Premanand Ji Maharaj: भगवान का नाम जाप नहीं करने से क्या होता है? जानिए क्या कहा प्रेमानंद जी महाराज ने
Premanand Ji Maharaj: क्या आप जानते हैं कि भगवान का नाम जाप नहीं करने से और उनकी पूजा छोड़ देने से जीवन में क्या बदलाव आता है? आइए जानते हैं प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार, क्यों हमेशा भगवान का नाम जप करना और उनकी भक्ति करना जीवन के लिए बहुत जरूरी है.
Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज का कहना है कि भगवान का नाम लेना जीवन में शांति, आनंद और सच्ची भक्ति का स्रोत है. अगर कोई व्यक्ति नाम जप को छोड़ देता है, तो उसका मन संसार की चीज़ों में उलझ जाता है और आत्मिक आनंद कम हो जाता है. नाम जप न करने से सेवा, भक्ति और परम सत्य की प्राप्ति में बाधा आती है. आइए जानते हैं क्यों निरंतर नाम जप करना जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है.
भगवत ज्ञान की प्राप्ति में आती है रुकावट
नाम जप छोड़ देने से व्यक्ति को परम सत्य और भगवत ज्ञान की ओर जाने से रोकता है. बिना नाम जप के, आत्मा में आसक्ति और भक्ति का भाव कम हो जाता है, जिससे आध्यात्मिक उन्नति मुश्किल हो जाती है.
सेवा और भक्ति में कमी
जब भगवान के नाम की याद नहीं रहती, तो की गई सेवा केवल सांसारिक प्रेरणा से होती है और उसे वास्तविक भक्ति नहीं माना जाता. नाम जप से ही सेवा में प्रेम और श्रद्धा का भाव जन्म लेता है.
निरंतर नाम जप का महत्व
प्रेमानंद जी महाराज का कहना है कि किसी भी प्रकार के प्रतिबंध या परिस्थिति से ऊपर उठकर निरंतर भगवान का नाम लेते रहना चाहिए. यह जीवन में सच्ची शांति, आनंद और मुक्ति का मार्ग है.
भगवान नाम जप के लाभ
भगवान का नाम जप करने से मन शांत रहता है. एकाग्रता बढ़ती है और अंदर से सकारात्मक ऊर्जा महसूस होती है. नियमित नाम जप से शरीर और मन दोनों शुद्ध होते हैं. नकारात्मक विचार और दोष धीरे-धीरे समाप्त होते हैं.
क्या भगवान नाम जप से इच्छाओं की पूर्ति होती है?
हाँ, नाम जप से व्यक्ति की इच्छाओं में संतुलन आता है और सही समय पर जरूरतों की पूर्ति होती है.
क्या नाम जप केवल सुबह ही करना चाहिए?
नहीं, नाम जप किसी भी समय किया जा सकता है, लेकिन सुबह और शाम के समय इसे करना अधिक शुभ माना जाता है.
नाम जप करने के लिए किसी विशेष मंत्र या शब्द की आवश्यकता है?
हीं, कोई भी पवित्र नाम या भगवान का नाम जिसे श्रद्धा से लिया जाए, प्रभावी होता है.
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