Pitru Paksha 2025: पितृ पक्ष 2025 में षष्ठी एवं सप्तमी का श्राद्ध-तर्पण एक ही दिन, रखें विशेष ध्यान

Pitru Paksha 2025: पितृ पक्ष पर लोग अपने मरे हुए पूर्वजों को याद करते हैं और उनकी आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण करते हैं. 7 सितंबर से पितृ पक्ष शुरू हो रहा है. वर्ष 2025 में पितृ पक्ष का एक विशेष दिन 13 सितंबर को होगा, जब षष्ठी और सप्तमी दोनों का श्राद्ध एक साथ किया जाएगा.

By Neha Kumari | September 6, 2025 11:54 AM

Pitru Paksha 2025: सनातन धर्म में पितृ पक्ष का खास महत्व है. पितृपक्ष के दौरान लोग अपने मरे हुए पूर्वजों को याद करते हुए उनकी आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करते हैं. पितृ पक्ष आश्विन महीने की प्रतिपदा से शुरू होता है. इस वर्ष इसकी शुरुआत 7 सितंबर को होगी और इसका समापन 21 सितंबर को होगा. 7 सितंबर को पूर्णिमा व्रत और नान्दी मातामह का श्राद्ध होगा. इसी दिन दोपहर 12:57 बजे से चंद्र ग्रहण का सूतक लग जाएगा, इसलिए बेहतर होगा कि श्राद्ध से जुड़े सारे काम सूतक शुरू होने से पहले ही कर लिए जाएं.

8 सितंबर को प्रतिपदा तिथि का श्राद्ध और तर्पण किया जाएगा. बता दें कि इस वर्ष एक ही दिन 13 सितंबर को षष्ठी और सप्तमी दोनों का श्राद्ध होगा. वहीं अष्टमी का श्राद्ध 14 सितंबर को सुबह 8:41 के बाद करना शुभ रहेगा. 15 सितंबर को नवमी तिथि का श्राद्ध होगा और 21 सितंबर को सर्वपितृ अमावस्या के साथ पितृ पक्ष का समापन होगा.

पितृ दोष

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, जिन लोगों की कुंडली में पितृ दोष होता है, उन्हें अक्सर जीवन में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. यह दिक्कतें कई प्रकार की हो सकती हैं जैसे काम में रुकावट, धन हानि, बीमारी और सम्मान की कमी समेत कई अन्य दिक्कतें. माना जाता है कि यदि पितरों का श्राद्ध न किया जाए तो आत्मा को शांति नहीं मिलती और वह इसी दुनिया में भटकती रहती है. इसलिए पितरों का श्राद्ध और तर्पण करना बेहद जरूरी है.

पितृपक्ष मान्यता

मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान यमराज आत्माओं को अपने परिवार के पास आने की अनुमति देते हैं ताकि वे तर्पण ग्रहण कर सकें. इस दौरान श्रद्धा और नियमों का सही तरह से पालन कर किया गया श्राद्ध पितरों को प्रसन्न करता है और परिवार में सुख-शांति लाता है.

यह भी पढ़े: Pitru Paksha 2025: पितृपक्ष में करें इन चीजों के दान, पितर होंगे प्रसन्न, बरसेगी अपार कृपा