Pitru Dosh In Kundali Upay: कैसे लगता है पितृदोष, पितृदोष से मुक्ति पाने के लिए करें ये उपाय

Pitru Dosh In Kundali Upay: इस साल 20 सितंबर दिन सोमवार पितृपक्ष का पहला दिन है. व्यक्ति के जीवन में पितृ दोष बहुत ही ज्यादा प्रभाव डालता है. पितृ दोष से पीड़ित व्यक्ति का जीवन अत्यंत कष्टमय हो जाता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 19, 2021 2:04 PM

Pitru Dosh In Kundali Upay: इस साल 20 सितंबर दिन सोमवार पितृपक्ष का पहला दिन है. व्यक्ति के जीवन में पितृ दोष बहुत ही ज्यादा प्रभाव डालता है. पितृ दोष से पीड़ित व्यक्ति का जीवन अत्यंत कष्टमय हो जाता है. जिस जातक की कुंडली में यह दोष होता है उसे धन अभाव से लेकर मानसिक क्लेश तक का सामना करना पड़ता है. पितृदोष से पीड़ित जातक की उन्नति में बाधा रहती है.

क्यों लगता है पितृ दोष

घर में स्त्रियों के साथ दुराचार करना, उन्हें नीचा दिखाना, उनका सम्मान न करने से शुक्र ग्रह बहुत बुरा फल देता है, जिसका असर आने वाली चार पीढ़ियों तक रहता है. जिस घर में जानवरों के साथ बुरा सुलूक किया जाता है, उस घर में पितृ दोष आना स्वाभाविक है. जिस घर में विनम्र रहने वाले व्यक्ति का अपमान होता है. वह घर पितृदोष से पीड़ित होगा. जमीन हथियाने से, हत्या करने से पितृ दोष लगेगा. बुजुर्गों का अपमान करने पर और मित्र या प्रेमी को धोखा देने से भी पितृ दोष लगता है.

पितृ दोष का उपाय

पितृ दोष का उपाय कुंडली के ग्रहों की स्थिति अनुसार करके ही इसका पूर्ण रूप से निवारण किया जा सकता है. फिर भी पितृदोष का प्रभाव कम करने के लिए कुछ आसान व सरल उपाय दिए जा रहे हैं, जिनसे इसका प्रभाव कम किया जा सकता है.

कुंडली में पितृ दोष बन रहा हो तब जातक को घर की दक्षिण दिशा की दीवार पर अपने स्वर्गीय परिजनों का फोटो लगाकर उस पर हार चढ़ाकर रोजाना उनकी पूजा स्तुति करना चाहिए. उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है.

अपने स्वर्गीय परिजनों की निर्वाण तिथि पर जरूरतमंदों अथवा गुणी ब्राह्मणों को भोजन कराए. भोजन में मृतात्मा की कम से कम एक पसंद की वस्तु अवश्य बनाएं. अपनी सामर्थ्यानुसार गरीबों को वस्त्र और अन्न आदि दान करने से भी यह दोष मिटता है.

पीपल के वृक्ष पर दोपहर में जल, पुष्प, अक्षत, दूध, गंगाजल, काले तिल चढ़ाएं और स्वर्गीय परिजनों का स्मरण कर उनसे आशीर्वाद मांगें. शाम के समय में दीप जलाएं और नाग स्तोत्र, महामृत्युंजय मंत्र या रुद्र सूक्त या पितृ स्तोत्र व नवग्रह स्तोत्र का पाठ करें. इससे भी पितृ दोष की शांति होती है.

सोमवार प्रात:काल में स्नान कर नंगे पैर शिव मंदिर में जाकर आक के 21 पुष्प, कच्ची लस्सी, बिल्वपत्र के साथ शिवजी की पूजा करें. 21 सोमवार करने से पितृदोष का प्रभाव कम होता है. प्रतिदिन इष्ट देवता व कुल देवता की पूजा करने से भी पितृ दोष का शमन होता है.

कुंडली में पितृदोष होने से किसी गरीब कन्या का विवाह या किसी बीमार व्यक्ति की सहायता करने पर भी लाभ मिलता है. ब्राह्मणों को प्रतीकात्मक गोदान, गर्मी में राहगीरों को शीतल जल पिलाने से भी पितृदोष से छुटकारा मिलता है.

पवित्र पीपल तथा बरगद के पेड़ लगाएं. विष्णु भगवान के मंत्र जाप, श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करने से भी पित्तरों को शांति मिलती है और दोष में कमी आती है. पितरों के नाम पर गरीब विद्यार्थियों की मदद करने तथा दिवंगत परिजनों के नाम से अस्पताल, मंदिर, विद्यालय, धर्मशाला आदि का निर्माण करवाने या दान देने से भी अत्यंत लाभ मिलता है.

संजीत कुमार मिश्रा

ज्योतिष एवं रत्न विशेषज्ञ

मोबाइल नंबर- 8080426594-9545290847

Posted by: Radheshyam Kushwaha

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