Paush Purnima 2021: पौष पूर्णिमा कब है, जानिए तारीख, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन का महत्व

Paush Purnima 2021: हिंदू धर्म में पौष पूर्णिमा का विशेष महत्व है. पौष माह में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा शुभ फल देने वाला होता है. हिन्दू धर्म और भारतीय जनजीवन में पूर्णिमा तिथि का बड़ा ही महत्व है. पूर्णिमा तिथि को चंद्रमा प्रिय होती है. इस दिन चंद्रमा अपने पूर्ण आकार में होते है. मान्यता के अनुसार पौष पूर्णिमा के दिन दान, स्नान और सूर्यदेव को अर्घ्य देने का विशेष महत्व बताया गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 18, 2021 11:55 AM

Paush Purnima 2021: हिंदू धर्म में पौष पूर्णिमा का विशेष महत्व है. पौष माह में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा शुभ फल देने वाला होता है. हिन्दू धर्म और भारतीय जनजीवन में पूर्णिमा तिथि का बड़ा ही महत्व है. पूर्णिमा तिथि को चंद्रमा प्रिय होती है. इस दिन चंद्रमा अपने पूर्ण आकार में होते है. मान्यता के अनुसार पौष पूर्णिमा के दिन दान, स्नान और सूर्यदेव को अर्घ्य देने का विशेष महत्व बताया गया है. ऐसा कहा जाता है कि पौष मास में समय से किए जाने वाले धार्मिक कर्मकांड की पूर्णता: पूर्णिमा के दिन स्नान करने से सार्थक हो जाती है. पौष पूर्णिमा के दिन काशी, प्रयागराज, और हरिद्वार में गंगास्नान का बड़ा महत्व है.

मान्यता के अनुसार पौष मास सूर्यदेव का मास कहा जाता है. इस मास में सूर्यदेव की आराधना से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है, इसलिए पौष पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान और सूर्यदेव को अर्घ्य देने की परंपरा है. चूंकि पौष का महीना सूर्यदेव का महीना होता है. पूर्णिमा चंद्रमा की तिथि है. अत: सूर्य और चंद्रमा का यह अद्भूत संगम पौष पूर्णिमा की तिथि को ही होता है. इस दिन सूर्य और चंद्रमा दोनों के पूजन से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. जीवन में आने वाली बाधाएं दूर हो जाती हैं.

पौष पूर्णिमा तिथि व शुभ मुहूर्त

28 जनवरी 2021 को 01 बजकर 18 मिनट से पूर्णिमा आरम्भ

29 जनवरी 2021 की रात 12 बजकर 47 मिनट पर पूर्णिमा समाप्त

Also Read: Basant Panchami 2021: कब है बसंत पंचमी, जानिए तारीख, मां सरस्वती की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और इसका महत्व
पौष पूर्णिमा व्रत और पूजा विधि

पौष पूर्णिमा पर स्नान, दान और जप व व्रत करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. इस दिन स्नान दान करने पर व्यक्ति को मोक्ष मिलता है. इस दिन सूर्यदेव की आराधना का विशेष महत्व होता है. पौष पूर्णिमा के दिन प्रात: काल स्नान से पहले व्रत का संकल्प लें. पवित्र नदी या कुंड में स्नान करें और स्नान से पूर्व वरुणदेव को प्रणाम करें.

स्नान के पश्चात सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्यदेव को अर्घ्य देना चाहिए. स्नान से निवृत्त होकर भगवान मधुसूदन की पूजा करनी चाहिए और उन्हें नैवेद्य अर्पित करना चाहिए. किसी जरुरतमंद व्यक्ति या ब्राह्मण को भोजन कराकर दान-दक्षिणा देनी चाहिए. दान में तिल, गुड़, कंबल और ऊनी वस्त्र विशेष रुप से देने चाहिए.

जानें किस महीने में कब है पूर्णिमा

28 जनवरी दिन बृहस्पतिवार: पौष पूर्णिमा

27 फरवरी दिन शनिवार: माघ पूर्णिमा

28 मार्च दिन रविवार: फाल्गुन पूर्णिमा

26 अप्रैल दिन सोमवार: चैत्र पूर्णिमा

26 मई दिन बुधवार: बुद्ध पूर्णिमा

24 जून दिन बृहस्पतिवार: ज्येष्ठ पूर्णिमा

Also Read: Kumbh Mela 2021: एक साल पहले लग रहा महाकुंभ इस बार होगा विशेष, जानें इसकी वजह और शाही स्नान की तिथियां

जुलाई 23 दिन शुक्रवार: आषाढ़ पूर्णिमा व्रत

22 अगस्त दिन रविवार: श्रावण पूर्णिमा

20 सितंबर दिन सोमवार: भाद्रपद पूर्णिमा

20 अक्टूबर दिन बुधवार: आश्विन पूर्णिमा

18 नवंबर दिन बृहस्पतिवार : कार्तिक पूर्णिमा

18 दिसंबर दिन शनिवार: मार्गशीर्ष पूर्णिमा

Posted by: Radheshyam Kushwaha

Next Article

Exit mobile version