Ravi Pradosh Vrat 2024: 5 मई को रवि प्रदोष व्रत, जानिए पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व

Ravi Pradosh Vrat 2024: इस वर्ष रवि प्रदोष व्रत 5 मई 2024 को रखा जाएगा

By Shaurya Punj | May 3, 2024 6:04 PM

Ravi Pradosh Vrat 2024: रवि प्रदोष व्रत, जो वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रविवार के दिन पड़ रहा है, हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है. भगवान शिव की आराधना के लिए समर्पित यह व्रत खुशी, स्वास्थ्य, सफलता और मुक्ति का वरदान प्रदान करने वाला माना जाता है. इस वर्ष रवि प्रदोष व्रत 5 मई 2024 को रखा जाएगा.

शुभ मुहूर्त

त्रयोदशी तिथि प्रारंभ: 5 मई 2024, शाम 05:41 बजे
त्रयोदशी तिथि समाप्त: 6 मई 2024, दोपहर 02:40 बजे
प्रदोष काल: 5 मई 2024, शाम 06:30 बजे से 08:18 बजे तक

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रवि प्रदोष व्रत के क्या नियम है?

तामसिक भोजन का त्याग: व्रत के दौरान लहसुन, प्याज, मांस, मदिरा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए.
ब्रह्मचर्य का पालन: व्रत के दौरान मन, वचन और कर्म से शुद्ध रहना चाहिए.
शिव पूजा: प्रदोष काल में भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए.
दान-पुण्य: दान-पुण्य करना इस व्रत का विशेष महत्व है.
नमक का त्याग: व्रत के दिन नमक का सेवन नहीं करना चाहिए.
सकारात्मक विचार: नकारात्मक विचारों से दूर रहना चाहिए और सकारात्मक विचारों को अपनाना चाहिए.
सात्विक भोजन: व्रत के दौरान केवल फल और जल का सेवन करना चाहिए.

रवि प्रदोष व्रत का महत्व

पापों का नाश: रवि प्रदोष व्रत रखने से समस्त पापों का नाश होता है.
ग्रहों की शांति: इस व्रत से ग्रह शांत होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है.
मनोकामना पूर्ति: इस व्रत से भगवान शिव भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं.
अकाल मृत्यु से बचाव: यह व्रत अकाल मृत्यु से बचाता है.
पारिवारिक सुख-शांति: इस व्रत से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है.

पूजा विधि

सूर्यास्त के बाद स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें.
पूजा स्थल को साफ करें और भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित करें.
शिव जी का गंगाजल, दूध, और पंचामृत से अभिषेक करें.
चंदन, फूल, बेलपत्र, धतूरा आदि अर्पित करें.
दीपक और धूप जलाएं.
प्रदोष व्रत कथा का पाठ करें और शिव मन्त्रों का जाप करें.
भगवान शिव को भोग लगाएं.
आरती करें और व्रत का समापन करें.

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847

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