Sharad Purnima 2022: शरद पूर्णिमा कब है? जानें शुभ मुहूर्त, लक्ष्मी पूजा विधि, चंद्र दोष दूर करने के उपाय

Sharad Purnima 2022: अश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहा जाता है. शरद पूर्णिमा पर विशेष रूप से चंद्रमा और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन कुछ खास नियमों का पालन करने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. जानें शरद पूर्णिमा लक्ष्मी पूजन विधी और मंत्र.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 7, 2022 12:07 PM

Sharad Purnima 2022: हिंदू धर्म में सभी पूर्णिमा तिथियों को विशेष माना गया है लेकिन सभी पूर्णिमा में शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima 2022) का विशेष स्थान है. इस साल शरद पूर्णिमा 9 अक्टूबर दिन रविवार को है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन रात को चंद्रमा से अमृत वर्षा होती है यही वजह है कि रात को चंद्रमा की रोशनी में पकी हुई खीर रखने की परंपरा है. जानें शरद पूर्णिमा के दिन देवी लक्ष्मी (Goddess Laxmi) को प्रसन्न करने के लिए किस विधि से पूजा करें…

शरद पूर्णिमा तिथि, चंद्र उदय का समय

शरद पूर्णिमा तारीख- 9 अक्टूबर, 2022

शरद पूर्णिमा चंद्र उदय का समय- 05:51 शाम

पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- 9 अक्टूबर, 2022, सुबह 03:41 बजे से

पूर्णिमा तिथि समाप्त- 10 अक्टूबर, सुबह 02:24 बजे

शरद पूर्णिमा पूजा विधि

  • शरद पूर्णिमा के दिन सुबह उठकर व्रत का संकल्प लें.

  • इसके बाद किसी पवित्र नदी या कुंड में स्नान करें.

  • स्वच्छ वस्त्र धारण करने के बाद अपने ईष्टदेव की अराधना करें.

  • पूजा के दौरान भगवान को गंध, अक्षत, तांबूल, दीप, पुष्प, धूप, सुपारी और दक्षिणा अर्पित करें.

  • रात्रि के समय गाय के दूध से खीर बनाएं और आधी रात को भगवान को भोग लगाएं.

  • रात को खीर से भरा बर्तन चांद की रोशनी में रखकर उसे दूसरे दिन ग्रहण करें.

  • यह खीर प्रसाद के रूप में सभी को वितरित करें.

शरद पूर्णिमा के दिन इस विधि देवी लक्ष्मी पूजा

रात्रि में मां लक्ष्मी की षोडशोपचार विधि से पूजा करके ‘श्रीसूक्त’ का पाठ, ‘कनकधारा स्तोत्र’, विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ अथवा भगवान् कृष्ण का ‘मधुराष्टकं’ का पाठ ईष्टकार्यों की सिद्धि दिलाता है पूजा में मिष्ठान, मेवे और खीर का भोग लगाएं.

शरद पूर्णिमा पूजा मंत्र

1-ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मी नम:।।

2- ॐ श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।।

3- ॐ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:।

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चंद्र दोष से मुक्ति के लिए शरद पूर्णिमा के दिन करें ये उपाय

खीर में मिश्रित दूध, चीनी और चावल के कारक भी चंद्रमा ही हैं अतः इनमें चंद्रमा का प्रभाव सर्वाधिक रहता है जिसके परिणाम स्वरूप किसी भी जातक की जन्म कुंडली में चंद्रमा क्षीण हों, महादशा-अंतर्दशा या प्रत्यंतर्दशा चल रही हो या चंद्रमा छठवें, आठवें या बारहवें भाव में हो तो चन्द्रमा की पूजा करते हुए स्फटिक माला से ‘ॐ सों सोमाय’ मंत्र का जाप करें, ऐसा करने से चंद्रजन्य दोष से शान्ति मिलेगी.

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