी स्तुति पढ़ने से जीवन में बदलाव आते हैं?

लक्ष्मी स्तुति पढ़ने से जीवन में कई अच्छे बदलाव आते हैं. इससे घर में धन और समृद्धि बढ़ती है, मन में शांति और खुशी रहती है, और तनाव कम होता है. बुरी शक्तियाँ और नकारात्मकता दूर होती हैं, जीवन में आने वाली परेशानियाँ कम हो जाती हैं.

शरद पूर्णिमा की रात क्यों खास है?

यह रात आध्यात्मिक शक्ति और सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण मानी जाती है. साधक इस दिन की पूर्णिमा में विशेष उपाय और पूजा करके अपने जीवन में खुशहाली ला सकते हैं.

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